
गर्मी और बारिश में लोग मच्छरों से परेशान रहते हैं. मच्छरों के काटने से कई बीमारियां होने लगती हैं. हालांकि ज्यादातर लोगों ने मच्छरों से फैलने वाली बीमारी डेंगू और मलेरिया के बारे में ही सुना है. बारिश में मच्छर बढ़ जाते हैं और डेंगू और मलेरिया फैलाते हैं. लेकिन आपको पता नहीं है इन दो बीमारियों के अलावा और भी ऐसी कुछ बड़ी बीमारियां हैं जिनकी वजह मच्छर ही होते हैं. ये बीमारियां काफी खतरनाक हैं और अगर इनका समय से इलाज ना किया जाये तो आपकी सेहत पर भारी पड़ सकती हैं. आज हम आपको मच्छर से फैलने वाली कुछ अन्य बीमारियों के बारे में बता रहे हैं. जानते हैं उनके लक्षण.
डेंगू– बारिश में एडीज मच्छर के काटने से डेंगू बुखार फैलता है. डेंगू होने पर तेज फीवर आता है. करीब 5 से 10 दिन में डेंगू के लक्षण दिखने लगते हैं. इसमें बुखार के लक्षण फ्लू जैसे होते हैं. डेंगू में प्लेटलेट्स काफी कम हो जाते हैं जो इस बीमारी को खतरनाक बना देती है.
चिकुनगुनिया– एडीज मच्छर चिकुनगुनिया की भी वजह बनता है. इसमें व्यक्ति को बुखार, शरीर में दर्द, सिरदर्द, त्वचा पर चकत्ते पड़ जाते हैं. इसके अलावा चिकनगुनिया में जोड़ों में बहुत दर्द होता है और जोड़ों का दर्द कई हफ्तों से लेकर महीनों और सालों तक भी रह सकता है.
पीला बुखार– एडीज मच्छर के काटने से कुछ लोगों को पीला बुखार भी आता है. पीले बुखार के लक्षणों में बुखार, सिरदर्द, पीलिया और मांसपेशियों में दर्द होता है. कुछ लोगों को नाक या मुंह से ब्लड आने जैसे सीरियस लक्षण भी हो सकते हैं.
मलेरिया– मच्छर के काटने से मलेरिया भी होता है. ये बीमारी हर सीजन में काफी लोगों को होती है. मादा एनोफेलीज मच्छर के काटने से मलेरिया फैलता है. इसमें बुखार, ठंड लगना और सिरदर्द जैसे लक्षण दिखते हैं.
जापानी इंसेफेलाइटिस- जापानी इंसेफेलाइटिस इसे आम भाषा में जापानी बुखार भी कहते हैं इस बीमारी के मामले एशिया में सबसे ज्यादा सामने आते हैं. इसमें बुखार और सिरदर्द शामिल हैं, कुछ लोगों में शरीर का इठना और लकवा जैसे गंभीर लक्षण भी हो सकते हैं. इस बुखार का असर दिमाग पर भी पड़ता है.
जीका वारयस– एडीज एल्बोपिक्टस मच्छर के काटने से जीका वायरस फैल सकता है. ये काफी खतरनाक है. जीका वायरस के लक्षणों में लाल आंखें, थकान और मांसपेशियों में दर्द शामिल है. ज्यादातर लोग जो इस वायरस से संक्रमित होते हैं अगर वो समय पर ट्रीटमेंट लें तो डॉक्टर की बतायी दवाओं से ठीक हो सकते हैं.