
आज पूरी दुनिया में ‘वर्ल्ड थायराइड अवेयरनेस डे’ सेलिब्रेट किया जा रहा है. इस दिवस के मौके पर कई तरह के कैंपेन, कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, ताकि लोगों को थायराइड रोग के प्रति जागरूक किया जाए. इस बीमारी की गंभीरता को समझाया जाए और सही समय पर निदान और इलाज शुरू किया जा सके. थायराइड ग्लैंड के सही से काम ना करने पर कई तरह की बीमारियां जैसे हाइपरथायराइडिज्म, हाइपोथायराइडिज्म के होने का जोखिम बढ़ जाता है. हमारे गर्दन में एक तितली नुमा आकार की ग्रंथि यानी ग्लैंड होती है, जिसे थायराइड कहा जाता है. इसका मुख्य काम है हार्मोन का निर्माण करना. इससे शरीर का मेटाबॉलिज्म नियंत्रित रहता है. जब भी किसी के शरीर में थायराइड हार्मोन के लेवल में उतार-चढ़ाव आता है, तो शरीर में कई तरह की समस्याएं शुरू हो जाती हैं. यदि आप थायराइड रोग जैसे हाइपरथायराइडिज्म, हाइपोथायराइडिज्म से बचे रहना चाहते हैं, तो अपनी डाइट पर खास ध्यान दें. हेल्दी डाइट फॉलो करके आप थायराइड संबंधित समस्याओं से बचे रह सकते हैं.
थायराइड के लक्षण
अधिक वजन बढ़ना या कम होना
बालों का अधिक गिरना
त्वचा का ड्राई होना
गर्दन में सूजन की समस्या होना
हार्ट बीट में बदलाव होना
शरीर का एनर्जी लेवल कम होना
चिड़चिड़ापन, मूड स्विंग
पीरियड्स अनियमित होना
हाथ-पैरों का सुन्न होना
नाखूनों का बेजान होना, टूटना
मांसपेशियों में कमजोरी महसूस करना
कब्ज या दस्त की समस्या
थायराइड होने पर डाइट टिप्स
क्लिनिकल न्यूट्रिशनिस्ट अंशुल जयभारत कहती हैं कि थायराइड में खानपान का विशेष ध्यान रखा जाए, तो इसे कंट्रोल किया जा सकता है. जिन लोगों को थायराइड की समस्या होती है, उन्हें प्रतिदिन एक स्वस्थ और संतुलित डाइट लेनी जरूरी होती है. अधिक से अधिक बाजरा का सेवन करें. भोजन को कभी भी स्किप ना करें, कई लोग वजन कम करने के चक्कर में खाना छोड़ देते हैं. थायराइड में खाना कभी भी स्किन ना करें. सोया, अलसी के बीजों का सेवन हर दिन ना करें. साथ ही फूलगोभी, पत्तागोभी, ब्रोकली का सेवन कच्चा नहीं करें, इन्हें अच्छी तरह से पका कर ही खाएं. मौसमी फलों, सब्जियों का सेवन अधिक करें. घर का बना ताजा खाना खाएं. भोजन में आयोडीन की कमी ना होने दें. प्रॉसेस्ड फूड्स, जंक फूड्स आदि का सेवन बहुत कम करें. एल्कोहल, स्मोकिंग का सेवन ना करें या सीमित मात्रा में ही करें.
शारीरिक रूप से एक्टिव रहना है ज़रूरी
अंशुल जयभारत कहती हैं कि स्वस्थ रहने के लिए शारीरिक रूप से एक्टिव रहना बहुत जरूरी है. खासकर, यदि किसी को थायराइड की समस्या है, तो उन्हें मेटाबॉलिज्म को सुधारने वाले एक्सरसाइज करने चाहिए. इसके लिए आप डीप ब्रीदिंग एक्सरसाइज हर दिन करें. सप्ताह में लगभग 180 मिनट शारीरिक व्यायाम, एक्टिविटी बेहद ज़रूरी है. थायराइड होने पर डॉक्टर की सलाह मानें, उनकी दी दवाओं का सेवन सही समय पर करें. नियमित रूप से चेकअप कराएं.