LAC Issue India-China: भले ही चीन एलएसी पर विवादों को सुलझाने की बात करता हो लेकिन हकीकत कुछ और ही है. साल 2022 में चीन ने सीमा विवाद के बीच एलएसी पर सैनिकों की संख्या बढ़ा दी थी और बुनियादी ढांचे का निर्माण जारी रखा था. यह दावा किया है अमेरिकी रक्षा मंत्रालय यानी पेंटागन की रिपोर्ट में यह दावा किया गया है. रिपोर्ट में कहा गया, चीन के निर्माण में डोकलाम के पास अंडरग्राउंड स्टोरेज सेंटर, पैंगोंग झील पर दूसरा पुल, एलएसी के पास एयरपोर्ट और कई हेलीपैड्स का कंस्ट्रक्शन शामिल है.

भारत और चीन कई दौर की राजनयिक व सैन्य बातचीतों के बाद कई इलाकों से सैनिकों के वापस बुला चुके हैं, फिर भी दोनों देशों के सैनिकों के बीच पिछले तीन साल से पूर्वी लद्दाख की कई जगहों पर टकराव जारी है. मिलिट्री एंड सिक्योरिटी डेवलपमेंट्स इन्वॉल्विंग द पीपल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना रिपोर्ट 2023 के मुताबिक, मई 2020 की शुरुआत से भारत-चीन सीमा पर लगातार तनाव ने वेस्टर्न थिएटर कमांड का ध्यान खींचा है. 

चीन ने मजबूत किया बुनियादी ढांचा

इस महीने अमेरिकी रक्षा मंत्रालय की रिपोर्ट में कहा गया, 'सीमा निर्धारण के मामले में भारत और पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना (पीआरसी) के बीच अलग-अलग धारणाएं हैं. एलएसी और दोनों पक्षों के हालिया बुनियादी ढांचे के निर्माण के कारण कई झड़पें हुईं, गतिरोध जारी रहा और साझा सीमा पर सैनिकों की तैनाती हुई.' रिपोर्ट में कहा गया है कि 2022 में चीन ने एलएसी पर सैन्य बुनियादी ढांचे का निर्माण जारी रखा.

रिपोर्ट के मुताबिक, 'इस बुनियादी ढांचे में डोकलाम के पास अंडरग्राउंड सुविधाएं, एलएसी के सभी तीन क्षेत्रों में नई सड़कें, पड़ोसी भूटान में विवादित क्षेत्रों में नए गांव, पैंगोंग झील पर दूसरा पुल, हवाई अड्डा और कई हेलीपैड शामिल हैं.'

रिपोर्ट में कहा गया कि जून 2020 में गलवान घाटी में पीआरसी और भारतीय गश्ती दल के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद 'वेस्टर्न थिएटर कमांड' ने भारी संख्या में पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के सैनिकों को एलएसी पर तैनात कर दिया था. 

'कोई पीछे हटने को तैयार नहीं'

भारत और चीन के बीच सैनिकों के बीच 15 जून 2020 को गलवान घाटी में हुई झड़प के बाद दोनों देशों के रिश्ते काफी तनावपूर्ण हो गए थे. रिपोर्ट में कहा गया है कि 2023 में भी एलएसी पर वेस्टर्न थियेटर कमांड की तैनाती जारी रहने की आशंका है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत और चीन के बीच बातचीत आगे इसलिए नहीं बढ़ पा रही है क्योंकि दोनों पक्ष सीमा पर अपने-अपने क्षेत्र से पीछे हटने को तैयार नहीं हैं.

भारत का कहना है कि जब तक सीमावर्ती इलाकों में शांति नहीं होगी तब तक चीन के साथ उसके संबंध सामान्य नहीं हो सकते. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि चीन के पास 500 से ज्यादा परमाणु हथियार हैं और ये 2030 तक शायद 1,000 से ज्यादा हो जाएंगे.


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