इरफान व्यू चैनल के लिए इरफान ने काफी मेहनत की है. उन्होंने अपनी नौकरी छोड़कर पूरी तरह से अपने यूट्यूब चैनल के लिए काम करना शुरू कर दिया. आज की तारीख़ में उनके चैनल पर करीब 40 लाख सब्सक्राइबर हैं.
फेसबुक और इंस्टाग्राम प्लेटफॉर्म को भी अगर जोड़ लिया जाए तो इरफान के कुल 60 लाख फॉलोअर्स हैं. यह आंकड़ा सिंगापुर की कुल आबादी के बराबर है.
इरफान अपने चैनल पर अक्सर अलग-अलग खाने और फिल्मों के रिव्यू करते हुए नजर आते हैं. इसके साथ ही वे विदेश यात्रा, सेलिब्रिटी लोगों के इंटरव्यू भी लेते हैं. इसलिए उनके प्रशंसकों में सिर्फ युवा ही नहीं बल्कि व्यस्क भी शामिल हैं.
एक सुबह हम इरफ़ान से चेन्नई स्थित उनके ऑफिस में मिले. उन्होंने हमसे शुरुआती दिनों के सफर, यूट्यूब चैनल की ग्रोथ, मशहूर हस्तियों के साथ इंटरव्यू और हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बेस्ट कंटेट क्रिएटर अवॉर्ड मिलने पर बात की.
चुनौतियों का सामना करते हुए सपनों का पीछा करना
यूट्यूब चैनल से पहले इरफान एक बीपीओ कंपनी में काम कर रहे थे.
वे कहते हैं, "मैं मशहूर होना चाहता था, लेकिन हर कोई जानता है कि यह इतना आसान नहीं है. यह सपना पूरा करने के लिए मैंने एक यूट्यूब चैनल शुरू किया."
शुरुआत में इरफान एक हफ्ते में एक वीडियो बनाकर पोस्ट करते थे. वे कहते हैं, "मैंने तय कर लिया था कि मैं जो कुछ शुरू करूंगा तो उसी पर कायम रहूंगा."
इरफ़ान बताते हैं, "मैं 2016 में एक रेस्तरां में मैनेजर के रूप में काम कर रहा था. छुट्टियों के दिनों में वीडियो बनाकर पोस्ट करता था, जिसकी बाद में मुझे आदत पड़ गई. एक वक्त ऐसा आया जब मैंने ऐसा करने के लिए अपनी नौकरी छोड़ दी और पूरी तरह से यूट्यूब चलाने लगा."
वे कहते हैं, "जब मैंने नौकरी छोड़ी तो घरवालों ने इसका विरोध भी किया. उस वक्त मेरी फाइनेंशियल कंडीशन अच्छी नहीं थी. मैं किराया चुकाने के लिए संघर्ष कर रहा था. आर्थिक तंगी के कारण घर में राशन खरीदने में भी दिक्कत आ रही थी, लेकिन मेरा विश्वास है कि कड़ी मेहनत से सब कुछ ठीक किया जा सकता है."
इरफ़ान बताते हैं, "नौकरी छोड़ने के बाद मुझे एहसास हुआ कि हफ्ते में एक वीडियो बनाने से काम नहीं चलेगा. इसलिए मैंने रोजाना वीडियो बनाकर अपने चैनल पर डालना शुरू किया और धीरे-धीरे आज मैं यहां तक पहुंच गया."
दिन में ऑटो रिक्शा चलाना और शाम को कॉलेज
इरफान बताते हैं कि उनके पिता एक वैन ड्राइवर थे, जिनके पास एक ओमनी वैन और ऑटो रिक्शा था. वे बच्चों को स्कूल ले जाते और लाते हैं.
वे कहते हैं, "अपने पिता की तरह मैंने भी तीन साल तक ऑटो रिक्शा चलाने का काम किया. मैं स्कूल के बच्चों को सुबह और दोपहर में दो बार छोड़ने जाता था. यह काम हर दिन करना पड़ता था. मैंने ओमनी वैन भी चलाई और उस दौरान में अपने कॉलेज भी जाता था."
इरफ़ान कहते हैं, "मैंने कभी सोचा नहीं था कि मुझे अवॉर्ड भी मिलेंगे. पहले मुझे अंदाजा नहीं था कि यूट्यूब के जरिए कोई इतनी कमाई कर सकता है. मुझे अक्सर लगता है कि अगर मैं एक्टर होता तो भी मुझे इतनी प्रसिद्धि नहीं मिलती. अब मैं एक यूट्यूब के तौर पर जहां भी जाता हूं, तो लोगों से मुझे खूब प्यार मिलता है."
वे कहते हैं, "मुझे अब स्कूल से लेकर कॉलेजों तक में अतिथि के रूप में बुलाया जाता है. वे मुझसे यूट्यूब पर क्लास लेने के लिए कहते हैं. मुझे लगता है कि लोगों ने मुझे पहचान दी है."
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