सारांश : 2000 सिम कार्ड, 1700 बैंक अकाउंट, 32 आरोपी और 15000 करोड़ का स्कैम... महादेव बेटिंग ऐप केस में अबतक क्या-क्या हुआ एक्शन। महादेव सट्टेबाजी ऐप के खिलाफ अदालती कार्रवाई के दौरान गिरफ्तार एक्टर साहिल खान को मुंबई पुलिस ने हिरासत में लिया है। आइए, इस मामले की जांच में अब तक क्या-क्या हुआ, जानें।


Mahadev Betting App Case: 2000 सिम कार्ड, 1700 बैंक अकाउंट, 32 आरोपी और 15000 करोड़ का स्कैम


महादेव सट्टेबाजी ऐप केस में गिरफ्तार एक्टर साहिल खान को मुंबई की एक कोर्ट ने एक मई तक पुलिस हिरासत में भेज दिया है। बॉम्बे हायकोर्ट ने खान की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी, जिसके बाद खान को शनिवार को छत्तीसगढ़ के जगदलपुर से हिरासत में लिया गया था।

साहिल खान की गिरफ्तारी:
मुंबई पुलिस ने शनिवार को साहिल खान को मुंबई लाया और उन्हें गिरफ्तार किया। गिरफ्तारी के पश्चात, उन्हें दादर में एक मजिस्ट्रेट अदालत में पेश किया गया। इससे पहले साइबर सेल की एसआईटी ने उन्हें छत्तीसगढ़ के जगदलपुर से हिरासत में लिया था।

साहिल खान का जांच में सहयोग:
मुंबई साइबर सेल की एसआईटी ने कहा कि साहिल जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं, इसलिए उन्हें रिमांड पर लेकर पूछताछ की जरूरत है। पुलिस ने बताया कि उन्होंने 2000 से अधिक सिम कार्ड और 1700 बैंक खातों का विवरण बरामद किया है, जिनका सत्यापन अभी बाकी है।

आरोपियों की गिरफ्तारी:
मुंबई पुलिस ने महादेव सट्टेबाजी ऐप केस में 6 जनवरी को दीक्षित कोठारी नाम के आरोपी को गिरफ्तार किया था। साहिल खान दूसरे आरोपी हैं जो मुंबई से गिरफ्तार किए गए हैं।

जांच के प्रगति:
विवादित मामले की जांच के लिए एक विशेष जांच दल गठित किया गया है, जो महादेव बेटिंग ऐप और रियल एस्टेट कंपनी के बीच हुए फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन का पता लगाएगा।

केंद्र का एक्शन:
केंद्र सरकार ने महादेव बेटिंग ऐप समेत अवैध सट्टेबाजी के खिलाफ कठोर कदम उठाने का फैसला किया है।


भारत सरकार ने इस मामले में एक महत्वपूर्ण संदेश दिया है कि वह अवैध सट्टेबाजी और ऐप पर नकेल के लिए सख्ती से काम कर रही है। इसके जरिए, यह स्पष्ट होता है कि सरकार गैर-कानूनी कार्यवाही में नकेल के लिए तैयार है और सोशल मीडिया और इंटरनेट पर अवैध गतिविधियों के खिलाफ लड़ाई को गंभीरता से लेने का संकेत देती है।

निष्कर्ष:
महादेव सट्टेबाजी ऐप केस में गिरफ्तार एक्टर साहिल खान को हिरासत में लेने से आपत्ति और उसके जांच में सहयोग की कमी के दौरान विवादित केस की जांच की प्रक्रिया में कुछ गतिशीलता आई है। भारत सरकार ने इस मामले में कड़ा स्टैंस लिया है, जिससे सोशल मीडिया और इंटरनेट पर अवैध गतिविधियों के खिलाफ लड़ाई में स्पष्टता आई है।

Post a Comment

और नया पुराने