सारांश: NEET-UG पेपर लीक मामले में CBI की एंट्री के बाद जांच तेजी से आगे बढ़ी है। देश के छह राज्यों से जुड़े इस स्कैम ने लाखों छात्रों के भविष्य को खतरे में डाल दिया है।
पेपर लीक के कारण बिगड़ा माहौल
देश में परीक्षा प्रणाली में हो रही धांधली के कारण माहौल काफी तनावपूर्ण है। NEET-UG जैसे प्रतिष्ठित एग्जाम के पेपर लीक होने से लाखों छात्रों का भविष्य अधर में लटक गया है। इसके साथ ही UP लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित समीक्षा अधिकारी (RO) और सहायक समीक्षा अधिकारी (ARO) की परीक्षा में भी धांधली के मामलों में बड़ी संख्या में गिरफ्तारियां हो रही हैं।
CBI की एंट्री और जांच का विस्तार
NEET-UG पेपर लीक मामले में CBI की एंट्री ने जांच को तेज कर दिया है। CBI ने अपनी जांच का दायरा छह राज्यों में फैलाया है। UP लोक सेवा आयोग की परीक्षाओं में धांधली के मामलों में भी बड़े स्तर पर धरपकड़ अभियान चल रहा है। इससे छात्रों के बीच असंतोष बढ़ता जा रहा है, जो सालों से मेहनत करते हैं और एक झटके में उनकी मेहनत पानी में चली जाती है।
पेपर लीक का खुलासा और विरोध प्रदर्शन
NEET-UG पेपर लीक का मामला सामने आने के बाद देशभर में छात्र संगठनों ने व्यापक स्तर पर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिए। 5 मई को आयोजित NEET-UG मेडिकल एंट्रेंस एग्जाम में 24 लाख छात्रों ने भाग लिया था। परीक्षा 571 शहरों के 4,750 सेंटर पर आयोजित की गई थी। 4 जून को आए रिजल्ट में 67 बच्चों के 720 में से 720 नंबर आने से शक गहरा गया। एक ही सेंटर के 8 बच्चों के पूरे नंबर आने और कई बच्चों को ग्रेस मार्क्स मिलने से विवाद खड़ा हो गया।
बिहार, झारखंड, गुजरात और महाराष्ट्र में पेपर लीक की जड़ें
केंद्र सरकार ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच के आदेश दिए। बिहार में बड़े पैमाने पर गिरफ्तारियां हुईं। बिहार पुलिस की जांच में पाया गया कि सॉल्वर गैंग के पास 13 परीक्षार्थियों के रोल कोड थे। इस कड़ी में 13 लोगों की गिरफ्तारी हुई, जिसमें 4 अभ्यर्थियों भी शामिल थे। मामले का मास्टरमाइंड सिकंदर यादवेंदु निकला, जिसने छात्रों से पेपर के लिए 30 से 40 लाख रुपए वसूले थे।
गुजरात और महाराष्ट्र में जांच का विस्तार
हजारीबाग, देवघर, गुजरात और महाराष्ट्र में भी पेपर लीक मामले में जांच का दायरा बढ़ाया गया। गुजरात के गोधरा में जय जलाराम स्कूल पर चैटिंग कराने का आरोप लगा, जिसके लिए सेंटर ने 10 लाख रुपए लिए थे। महाराष्ट्र में चार लोगों को हिरासत में लिया गया, जिनके पास मोबाइल मैसेज के जरिए हॉल टिकट और पैसे के लेनदेन की जानकारी मिली।
छात्रों का भविष्य और परीक्षा प्रणाली पर सवाल
पेपर लीक के मामलों ने छात्रों के भविष्य को गंभीर खतरे में डाल दिया है। कई सालों की मेहनत और तैयारी के बाद छात्र ऐसे परीक्षा घोटालों का शिकार हो रहे हैं। देश में शिक्षा प्रणाली की विश्वसनीयता पर भी सवाल खड़े हो गए हैं। NEET-UG पेपर लीक और अन्य परीक्षाओं में हो रही धांधली ने प्रशासनिक ढांचे की कमजोरियों को उजागर किया है।
भविष्य की चुनौतियां और समाधान
इन मामलों ने सरकार और प्रशासन को सतर्क कर दिया है। भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए जाने की जरूरत है। परीक्षा प्रणाली को और अधिक पारदर्शी और सुरक्षित बनाने के लिए तकनीकी उपायों को अपनाना होगा। छात्रों का विश्वास बहाल करना और उन्हें न्याय दिलाना सरकार की प्राथमिकता होनी चाहिए।
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