अग्निवीर अजय कुमार की जम्मू-कश्मीर में शहादत के बाद उनके परिवार की पीड़ा और सरकार की प्रतिक्रिया के बीच विवाद गहराता जा रहा है। राहुल गांधी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के बीच हुई बहस ने इस मुद्दे को और गरम कर दिया है। परिवार ने सरकार से अधिक मदद और सम्मान की मांग की है।


Agniveer Ajay Kumar की शहादत : परिवार की वेदना और सरकार की प्रतिक्रियाएँ


लुधियाना के रामगढ़ सरदार गांव की बख्शो देवी जब यह सवाल पूछती हैं कि "अगर वह अग्निवीर था तो उसे सीमा पर दुश्मनों के सामने तैनात क्यों किया?" तो उनके चेहरे पर दर्द, ग़ुस्सा और नाराज़गी साफ झलकती है। बख्शो देवी के भाई अजय कुमार, अग्निवीर योजना के तहत भारतीय सेना में शामिल हुए थे और जनवरी 2024 में जम्मू-कश्मीर के राजौरी इलाके में एक बारूदी सुरंग विस्फोट में शहीद हो गए थे।


अजय कुमार के पिता चरणजीत सिंह को आज भी वह मनहूस शाम याद है, जब 18 जनवरी को उन्हें अपने बेटे की मौत की खबर मिली थी। वह बताते हैं, "उस शाम मुझे फोन आया कि एक खदान में विस्फोट हो गया है, जिसमें तीन लोग घायल हो गए हैं, उनमें से एक आपका बेटा भी है।"


वित्तीय सहायता और सरकार की प्रतिक्रिया:

परिवार को अब तक मिली आर्थिक सहायता के बारे में चरणजीत सिंह ने बताया कि पंजाब सरकार से उन्हें एक करोड़ रुपये मिले हैं। केंद्र सरकार से उन्हें सेना की ओर से 48 लाख रुपये प्राप्त हुए हैं। हालांकि, चरणजीत सिंह का कहना है कि केंद्र सरकार ने न तो कोई शोक पत्र दिया है और न ही सांत्वना। उन्होंने अग्निवीर योजना को रद्द करने की मांग की है और कहा कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का संसद में किया दावा सच नहीं है।


सोमवार को लोकसभा में बोलते हुए राहुल गांधी ने अग्निवीर योजना पर सवाल उठाए और कहा, "मैं उस जवान को 'शहीद' कह रहा हूं लेकिन भारत सरकार उसे 'शहीद' नहीं कहती। नरेंद्र मोदी उन्हें शहीद नहीं कहते, अग्निवीर कहते हैं। उन्हें पेंशन नहीं मिलेगी, मुआवजा नहीं मिलेगा, शहीद का दर्जा नहीं मिलेगा।"


रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने राहुल गांधी के बयानों का जवाब देते हुए कहा कि अग्निवीर जवानों को युद्ध के दौरान और सीमा की रक्षा करते हुए शहीद होने पर उनके परिवार को एक करोड़ रुपये की सहायता राशि दी जाती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी राहुल गांधी के बयानों को भ्रामक बताया।


परिवार की मांगें:

चरणजीत सिंह का कहना है कि उन्हें केंद्र सरकार या भारतीय सेना से एक करोड़ रुपये की राशि नहीं मिली है और न ही पेंशन जैसे लाभ मिल रहे हैं, जो अन्य सैनिकों के परिवारों को मिलते हैं। उनकी मांग है कि उन्हें यह सारी सुविधाएं मिलनी चाहिए।


राहुल गांधी ने 29 मई को अजय कुमार के परिवार से मुलाकात की थी और परिवार का हालचाल जाना था। उन्होंने परिवार को सांत्वना दी थी कि वह अग्निवीर योजना रद्द कर देंगे और स्थानीय सांसद अमर सिंह से कहा था कि परिवार का ख्याल रखा जाए।


अग्निवीर योजना और सेना की प्रतिक्रिया:

भारतीय सेना की वेबसाइट के मुताबिक, अग्निवीर योजना के तहत युवाओं को चार साल के लिए भारतीय सेना में भर्ती किया जाता है। चार साल बाद उनमें से केवल 25 प्रतिशत जवानों को नियमित भर्ती के तहत नौकरी दी जाती है। इस योजना के तहत भर्ती किए गए युवाओं का वेतन शुरुआती साल में 4.76 लाख रुपये से शुरू होता है और सेवा पूरी होने तक 6.92 लाख रुपये सालाना तक पहुंचता है।


सेना ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा है कि अग्निवीर अजय कुमार के सर्वोच्च बलिदान को सलाम करती है और उनके अंतिम संस्कार पूरे सैन्य सम्मान के साथ किया गया। उनके परिवार को 98.39 लाख रुपये का भुगतान किया जा चुका है और शेष राशि पुलिस वेरिफिकेशन के बाद दी जाएगी।


निष्कर्ष:

अग्निवीर अजय कुमार की शहादत और उनके परिवार की पीड़ा ने अग्निवीर योजना और सरकार की नीतियों पर गहरे सवाल उठाए हैं। परिवार की मांग है कि उन्हें सम्मान और उचित सहायता दी जाए। इस बीच, सरकार और सेना का कहना है कि वे सभी सहायता प्रदान कर रहे हैं और जल्द ही शेष राशि भी दी जाएगी। इस विवाद ने अग्निवीर योजना की समीक्षा की आवश्यकता को भी उजागर किया है।

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