सारांश: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 23 जुलाई को देश का बजट पेश करेंगी। इससे पहले 22 जुलाई को आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया जाएगा। यह रिपोर्ट देश की आर्थिक स्थिति और भविष्य की योजनाओं को दर्शाती है।
बजट सत्र की शुरुआत
सोमवार, 22 जुलाई से बजट सत्र का आगाज हो रहा है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इस दिन आर्थिक सर्वेक्षण पेश करेंगी। हर साल बजट से पहले आर्थिक सर्वेक्षण प्रस्तुत किया जाता है, जिसमें देश की आर्थिक स्थिति, विकास, रोजगार, जीडीपी, बजट घाटा, और मुद्रास्फीति जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं का विवरण होता है। इसे सरकार का रिपोर्ट कार्ड माना जाता है, जो पिछले एक साल के कामकाज की समीक्षा और भविष्य की योजनाओं का मार्गदर्शन करता है।
1. इकोनॉमिक सर्वे क्यों जरूरी?
आर्थिक सर्वेक्षण सरकार को देश की आर्थिक स्थिति की विस्तृत तस्वीर पेश करने में मदद करता है। यह सर्वेक्षण न केवल सरकार को पिछले एक साल के आर्थिक प्रदर्शन का आकलन करने में सहायता करता है, बल्कि आगामी नीतियों और योजनाओं के निर्माण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसमें रोजगार, जीडीपी, बजट घाटा, और मुद्रास्फीति जैसी महत्वपूर्ण आर्थिक सूचनाएं शामिल होती हैं, जो सरकार की कार्यप्रणाली और उसकी प्रभावशीलता का मूल्यांकन करती हैं।
2. आर्थिक सर्वेक्षण में कौन-कौन सी जानकारियां होती हैं
आर्थिक सर्वेक्षण वित्त मंत्रालय का एक वार्षिक दस्तावेज होता है। इसमें देश को आर्थिक दृष्टि से कहां लाभ और कहां नुकसान हुआ है, इसका विवरण होता है। यह सर्वेक्षण देश की आर्थिक सेहत का मापदंड प्रस्तुत करता है और आगामी वर्ष के लिए संभावित आर्थिक परिदृश्य को दर्शाता है। इसके आधार पर सरकार अपनी आगामी नीतियों और योजनाओं को तैयार करती है, जिससे देश की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ किया जा सके।
3. इकोनॉमिक सर्वे कौन बनाता है
आर्थिक सर्वेक्षण की रिपोर्ट मुख्य आर्थिक सलाहकार की देखरेख में वित्त मंत्रालय के इकोनॉमिक्स डिवीजन द्वारा तैयार की जाती है। वर्तमान में मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन हैं, जो इस रिपोर्ट को तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। यह रिपोर्ट आर्थिक आंकड़ों, विश्लेषण और सुझावों का संग्रह होती है, जो सरकार की आगामी नीतियों का आधार बनती है।
4. इकोनॉमिक सर्वे से आम जनता को क्या पता चलता है
आर्थिक सर्वेक्षण के माध्यम से आम जनता देश की असली आर्थिक स्थिति को समझ सकती है। इस रिपोर्ट में महंगाई, बेरोजगारी, जीडीपी, और बजट घाटे जैसे महत्वपूर्ण आंकड़े प्रस्तुत किए जाते हैं। इसके अलावा, सरकार के आगामी योजनाओं और विभिन्न सेक्टर्स में निवेश की जानकारी भी मिलती है। यह सर्वेक्षण आम लोगों को सरकार की नीतियों और योजनाओं के बारे में जागरूक करता है, जिससे वे समझ सकें कि आने वाले समय में देश की अर्थव्यवस्था में क्या बदलाव आ सकते हैं।
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