सारांश:मुंबई में CNG और PNG की कीमतों में बढ़ोतरी का ऐलान किया गया है। 9 जुलाई से CNG के दाम 1.50 रुपये प्रति किलो और PNG के दाम 1 रुपये प्रति SCM बढ़ जाएंगे। इस बढ़ोतरी का कारण कच्चे माल की लागत में वृद्धि है।


मुंबई में महंगाई का झटका: CNG-PNG के दामों में बढ़ोतरी, 9 जुलाई से लागू


मुंबईवासियों को महंगाई की एक और मार झेलनी पड़ी है। महानगर गैस लिमिटेड (MGL) ने घोषणा की है कि 9 जुलाई 2024 से CNG और PNG की कीमतों में बढ़ोतरी की जाएगी। इस बढ़ोतरी का मुख्य कारण कच्चे माल की लागत में हुई वृद्धि है।


नई कीमतें और उनके प्रभाव:


दिल्ली के बाद मुंबई में भी CNG के दामों में 1.50 रुपये प्रति किलो की बढ़ोतरी की गई है, जिससे अब यह 75 रुपये प्रति किलो हो गई है। वहीं, घरेलू पाइपलाइन गैस (PNG) की कीमत भी एक रुपये प्रति मानक घन मीटर (SCM) बढ़कर 48 रुपये प्रति SCM हो गई है।


MGL के अनुसार, गैस की बढ़ती मांग को पूरा करने और घरेलू गैस आवंटन में कमी के कारण उन्हें अतिरिक्त बाजार मूल्य पर प्राकृतिक गैस (आयातित LNG) खरीदनी पड़ रही है, जिससे लागत में वृद्धि हुई है। कंपनी का कहना है कि इस लागत वृद्धि को आंशिक रूप से पूरा करने के लिए यह कदम उठाया गया है।


महंगाई का कारण:


महानगर गैस लिमिटेड ने अपने बयान में स्पष्ट किया है कि CNG और PNG की कीमतों में वृद्धि का मुख्य कारण कच्चे माल की बढ़ती लागत है। गैस की बढ़ती मांग और घरेलू गैस आवंटन में कमी के चलते उन्हें आयातित LNG का सहारा लेना पड़ा है, जिसकी कीमत बाजार में अधिक है।


मुंबई और दिल्ली में कीमतों का तुलनात्मक विश्लेषण:


दिल्ली में इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड (IGL) ने भी हाल ही में 22 जून को CNG के दामों में एक रुपये प्रति किलो की बढ़ोतरी की थी, जिससे अब यह 75.09 रुपये प्रति किलो हो गई है। हालांकि, दिल्ली में PNG की कीमत में कोई बदलाव नहीं किया गया और यह 48.59 रुपये प्रति SCM पर स्थिर रही।


आगे की संभावनाएं:


विशेषज्ञों का मानना है कि अगर कच्चे माल की लागत में इसी तरह वृद्धि होती रही, तो भविष्य में और भी दाम बढ़ सकते हैं। इस बढ़ोतरी का सीधा असर आम आदमी की जेब पर पड़ेगा, जो पहले से ही महंगाई की मार झेल रहा है।


नए उपायों की जरूरत:


गैस की कीमतों में बढ़ोतरी के इस निर्णय के बाद, यह जरूरी हो जाता है कि सरकार और गैस कंपनियां मिलकर ऐसे उपाय करें जिससे आम जनता पर महंगाई का बोझ कम हो सके। इसके लिए वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों को बढ़ावा देना, घरेलू गैस उत्पादन को बढ़ाना और वितरण प्रणाली में सुधार करना आवश्यक है।

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