सारांश: दिल्ली के 40 प्रतिष्ठित स्कूलों को ईमेल के जरिए बम से उड़ाने की धमकी दी गई, जिसमें 25 लाख रुपये की मांग की गई। घटना के बाद सभी स्कूलों से छात्रों को सुरक्षित घर भेज दिया गया और पुलिस व अग्निशमन विभाग को सूचना दी गई। जांच जारी है। इससे पहले भी ऐसे मामले सामने आ चुके हैं।
राजधानी में फैला खौफ: 40 स्कूलों को मिली धमकी
दिल्ली के शिक्षा जगत में खलबली मचाने वाली घटना सामने आई है, जहां 40 प्रमुख स्कूलों को ईमेल के जरिए बम से उड़ाने की धमकी दी गई। धमकी में 25 लाख रुपये की मांग की गई है। धमकी की सूचना मिलते ही स्कूल प्रशासन ने तुरंत सभी छात्रों को घर भेजने का निर्णय लिया और पुलिस व अग्निशमन विभाग को सतर्क कर दिया।
किन-किन स्कूलों को मिली धमकी?
जिन स्कूलों को निशाना बनाया गया, उनमें दिल्ली पब्लिक स्कूल (आरकेपुरम), जीडी गोयनका, मदर मैरी ब्रिटिश स्कूल, सलवान पब्लिक स्कूल और कैंब्रिज स्कूल जैसे प्रमुख नाम शामिल हैं। धमकी भरे ईमेल मिलने के बाद स्कूलों के आसपास सुरक्षा बढ़ा दी गई है। पुलिस के साथ बम निरोधक दस्तों ने इन इलाकों में तलाशी अभियान चलाया।
धमकी के पीछे कौन?
यह पहली बार नहीं है जब दिल्ली के स्कूलों को इस तरह की धमकी मिली है। इस साल फरवरी और मई में भी डीपीएस आरकेपुरम सहित कई स्कूलों को इसी तरह के ईमेल मिले थे। फरवरी में मिली धमकी में बम निरोधक दस्ते ने पूरी इमारत की जांच की थी लेकिन कुछ भी संदिग्ध नहीं मिला। पुलिस का कहना है कि धमकी देने वालों का पता लगाने के लिए ईमेल ट्रेसिंग और तकनीकी मदद ली जा रही है।
सुरक्षा के कदम
घटना के बाद पुलिस ने सभी स्कूलों के बाहर सख्त पहरा बढ़ा दिया है। स्कूल प्रशासन ने छात्रों और अभिभावकों को सुरक्षा का आश्वासन दिया है। वहीं, पुलिस ने यह भी कहा है कि इस मामले को गंभीरता से लिया जा रहा है और दोषियों को जल्द ही गिरफ्तार किया जाएगा।
उत्तर प्रदेश में भी बम की अफवाह
दिल्ली की इस घटना के साथ ही उत्तर प्रदेश में भी रविवार को तीन प्रमुख स्थानों पर बम होने की सूचना दी गई थी। हुसैनगंज मेट्रो स्टेशन, चारबाग रेलवे स्टेशन और आलमबाग बसअड्डे पर बम होने की सूचना मिलने के बाद पुलिस और बम निरोधक दस्तों ने गहन जांच की। हालांकि, जांच में यह सूचना अफवाह साबित हुई।
कॉल की जांच
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, इस मामले में 112 हेल्पलाइन नंबर पर कॉल कर यह जानकारी दी गई थी। कॉल करने वाले का पता लगाने के लिए जांच चल रही है। पुलिस ने बताया कि इन स्थानों पर किसी भी तरह की संदिग्ध वस्तु नहीं मिली।
बार-बार मिल रही धमकियां: क्या है समाधान?
इस तरह की धमकियां न केवल बच्चों और अभिभावकों के लिए चिंता का कारण बनती हैं, बल्कि प्रशासन के लिए भी एक बड़ी चुनौती हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि साइबर सुरक्षा और निगरानी को और मजबूत किया जाना चाहिए। स्कूलों में भी सुरक्षा प्रशिक्षण और आपातकालीन तैयारियों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
एक टिप्पणी भेजें