सारांश : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजस्थान और मध्यप्रदेश के लिए 46,300 करोड़ रुपये की 24 परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। इन परियोजनाओं में जल प्रबंधन, ऊर्जा, रेलवे, और परिवहन से जुड़ी योजनाएं शामिल हैं। पीएम मोदी ने चंबल नदी के पानी को नए बैराजों के माध्यम से स्थानांतरित करने की योजना भी शुरू की। ये योजनाएं राज्य की आर्थिक प्रगति और बुनियादी ढांचे को मजबूत करेंगी।
मंगलवार, 17 दिसंबर, राजस्थान और मध्यप्रदेश के लिए ऐतिहासिक दिन साबित हुआ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दोनों राज्यों में 46,300 करोड़ रुपये की लागत से 24 प्रमुख परियोजनाओं का शुभारंभ किया। इनमें से 9 परियोजनाओं का उद्घाटन और 15 नई परियोजनाओं की आधारशिला रखी गई। ये योजनाएं न केवल आर्थिक विकास को गति देंगी बल्कि ऊर्जा, जल प्रबंधन और परिवहन व्यवस्था को भी मजबूत बनाएंगी। जयपुर में आयोजित इस कार्यक्रम के दौरान केंद्र सरकार, मध्यप्रदेश और राजस्थान सरकार के बीच पार्वती-कालीसिंध-चंबल (पीकेसी) परियोजना को लेकर त्रिपक्षीय समझौता (एमओयू) भी हुआ।
24 परियोजनाओं का विस्तार:
सरकारी सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी ने 11,000 करोड़ रुपये की लागत से 9 तैयार परियोजनाओं का उद्घाटन किया। इसके साथ ही 35,300 करोड़ रुपये की 15 परियोजनाओं की नींव रखी।
1. ऊर्जा और जल प्रबंधन:
- नवनेरा बैराज परियोजना और परिसंपत्ति प्रबंधन प्रणाली जैसी प्रमुख जल प्रबंधन योजनाओं का उद्घाटन किया गया।
- चंबल नदी से पानी के स्थानांतरण के लिए रामगढ़ बैराज और महलपुर बैराज की नींव रखी गई।
- ये परियोजनाएं नवनेरा बैराज से पानी को बीसलपुर और ईसरदा बांध तक ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी। इससे राजस्थान की पेयजल और सिंचाई समस्याओं का समाधान होगा।
2. सौर ऊर्जा परियोजनाएं:
- बीकानेर के पूगल क्षेत्र में 2,000 मेगावाट के सौर ऊर्जा पार्क का शिलान्यास किया गया।
- अन्य सौर ऊर्जा परियोजनाएं भी शुरू की गईं, जो राजस्थान को स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में अग्रणी बनाएंगी।
3. परिवहन और रेलवे:
- प्रधानमंत्री ने भीलड़ी, समदड़ी, लूणी, जोधपुर, मेड़ता रोड, डेगाना और रतनगढ़ खंड के रेलवे विद्युतीकरण का कार्य जनता को समर्पित किया।
- दिल्ली-वडोदरा ग्रीन फील्ड अलाइनमेंट के 12वें पैकेज का भी उद्घाटन किया गया।
- अजमेर-चंदेरिया और जयपुर-सवाई माधोपुर खंड में नई डबल लाइन परियोजनाओं की आधारशिला रखी गई।
- ये परियोजनाएं परिवहन को सुगम और सुविधाजनक बनाने के साथ-साथ राज्य में माल और यात्री परिवहन की गति को बढ़ाएंगी।
चंबल नदी परियोजना: जल संकट का समाधान
प्रधानमंत्री मोदी द्वारा शुरू की गई चंबल नदी परियोजना राजस्थान और मध्यप्रदेश दोनों के लिए वरदान साबित होगी। रामगढ़ और महलपुर बैराजों के निर्माण से चंबल नदी के पानी का स्थानांतरण संभव हो सकेगा। यह पानी नवनेरा बैराज के माध्यम से बीसलपुर और ईसरदा बांध तक पहुंचेगा, जिससे जल संकट से जूझ रहे इलाकों में राहत मिलेगी।
धौलपुर और भरतपुर जिलों में पेयजल आपूर्ति की रेट्रोफिटिंग योजनाओं की शुरुआत भी इसी दिशा में एक अहम कदम है। इन योजनाओं से न केवल सिंचाई में सुधार होगा बल्कि लोगों को स्वच्छ पेयजल भी उपलब्ध हो सकेगा।
आर्थिक और आधारभूत संरचना को मिलेगी गति:
प्रधानमंत्री के इस दौरे के दौरान लॉन्च की गई परियोजनाओं का प्रमुख उद्देश्य राजस्थान और मध्यप्रदेश की आर्थिक प्रगति को नई दिशा देना है। इन परियोजनाओं से:
- रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।
- सौर ऊर्जा और जल संसाधन के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता बढ़ेगी।
- परिवहन व्यवस्था को मजबूती मिलेगी।
- कृषि क्षेत्र को जल संसाधनों से अधिक लाभ मिलेगा।
सौर ऊर्जा के क्षेत्र में राजस्थान को नई ऊंचाई:
बीकानेर के पूगल क्षेत्र में स्थापित किए जा रहे 2,000 मेगावाट के सौर पार्क से राजस्थान को ऊर्जा के क्षेत्र में बड़ी सफलता मिलेगी। यह पार्क न केवल राज्य की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करेगा बल्कि स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन के लिए एक मील का पत्थर साबित होगा।
रेलवे परियोजनाओं से परिवहन में सुधार:
प्रधानमंत्री ने लूणी-समदड़ी-भीलड़ी और अजमेर-चंदेरिया रेलवे खंडों में डबल लाइन परियोजनाओं की आधारशिला रखी। यह परियोजनाएं रेलवे नेटवर्क को आधुनिक बनाने और यात्री परिवहन को तेज व सुरक्षित करने में मदद करेंगी। इसके अलावा, कई रेलवे खंडों के विद्युतीकरण का कार्य पूरा कर जनता को समर्पित किया गया।
राजनीतिक और विकासात्मक महत्व:
प्रधानमंत्री मोदी का यह दौरा राजस्थान और मध्यप्रदेश की राजनीतिक और आर्थिक स्थिति को मजबूती प्रदान करेगा। इन परियोजनाओं से क्षेत्रीय विकास को गति मिलेगी और यह केंद्र और राज्य सरकारों के बीच बेहतर समन्वय का उदाहरण प्रस्तुत करता है।
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