सारांश: कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और विदेश मंत्री एसएम कृष्णा का 92 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। वे प्रजा सोशलिस्ट पार्टी, कांग्रेस और भाजपा जैसी प्रमुख पार्टियों का हिस्सा रहे। 1962 में अपना राजनीतिक सफर शुरू करने वाले एसएम कृष्णा ने मुख्यमंत्री, राज्यपाल और विदेश मंत्री जैसे अहम पदों पर देश की सेवा की। आइए उनके अद्भुत राजनीतिक सफर और उपलब्धियों पर एक नजर डालते हैं।


राजनीति के सशक्त स्तंभ एसएम कृष्णा का 92 वर्ष की उम्र में निधन, जानिए उनके उल्लेखनीय योगदान


एसएम कृष्णा: एक शानदार राजनीतिक सफर का अंत

कर्नाटक के वरिष्ठ राजनेता और पूर्व मुख्यमंत्री एसएम कृष्णा का 10 दिसंबर को उनके आवास पर निधन हो गया। 1 मई 1932 को मांड्या जिले के सोमनहल्ली गांव में जन्मे एसएम कृष्णा ने सुबह 2:45 बजे अंतिम सांस ली। उनका पार्थिव शरीर आज मांड्या के मद्दुर ले जाया जाएगा।


कर्नाटक के मुख्यमंत्री से विदेश मंत्री तक का सफर

एसएम कृष्णा ने 1999 से 2004 तक कर्नाटक के मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया। उनके नेतृत्व में राज्य ने आईटी सेक्टर में तेजी से प्रगति की। इसके बाद उन्होंने 2004 से 2008 तक महाराष्ट्र के राज्यपाल के रूप में जिम्मेदारी संभाली। सक्रिय राजनीति में लौटने के लिए उन्होंने 2008 में इस पद से इस्तीफा दिया।


मनमोहन सिंह सरकार के दूसरे कार्यकाल में उन्हें विदेश मंत्री के रूप में शामिल किया गया। 2009 से 2012 तक इस पद पर रहकर उन्होंने भारत की वैश्विक कूटनीति को मजबूत किया।


प्रजा सोशलिस्ट पार्टी से भाजपा तक का सफर

एसएम कृष्णा ने 1962 में प्रजा सोशलिस्ट पार्टी (PSP) से राजनीति की शुरुआत की। 1971 में कांग्रेस में शामिल होने के बाद उन्होंने पार्टी में विभिन्न पदों पर काम किया। उन्होंने अपना अधिकांश राजनीतिक जीवन कांग्रेस को समर्पित किया, लेकिन 2017 में भाजपा में शामिल हो गए।


विधायक से केंद्रीय मंत्री तक का योगदान

1962 में पहली बार मद्दुर से विधायक चुने गए एसएम कृष्णा ने अपने राजनीतिक करियर में कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया। वे 1968 में मांड्या लोकसभा सीट से सांसद बने और 1972 में कर्नाटक विधान परिषद के सदस्य चुने गए। उन्होंने राज्य और केंद्र दोनों स्तरों पर वाणिज्य, उद्योग, और वित्त मंत्रालय में अहम भूमिकाएं निभाईं।


कर्नाटक की राजनीति में अहम भूमिका

कर्नाटक विधानसभा में अध्यक्ष और उप मुख्यमंत्री के रूप में उनका कार्यकाल यादगार रहा। 1999 में मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने राज्य को आर्थिक और तकनीकी प्रगति की ओर अग्रसर किया।


अंतरराष्ट्रीय कूटनीति में योगदान

विदेश मंत्री के रूप में एसएम कृष्णा ने भारत की अंतरराष्ट्रीय छवि को मजबूत किया। उन्होंने विभिन्न देशों के साथ भारत के संबंधों को नई ऊंचाई दी।


निजी जीवन और अंतिम विदाई

राजनीति से संन्यास लेने के बाद एसएम कृष्णा ने सार्वजनिक जीवन से दूरी बना ली थी। 2023 में सक्रिय राजनीति से उनका आधिकारिक विदाई संदेश आया। 92 वर्ष की उम्र में उन्होंने अंतिम सांस ली और अपने पीछे एक प्रेरणादायक राजनीतिक विरासत छोड़ी।

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