सारांश: मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने जेपी नड्डा और अमित शाह के साथ महाराष्ट्र के संभावित कैबिनेट विस्तार पर अहम चर्चा की। शिवसेना को गृह और राजस्व विभाग से वंचित रखते हुए शहरी विकास मंत्रालय दिए जाने की संभावना है। कैबिनेट विस्तार 14 दिसंबर को होने की संभावना है। बैठक में उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे अनुपस्थित रहे।
महाराष्ट्र कैबिनेट विस्तार पर चर्चा
महाराष्ट्र में 5 दिसंबर को महायुति सरकार के गठन के बाद से कैबिनेट विस्तार और विभागों के आवंटन को लेकर राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है। बुधवार देर रात मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ इस विषय पर महत्वपूर्ण बैठक की। बैठक का उद्देश्य महायुति सरकार के तीन घटक दलों - भाजपा, शिवसेना, और एनसीपी - के बीच विभागों का संतुलित आवंटन सुनिश्चित करना था।
शिंदे की अनुपस्थिति और भाजपा की योजना
इस अहम बैठक में उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अनुपस्थिति ने कई सवाल खड़े कर दिए। सूत्रों के अनुसार, बैठक में फडणवीस ने तीनों दलों के बीच विभागों के बंटवारे पर चर्चा की। भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने संकेत दिया कि पार्टी 21 से 22 मंत्री पद अपने पास रखेगी और 4 से 5 पद फिलहाल खाली रहेंगे।
शिवसेना को गृह विभाग नहीं मिलेगा
सूत्रों के अनुसार, शिवसेना को गृह और राजस्व जैसे प्रमुख विभाग नहीं दिए जाएंगे। इसके बजाय, शिवसेना को शहरी विकास मंत्रालय दिए जाने की संभावना है। भाजपा इस बार अपने पास मुख्यमंत्री पद के साथ-साथ महत्वपूर्ण विभाग रखने की योजना बना रही है।
14 दिसंबर को संभावित कैबिनेट विस्तार
शिवसेना प्रवक्ता संजय शिरसाट ने जानकारी दी कि मुख्यमंत्री फडणवीस ने आश्वासन दिया है कि विभागों का आवंटन 16 दिसंबर से शुरू होने वाले विधानसभा शीतकालीन सत्र से पहले पूरा कर लिया जाएगा। कैबिनेट विस्तार 14 दिसंबर को हो सकता है।
मुख्यमंत्री राहत कोष में नई नियुक्ति
मुख्यमंत्री फडणवीस ने रामेश्वर नाइक को मुख्यमंत्री राहत कोष का नया प्रमुख नियुक्त किया है। यह पद पहले मंगेश चिवटे के पास था, जो एकनाथ शिंदे के करीबी माने जाते थे। राहत कोष का उद्देश्य प्राकृतिक आपदाओं, दुर्घटनाओं और गंभीर बीमारियों के पीड़ितों को सहायता प्रदान करना है।
शिवसेना के नए चेहरे
शिवसेना ने अपनी नई कैबिनेट में तीन पूर्व मंत्रियों को शामिल नहीं करने का निर्णय लिया है। पार्टी ने इनके खराब प्रदर्शन और जनता से दूरी को इसकी वजह बताया है। इसके बजाय, शिवसेना नए और युवा नेताओं को मौका देने की योजना बना रही है।
महायुति की चुनावी जीत और चुनौतियां
महायुति गठबंधन ने 288 विधानसभा सीटों में से 230 सीटें जीतकर प्रचंड बहुमत हासिल किया। मुख्यमंत्री पद पर फडणवीस के साथ उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और अजित पवार ने शपथ ली। लेकिन अब विभागों के आवंटन और कैबिनेट विस्तार के साथ नई सरकार के सामने नई चुनौतियां खड़ी हो रही हैं।
आने वाले कदम
महाराष्ट्र सरकार के सामने फिलहाल विभागीय संतुलन बनाने और गठबंधन के तीनों घटक दलों की संतुष्टि सुनिश्चित करने की चुनौती है। महायुति सरकार को अपनी राजनीतिक एकता को बनाए रखते हुए आगामी विधानसभा सत्र में प्रभावी कामकाज करना होगा।
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