सारांश : महाराष्ट्र में लंबे समय से जारी कैबिनेट विस्तार पर महायुति के बीच सहमति बन गई है। शिंदे गुट की मांगों को मानते हुए 15 दिसंबर को नागपुर में शपथ ग्रहण समारोह आयोजित होगा। सूत्रों के मुताबिक, 32 विधायक मंत्री पद की शपथ ले सकते हैं। भाजपा को 20-21, शिवसेना को 11-12, और एनसीपी को 9-10 मंत्री पद दिए जाने की संभावना है। विधानसभा चुनाव में मिली भारी जीत के बाद सरकार गठन और मंत्रालय बंटवारे को लेकर कई उतार-चढ़ाव देखने को मिले थे।

Maharashtra Cabinet विस्तार : Shinde की सहमति से बने नए समीकरण, मंत्रिमंडल गठन का फॉर्मूला तैयार


महाराष्ट्र की राजनीति में लंबे समय से चर्चा का विषय बने कैबिनेट विस्तार को लेकर अब स्थिति स्पष्ट हो चुकी है। भाजपा के नेतृत्व वाली महायुति सरकार ने आखिरकार अपने मंत्रिमंडल विस्तार की तिथि तय कर दी है। 15 दिसंबर को नागपुर में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में कुल 32 विधायक मंत्री पद की शपथ ले सकते हैं। इस फैसले से सरकार में चल रही खींचतान और शिंदे गुट की मांगों पर विराम लगने की उम्मीद है।


शिंदे गुट की मांगों पर बनी सहमति

शिवसेना (शिंदे गुट) की ओर से गृह मंत्रालय और अन्य बड़े विभागों को लेकर अड़चनें थीं। शिंदे गुट ने कई मौकों पर अपने कद के अनुरूप मंत्रालयों की मांग की थी। हालांकि, भाजपा और शिंदे गुट के बीच गहन चर्चा के बाद इन मांगों पर सहमति बन गई। भाजपा ने सहयोगियों के साथ मिलकर सत्ता संतुलन बनाए रखने का फॉर्मूला तैयार किया।


कैबिनेट विस्तार की तिथि और स्थान

सूत्रों के मुताबिक, 15 दिसंबर को नागपुर में एक भव्य समारोह का आयोजन किया जाएगा, जहां नए मंत्रियों को शपथ दिलाई जाएगी। नागपुर में 16 दिसंबर से राज्य विधानमंडल का शीतकालीन सत्र शुरू हो रहा है, इसलिए इसे कैबिनेट विस्तार के लिए आदर्श समय माना जा रहा है।


सरकार गठन में आईं चुनौतियां

महाराष्ट्र में नवंबर में हुए विधानसभा चुनाव में महायुति को भारी बहुमत मिला था। कुल 288 सीटों में से महायुति ने 230 सीटों पर जीत हासिल की। भाजपा को 132, शिवसेना (शिंदे गुट) को 57 और एनसीपी को 41 सीटें मिली थीं। हालांकि, सरकार गठन के दौरान कई चुनौतियां सामने आईं।

एकनाथ शिंदे शुरू में सरकार में शामिल होने के इच्छुक नहीं थे और संगठनात्मक कार्यों पर ध्यान केंद्रित करना चाहते थे। बाद में उन्हें उपमुख्यमंत्री पद स्वीकार करने के लिए मनाया गया।


मंत्रिमंडल का फॉर्मूला

भाजपा के 20-21 मंत्री होंगे, जबकि शिवसेना को 11-12 और एनसीपी को 9-10 मंत्री पद मिलने की संभावना है। यह फॉर्मूला तीनों दलों के बीच संतुलन बनाए रखने की कोशिश है।


अजित पवार की भूमिका

कैबिनेट विस्तार की तैयारियों के बीच एनसीपी नेता अजित पवार ने भी अपनी भूमिका निभाई। उन्होंने दक्षिण मुंबई स्थित अपने देवगिरी बंगले पर अपनी पार्टी के नेताओं के साथ बैठक की और संभावित मंत्रियों के नाम तय किए।


शिंदे गुट के लिए बड़ी जीत

शिंदे गुट ने अपने समर्थकों के लिए बड़ी जिम्मेदारियां और अहम मंत्रालय हासिल करने में सफलता पाई है। इससे पार्टी में उनके नेतृत्व को मजबूती मिलेगी।


राजनीतिक स्थिरता की ओर कदम

कैबिनेट विस्तार से महाराष्ट्र में राजनीतिक स्थिरता को बल मिलेगा। सरकार में सहयोगियों के बीच बनी सहमति, महायुति के प्रभावशाली संचालन का संकेत देती है।

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