सारांश: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत को चेतावनी दी है कि अगर भारत अमेरिकी उत्पादों पर उच्च टैरिफ लगाना जारी रखता है, तो अमेरिका भी 'जैसे को तैसा' नीति अपनाते हुए पारस्परिक शुल्क लगाएगा। ट्रंप ने भारत और ब्राजील को अमेरिकी सामान पर हाई टैरिफ लगाने वाले देश बताया है और वाणिज्य सचिव ने उनके बयान का समर्थन किया है।


डोनाल्ड ट्रंप की चेतावनी: भारत के हाई टैरिफ पर अमेरिका भी अपनाएगा सख्त रुख


वॉशिंगटन/नई दिल्ली: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शपथ ग्रहण से पहले ही भारत के प्रति सख्त रुख दिखाते हुए चेतावनी दी है। उन्होंने साफ कहा है कि अगर भारत अमेरिकी प्रोडक्ट्स पर 100 प्रतिशत तक टैरिफ लगाता है, तो अमेरिका भी इसका करारा जवाब देगा। ट्रंप ने कहा, "हम पारस्परिक शुल्क (रेसिप्रोकल टैक्स) लगाएंगे। अगर कोई देश हम पर शुल्क लगाता है, तो हम भी उसी अनुपात में प्रतिक्रिया देंगे।"


भारत और ब्राजील पर निशाना

ट्रंप ने भारत और ब्राजील को अमेरिकी सामान पर हाई टैरिफ लगाने वाले प्रमुख देश के रूप में उल्लेख किया। उन्होंने कहा, "यह समय है कि अमेरिका भी व्यापार में सख्त रुख अपनाए। अब हमारी नीति ‘जैसे को तैसा’ पर आधारित होगी। अगर कोई देश अमेरिकी उत्पादों पर भारी टैक्स लगाता है, तो हम भी बदले में उसी तरह का टैक्स लगाएंगे।"


अमेरिकी वाणिज्य सचिव हावर्ड लुटनिक ने ट्रंप के इस रुख का समर्थन करते हुए कहा कि नई अमेरिकी व्यापार नीति पूरी तरह से पारस्परिकता (रेसिप्रॉसिटी) पर आधारित होगी। उन्होंने कहा, "जो जैसा करेगा, उसके साथ वैसा ही व्यवहार किया जाएगा।"


नई व्यापार नीति का संकेत

ट्रंप की इस घोषणा ने संकेत दिया है कि उनकी व्यापार नीति काफी हद तक टकरावपूर्ण हो सकती है। ट्रंप ने एक कार्यक्रम में मीडिया से बातचीत के दौरान भारत की टैरिफ प्रथाओं की आलोचना की और इसे अस्वीकार्य बताया। उनका कहना है कि अमेरिका अब किसी भी देश को अपने व्यापारिक हितों पर हावी नहीं होने देगा।


भारत पर दबाव बढ़ाने की रणनीति

ट्रंप का यह बयान ऐसे समय में आया है जब भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक संबंधों में कई मुद्दों पर असहमति चल रही है। भारत के टैरिफ को लेकर ट्रंप पहले भी आलोचना कर चुके हैं। ट्रंप प्रशासन का मानना है कि भारत अमेरिकी उत्पादों पर अनुचित टैरिफ लगाकर व्यापार असंतुलन बढ़ा रहा है।


'जैसे को तैसा' नीति का महत्व

अमेरिकी वाणिज्य सचिव हावर्ड लुटनिक ने ट्रंप की नीति को स्पष्ट करते हुए कहा, "पारस्परिक शुल्क ट्रंप प्रशासन की प्राथमिकता होगी। अगर कोई देश अमेरिकी उत्पादों पर भारी शुल्क लगाता है, तो अमेरिका भी उसी अनुपात में शुल्क लगाएगा। यह कदम सभी देशों को समान अवसर प्रदान करेगा और व्यापारिक असंतुलन को खत्म करेगा।"


उन्होंने आगे कहा कि अमेरिका किसी भी देश के साथ समान और पारदर्शी व्यापारिक संबंध बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। लेकिन यह तभी संभव होगा जब दूसरे देश भी उसी स्तर का सहयोग दें।


चुनावी जीत के बाद व्यापार पर ध्यान

ट्रंप ने हाल ही में हुए अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में बड़ी जीत हासिल की है। नवंबर 2024 के चुनाव में उन्होंने 538 में से 295 इलेक्टोरल वोट जीतकर अपनी सत्ता में वापसी की। यह उनकी दूसरी बार राष्ट्रपति बनने की यात्रा को पूरा करता है। 2016 में ट्रंप पहली बार राष्ट्रपति बने थे, लेकिन 2020 में उन्हें जो बाइडेन से हार का सामना करना पड़ा था।


भारत-अमेरिका संबंधों पर असर

ट्रंप के इस बयान से भारत-अमेरिका संबंधों पर असर पड़ने की संभावना है। हालांकि, भारत के लिए यह एक चुनौती हो सकती है कि वह अपने व्यापारिक हितों की रक्षा करे और अमेरिका के साथ संबंधों को संतुलित बनाए रखे।


उम्मीदें और चिंताएं

अमेरिका की यह नई नीति वैश्विक व्यापारिक संबंधों में बदलाव ला सकती है। भारत को अब यह तय करना होगा कि वह अपने हितों की रक्षा के लिए कैसे कदम उठाए।

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