सारांश : राज्यसभा में कांग्रेस सांसद अभिषेक मनु सिंघवी की सीट से नोटों की गड्डियां मिलने का मामला सामने आया। इस घटना ने सदन में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बहस छेड़ दी। सभापति जगदीप धनखड़ ने इसे गंभीर मामला बताते हुए जांच का आदेश दिया। विपक्षी नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने निष्पक्ष जांच की मांग की, जबकि बीजेपी नेताओं ने इस घटना पर विपक्ष को आड़े हाथों लिया।

Rajya Sabha में नोटों की गड्डी मिलने पर बवाल : Abhishek Manu Singhvi का नाम विवाद में


राज्यसभा में नया विवाद : नोटों की गड्डी का मामला

राज्यसभा में शुक्रवार का दिन एक बड़े विवाद का गवाह बना, जब कांग्रेस सांसद अभिषेक मनु सिंघवी की सीट से नोटों की गड्डियां मिलने की बात सामने आई। सभापति जगदीप धनखड़ ने सदन में इस घटना की जानकारी दी और इसे गंभीर मामला बताया। उन्होंने कहा कि इस घटना की जांच की जाएगी और दोषियों पर कार्रवाई होगी।


हालांकि, सभापति ने शुरुआत में किसी का नाम नहीं लिया, लेकिन बाद में यह स्पष्ट हुआ कि नोटों की गड्डियां सिंघवी की सीट से मिली थीं। इस खुलासे ने सदन में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच बहस को और तेज कर दिया।


सत्ता पक्ष का विपक्ष पर हमला

इस घटना के बाद सत्ता पक्ष ने विपक्ष पर निशाना साधा। बीजेपी नेता और सदन के नेता जेपी नड्डा ने कहा, "यह घटना बेहद गंभीर है और इसकी जांच होनी चाहिए। विपक्ष हमेशा गंभीर मुद्दों को दबाने की कोशिश करता है, लेकिन इस बार ऐसा नहीं होगा।"


पीयूष गोयल ने विपक्ष पर फेक न्यूज़ फैलाने और विदेशी ताकतों के साथ मिलकर सदन में हंगामा करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, "अभी तो सिर्फ नोट मिले हैं, आगे पता नहीं क्या-क्या मिलेगा।" केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू ने भी सदन की गरिमा बनाए रखने की अपील की।


विपक्ष का पलटवार

विपक्ष ने इन आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताते हुए सत्ता पक्ष को कठघरे में खड़ा किया। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, "हमने कभी किसी मामले को दबाने की कोशिश नहीं की। यह हमेशा सत्ता पक्ष का काम रहा है। सभापति को मामले की निष्पक्ष जांच करनी चाहिए। किसी का नाम लेना बिना जांच के गलत है।"


उन्होंने सत्ता पक्ष पर सदन की कार्यवाही को प्रभावित करने का आरोप लगाते हुए कहा कि यह घटना केवल ध्यान भटकाने के लिए उछाली गई है।


अभिषेक मनु सिंघवी का बचाव

कांग्रेस सांसद अभिषेक मनु सिंघवी ने अपने ऊपर लगे आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि यह उनके खिलाफ साजिश है। उन्होंने कहा, "मैं जब भी सदन जाता हूं, तो 500 रुपये का एक नोट लेकर जाता हूं। मैंने पहली बार इस तरह की घटना के बारे में सुना है।"


सिंघवी ने अपनी उपस्थिति को लेकर स्पष्ट करते हुए कहा कि वह 12:57 बजे सदन में पहुंचे और 1 बजे वहां से निकल गए। इसके बाद वह 1:30 बजे तक कैंटीन में थे और फिर संसद भवन छोड़ दिया।


जांच की मांग और सदन की गरिमा का सवाल

सभापति जगदीप धनखड़ ने भरोसा दिलाया कि मामले की निष्पक्ष जांच की जाएगी। उन्होंने कहा कि संसद देश का सर्वोच्च लोकतांत्रिक मंच है और इसकी गरिमा को बनाए रखना सभी सांसदों की जिम्मेदारी है।


इस घटना ने सदन की सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल खड़े किए हैं। नोटों की गड्डी मिलने से यह साफ हुआ है कि सुरक्षा प्रक्रियाओं को और मजबूत करने की जरूरत है।


राजनीतिक दलों की प्रतिक्रियाएं

बीजेपी : घटना को गंभीर बताते हुए जांच की मांग की।

कांग्रेस : इसे राजनीति से प्रेरित साजिश करार दिया।

अन्य दल : निष्पक्ष और पारदर्शी जांच की अपील की।


संसद की गरिमा बहाल करने की जरूरत

इस घटना ने संसद की कार्यवाही को बुरी तरह प्रभावित किया। विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच लगातार नोकझोंक से लोकतांत्रिक प्रक्रियाएं बाधित हो रही हैं। यह जरूरी है कि सांसद अपनी जिम्मेदारियों को समझें और सदन की गरिमा बनाए रखें।


निष्कर्ष

राज्यसभा में नोटों की गड्डी मिलने की घटना ने राजनीति को एक नया मुद्दा दे दिया है। यह घटना सिर्फ एक पार्टी या सांसद तक सीमित नहीं है, बल्कि पूरे लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर सवाल खड़े करती है। इस मामले की निष्पक्ष जांच और दोषियों पर सख्त कार्रवाई जरूरी है।


लोकतंत्र की मजबूती के लिए यह आवश्यक है कि संसद जैसे पवित्र स्थल की गरिमा बनी रहे। इस घटना से सबक लेते हुए सुरक्षा व्यवस्था और निगरानी प्रणाली को मजबूत करना अनिवार्य है।

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