सारांश : भारत के संविधान निर्माता और सामाजिक न्याय के प्रतीक डॉ. भीमराव अंबेडकर की पुण्यतिथि पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और अन्य दिग्गज नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। पीएम मोदी ने बाबा साहेब के आदर्शों को प्रेरणा बताते हुए उनकी दृष्टि को पूरा करने का संकल्प दोहराया, जबकि अन्य नेताओं ने उनके योगदान और शिक्षाओं पर प्रकाश डाला।
बाबा साहेब अंबेडकर को देशभर में दी गई श्रद्धांजलि
भारत के संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर की 69वीं पुण्यतिथि पर पूरे देश में उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। बाबा साहेब के "महापरिनिर्वाण दिवस" पर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, उप-राष्ट्रपति, और अन्य प्रमुख नेताओं ने उनके योगदान और आदर्शों को याद किया।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भुवनेश्वर में एजी स्क्वायर स्थित बाबा साहेब की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की। इस अवसर पर उन्होंने बाबा साहेब के सामाजिक न्याय के प्रति योगदान को याद करते हुए उनके दिखाए मार्ग पर चलने का संदेश दिया। इसके बाद राष्ट्रपति ने अपने गृह जिले मयूरभंज की यात्रा भी की।
पीएम मोदी का संदेश:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बाबा साहेब को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा, “डॉ. भीमराव अंबेडकर का समानता और मानवीय गरिमा के लिए संघर्ष पीढ़ियों को प्रेरित करता रहेगा। आज हम उनकी दृष्टि को पूरा करने की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराते हैं।” उन्होंने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में "जय भीम" का नारा देते हुए इस साल की शुरुआत में मुंबई के चैत्य भूमि की अपनी यात्रा का जिक्र भी किया।
खरगे ने बाबा साहेब के आदर्शों को बताया आज की जरूरत:
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने बाबा साहेब के महापरिनिर्वाण दिवस पर कहा, “बाबा साहेब के आदर्शों और विचारों की रक्षा करना आज के समय की सख्त जरूरत है। उन्होंने अपना पूरा जीवन स्वतंत्रता, समानता, बंधुत्व और न्याय के लोकतांत्रिक मूल्यों की स्थापना के लिए समर्पित किया।”
अन्य नेताओं के विचार:
उप-राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ : उन्होंने बाबा साहेब को श्रद्धांजलि देते हुए कहा, “डॉ. अंबेडकर के आदर्शों को बनाए रखना और समावेशी भारत की दिशा में काम करना हमारी जिम्मेदारी है।”
लोकसभा स्पीकर ओम बिरला : उन्होंने बाबा साहेब को "समाज का संरक्षक" बताते हुए कहा कि उनका योगदान और शिक्षाएं हमेशा प्रेरणा देती रहेंगी।
केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह : उन्होंने कहा, “डॉ. अंबेडकर के विचार और दृष्टिकोण भारत को आगे बढ़ने की प्रेरणा देते हैं। उनका योगदान राष्ट्र के लिए अमूल्य है।”
सामाजिक न्याय और समानता का संदेश :
डॉ. अंबेडकर ने अपने जीवन में सामाजिक असमानताओं के खिलाफ संघर्ष किया और समानता, स्वतंत्रता, और बंधुत्व की वकालत की। उनके विचार आज भी देश को प्रगतिशील दिशा में प्रेरित करते हैं।
अंबेडकर की विरासत :
डॉ. भीमराव अंबेडकर के योगदान को न केवल भारतीय संविधान के निर्माण में बल्कि सामाजिक बदलाव के एक प्रमुख प्रेरक के रूप में भी देखा जाता है। उनके आदर्श आज भी समाज में न्याय, समानता, और समावेशिता की नींव को मजबूत बनाते हैं।
महापरिनिर्वाण दिवस का महत्व :
6 दिसंबर को हर साल बाबा साहेब की पुण्यतिथि "महापरिनिर्वाण दिवस" के रूप में मनाई जाती है। यह दिन हमें उनके संघर्ष, शिक्षाओं और आदर्शों को याद करने और उनके दिखाए मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है।
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