सारांश : जीएसटी परिषद की बैठक में स्वास्थ्य और जीवन बीमा पर टैक्स कम करने का फैसला फिलहाल टाल दिया गया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि इस मुद्दे पर गहराई से विचार-विमर्श और IRDAI से इनपुट लेने के बाद ही अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
जीएसटी परिषद की बैठक में बीमा टैक्स कटौती पर चर्चा
शनिवार को हुई जीएसटी परिषद की बैठक में स्वास्थ्य और जीवन बीमा पर टैक्स में कटौती को लेकर गहन चर्चा हुई। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में इस मुद्दे पर कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया। उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि इस पर और अधिक विचार-विमर्श की आवश्यकता है। इस निर्णय को लेने से पहले बीमा नियामक संस्था IRDAI से इनपुट लिया जाएगा। इसके बाद यह प्रस्ताव जीएसटी परिषद के सामने पेश किया जाएगा।
मंत्री समूह का नजरिया
बीमा कराधान पर बनी मंत्री समूह की समिति, जिसका नेतृत्व बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी कर रहे हैं, ने भी इस पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि समूह बीमा पॉलिसियों, विशेष रूप से व्यक्तिगत और वरिष्ठ नागरिकों की पॉलिसियों के कराधान पर विचार करने के लिए एक और बैठक करेगा। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि किसी भी निर्णय से बीमा धारकों और सरकार दोनों को लाभ हो।
फैसला क्यों टला?
जीएसटी परिषद के कुछ सदस्यों ने महसूस किया कि बीमा कराधान के संदर्भ में अंतिम निर्णय तक पहुंचने से पहले गहन विचार-विमर्श आवश्यक है। स्वास्थ्य और जीवन बीमा पर टैक्स में कटौती का मामला संवेदनशील है और इसके व्यापक प्रभाव हो सकते हैं। परिषद इस मुद्दे पर संतुलित दृष्टिकोण अपनाना चाहती है, ताकि इसका सकारात्मक प्रभाव हो।
IRDAI की भूमिका
बीमा क्षेत्र में टैक्स सुधारों को प्रभावी बनाने के लिए बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) से इनपुट लेना महत्वपूर्ण है। IRDAI इस मुद्दे पर तकनीकी और व्यावहारिक पहलुओं को ध्यान में रखते हुए सुझाव देगा। परिषद का मानना है कि इन सुझावों से इस विषय पर बेहतर निर्णय लिया जा सकेगा।
वरिष्ठ नागरिकों और व्यक्तिगत पॉलिसियों पर फोकस
बैठक में विशेष रूप से वरिष्ठ नागरिकों और व्यक्तिगत बीमा पॉलिसियों पर टैक्स में कटौती पर जोर दिया गया। इन पॉलिसियों पर टैक्स घटाने से बीमा क्षेत्र में अधिक लोगों को शामिल करने और बीमा को सस्ता बनाने की संभावना है। वित्त मंत्री ने कहा कि यह मुद्दा देश के आम नागरिकों से जुड़ा है और इसे हल्के में नहीं लिया जा सकता।
भविष्य की रणनीति
आने वाले दिनों में मंत्री समूह एक और बैठक करेगा, जिसमें इस विषय पर विस्तृत चर्चा होगी। इसके बाद, समूह की सिफारिशों को जीएसटी परिषद के सामने रखा जाएगा। परिषद यह सुनिश्चित करेगी कि निर्णय सभी हितधारकों के लिए लाभकारी हो और इससे बीमा क्षेत्र में सुधार आए।
जीएसटी परिषद की प्राथमिकताएं
जीएसटी परिषद का उद्देश्य केवल टैक्स सुधारों को लागू करना नहीं है, बल्कि यह सुनिश्चित करना भी है कि इन सुधारों से देश के नागरिकों पर सकारात्मक प्रभाव पड़े। स्वास्थ्य और जीवन बीमा पर टैक्स कटौती का मुद्दा न केवल बीमा धारकों बल्कि बीमा कंपनियों के लिए भी महत्वपूर्ण है।
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