सारांश : लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने संसद में चल रहे हंगामे और प्रदर्शन को अशोभनीय बताते हुए सभी सांसदों से मर्यादा और गरिमा बनाए रखने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि संसद की गरिमा, परंपरा, और प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाना लोकतांत्रिक परंपराओं के अनुकूल नहीं है।
संसद में हंगामा, प्रदर्शन और मर्यादा पर सवाल
लोकसभा में मंगलवार को जोरदार हंगामा हुआ। विपक्षी दलों के नेताओं ने काले झोले और मुखौटों के माध्यम से प्रदर्शन किया, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उद्योगपति गौतम अदाणी के चित्र प्रदर्शित किए गए। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने इसे न केवल अशोभनीय बल्कि संसदीय परंपराओं के खिलाफ भी करार दिया।
उन्होंने कहा कि संसद केवल एक भवन नहीं है, बल्कि यह लोकतंत्र का मंदिर है। यहां पर चर्चा, संवाद और असहमति को स्थान दिया जाता है, लेकिन यह सब गरिमा और मर्यादा के दायरे में होना चाहिए।
संसद में विपक्ष के प्रदर्शन की तीखी आलोचना
मंगलवार को कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों ने अदाणी समूह के मामले पर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। विपक्ष ने प्रधानमंत्री और अदाणी के मुखौटे पहनकर प्रतीकात्मक विरोध किया, जिससे संसद परिसर में माहौल गरम हो गया।
बिरला ने इसे संसदीय परंपराओं का उल्लंघन बताते हुए कहा कि सांसदों को ऐसा आचरण नहीं करना चाहिए जो संसद की गरिमा को ठेस पहुंचाए।
लोकतंत्र की मर्यादा और सकारात्मक संदेश की आवश्यकता
ओम बिरला ने सदन में कहा कि संसद जनता की आकांक्षाओं और उम्मीदों का प्रतीक है। उन्होंने सभी सांसदों से आग्रह किया कि वे अपने आचरण को मर्यादित रखें, जिससे लोकतंत्र के मंदिर के प्रति जनता की आस्था बनी रहे।
उन्होंने कहा, "चर्चा और संवाद इस लोकतंत्र का आधार हैं। हमें अपने आचरण से जनता को सकारात्मक संदेश देना चाहिए।"
प्रश्नकाल का महत्व और सांसदों से सहयोग की अपील
बिरला ने सांसदों से प्रश्नकाल को सही तरीके से चलने देने की अपील की। उन्होंने कहा कि यह समय अत्यंत महत्वपूर्ण होता है और इस दौरान सार्थक चर्चा होनी चाहिए। उन्होंने सत्तापक्ष और विपक्ष दोनों से आपसी सहयोग की उम्मीद जताई।
लोकसभा कार्यवाही बार-बार स्थगित
हंगामे के कारण लोकसभा की कार्यवाही केवल पांच मिनट चल सकी। विपक्षी नेताओं ने अपने मुद्दों को उठाने का प्रयास करते हुए शोर-शराबा किया। इसके चलते कार्यवाही को दोपहर 12 बजे तक स्थगित करना पड़ा।
अदाणी समूह पर चर्चा की मांग
विपक्ष ने अदाणी समूह के मामले पर चर्चा करने और जेपीसी गठन की मांग की। इसके साथ ही राहुल गांधी ने अपने प्रदर्शन में पीएम मोदी और अदाणी को निशाना बनाते हुए प्रतीकात्मक इंटरव्यू का सहारा लिया।
संसद की गरिमा पर जोर
बिरला ने कहा, "यह भवन दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र का प्रतीक है। यहां सहमति और असहमति की परंपरा है, लेकिन उसे गरिमा के साथ निभाना चाहिए।"
उन्होंने विपक्ष के बड़े नेताओं के आचरण को भी संसदीय परंपराओं के प्रतिकूल बताया। साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि सत्तापक्ष और विपक्ष दोनों को मर्यादा बनाए रखने का जिम्मा उठाना चाहिए।
लोकतांत्रिक परंपराओं का सम्मान जरूरी
ओम बिरला ने कहा कि आजादी के 75 वर्षों में संसद ने कई महत्वपूर्ण चर्चाएं और आलोचनाएं देखी हैं। लेकिन इन सबके बीच गरिमा और मर्यादा का ध्यान रखना आवश्यक है। उन्होंने सभी सांसदों से सहयोग और सदन की गरिमा बनाए रखने की अपील की।
मुख्य बिंदु
लोकसभा अध्यक्ष ने प्रदर्शन को अशोभनीय बताया।
सांसदों से मर्यादा और गरिमा बनाए रखने की अपील।
अदाणी समूह पर जेपीसी गठन की मांग।
हंगामे के कारण कार्यवाही बार-बार स्थगित।
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