सारांश : आज के कारोबारी दिन में शेयर बाजार ने सकारात्मक रुख दिखाया, जिससे घरेलू बाजारों में तेजी देखी गई। सेंसेक्स 81,000 के स्तर को पार करते हुए 190 अंक ऊपर 81,036 पर पहुंचा, जबकि निफ्टी भी 48 अंक की बढ़त के साथ 24,505 तक पहुंच गया। विदेशी निवेशकों का शुद्ध प्रवाह और वैश्विक बाजारों के सकारात्मक संकेत इस वृद्धि के प्रमुख कारण रहे। हालांकि, एशियाई बाजारों में दक्षिण कोरिया, जापान और चीन में नुकसान देखा गया। इसके बावजूद भारत के बाजारों में उत्साह और वृद्धि की उम्मीद बनी हुई है।

Stock Market में तेजी : Sensex 81,000 के पार, Nifty में भी उछाल


सेंसेक्स और निफ्टी में बढ़त, वैश्विक संकेत मजबूत

बुधवार को भारतीय शेयर बाजार हरे निशान पर खुले। सेंसेक्स 190.47 अंक की बढ़त के साथ 81,036.22 अंक पर और निफ्टी 48.1 अंक की वृद्धि के साथ 24,505.25 अंक पर पहुंचा। इस उछाल के पीछे मुख्य कारण विदेशी पूंजी प्रवाह का बढ़ना था, जिससे निवेशकों का विश्वास बढ़ा और बाजार में सकारात्मक माहौल बना।


सेंसेक्स में शामिल 30 प्रमुख कंपनियों में से एनटीपीसी, टेक महिंद्रा, आईटीसी, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, एचसीएल टेक्नोलॉजीज, इंफोसिस, लार्सन एंड टुब्रो, बजाज फिनसर्व, बजाज फाइनेंस और एचडीएफसी बैंक जैसे शेयरों में तेजी आई, जबकि भारती एयरटेल, रिलायंस इंडस्ट्रीज, अदाणी पोर्ट्स और टाटा मोटर्स के शेयर में गिरावट देखने को मिली।


वैश्विक बाजारों की स्थिति

एशियाई बाजारों में आज मिश्रित प्रदर्शन देखा गया। दक्षिण कोरिया का कोस्पी सूचकांक 1.83 प्रतिशत नीचे रहा, जबकि जापान का निक्केई 225 और चीन का शंघाई कम्पोजिट भी नुकसान में रहे। हालांकि, हांगकांग का हैंगसेंग सूचकांक सकारात्मक रहा और 0.15 प्रतिशत की बढ़त के साथ बंद हुआ। अमेरिकी बाजारों ने मंगलवार को सकारात्मक रुख के साथ कारोबार समाप्त किया था, जिससे भारतीय बाजारों में भी उत्साह देखने को मिला।


वैश्विक ब्रेंट क्रूड की कीमत 0.05 प्रतिशत बढ़कर 73.66 डॉलर प्रति बैरल हो गई, जो बाजारों के लिए एक सकारात्मक संकेत था।


एफआईआई की खरीदारी से बाजार में उछाल

शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) ने मंगलवार को 3,664.67 करोड़ रुपये की शुद्ध खरीदारी की, जिससे घरेलू बाजारों में तेजी आई। दूसरी तरफ, घरेलू संस्थागत निवेशक (डीआईआई) ने 250.99 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।


विशेषज्ञों के अनुसार, विदेशी पूंजी का प्रवाह भारतीय बाजारों के लिए एक मजबूत संकेत है। विशेषज्ञों का कहना है कि दिसंबर महीने में बाजार की स्थिति सकारात्मक हो सकती है और विदेशी निवेशक खरीदारी की प्रक्रिया को जारी रख सकते हैं। हालांकि, भू-राजनीतिक घटनाओं और वैश्विक आर्थिक संकटों का असर निकट भविष्य में बाजार पर पड़ सकता है, जिससे बाजारों में उतार-चढ़ाव रह सकता है।


स्मरणीय बाजार संकेत

अजय बग्गा, जो एक प्रमुख बैंकिंग और बाजार विशेषज्ञ हैं, ने कहा, "पिछले कुछ सत्रों में भारतीय बाजारों में मजबूती देखी गई है। अमेरिकी बाजारों ने इस वर्ष 1929 के बाद का रिकॉर्ड तोड़ते हुए 55वां सर्वकालिक उच्चतम स्तर छुआ। हालांकि भारतीय बाजारों में शुरुआत थोड़ी शांत हो सकती है, लेकिन कुल मिलाकर दिसंबर का माहौल 'सांता क्लॉज' तेजी के पक्ष में है।"


भारतीय बाजारों का मूड पहले "हर तेजी पर बेचने" से अब "गिरावट पर खरीदने" में बदल चुका है, जो निवेशकों के लिए एक अच्छा संकेत है। निफ्टी 50 सूची में भी 33 शेयरों में तेजी आई जबकि 17 शेयरों में गिरावट आई।


निफ्टी के क्षेत्रीय सूचकांक और निवेशकों का रवैया

निफ्टी के क्षेत्रीय सूचकांकों में निफ्टी मीडिया और निफ्टी फार्मा को छोड़कर अन्य सभी सूचकांक हरे निशान पर खुले। निफ्टी 50 सूची में बीईएल ने शीर्ष लाभ के साथ शुरुआत की, उसके बाद एचडीएफसी लाइफ, एसबीआई लाइफ और एनटीपीसी का स्थान रहा।


विदेशी संस्थागत निवेशकों की धारणा में मामूली सुधार ने घरेलू बाजारों में वृद्धि को और प्रोत्साहित किया। लगातार तीन दिनों की बढ़त के बाद, निवेशक अब उम्मीद कर रहे हैं कि इस सुधार का सिलसिला जारी रहेगा, खासकर तब जब एफआईआई का सकारात्मक प्रवाह बना रहे।


भविष्य की संभावनाएं और चुनौतियां

हालांकि बाजार में सकारात्मक रुख जारी है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि भू-राजनीतिक घटनाओं और अंतर्राष्ट्रीय बाजारों के उतार-चढ़ाव का प्रभाव भारतीय बाजारों पर पड़ सकता है। भारतीय वायदा बाजार में शुरुआती संकेतों के बावजूद निवेशकों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।


हालांकि, अमेरिकी बाजारों की स्थिति और एफआईआई के सकारात्मक प्रवाह के चलते भारतीय बाजारों में इस समय अच्छा माहौल देखा जा रहा है। निवेशक इस समय अधिकतम लाभ प्राप्त करने के लिए सक्रिय हैं।


निष्कर्ष

कुल मिलाकर, आज भारतीय शेयर बाजार में सकारात्मक रुख देखा गया है, जहां सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ने अच्छे अंक जोड़े। विदेशी पूंजी के प्रवाह से बाजार में उत्साह बना हुआ है, और वैश्विक संकेत भी सकारात्मक हैं। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि भविष्य में भू-राजनीतिक घटनाओं के चलते बाजार में उतार-चढ़ाव हो सकता है।

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