सारांश : विदेशी निवेशकों की पूंजी निकासी, घरेलू बाजार में बिकवाली और अमेरिकी फेडरल रिजर्व के फैसलों के बीच मंगलवार को शेयर बाजार में भारी गिरावट दर्ज की गई। सेंसेक्स 900 अंक गिरकर 81,130 पर आ गया, जबकि निफ्टी 199 अंक टूटकर 24,468 पर बंद हुआ। रुपया भी कमजोर होकर 84.92 प्रति डॉलर के रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गया।
शेयर बाजार में गिरावट: निवेशकों के लिए बुरे संकेत
मंगलवार का दिन भारतीय शेयर बाजार के लिए बेहद चुनौतीपूर्ण रहा। विदेशी पूंजी की निकासी और वैश्विक बाजारों में मिलेजुले रुझानों के चलते सेंसेक्स और निफ्टी में भारी गिरावट दर्ज की गई। शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स 350 अंक टूटकर 81,397 अंक पर पहुंचा। बाजार का यह रुख निवेशकों के लिए चिंता का विषय बना हुआ है।
गिरावट का मुख्य कारण
विशेषज्ञों का मानना है कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व की ब्याज दरों पर आने वाले फैसले को लेकर निवेशक सतर्क हैं। इसके अलावा, रिलायंस इंडस्ट्रीज और एचडीएफसी बैंक जैसे प्रमुख शेयरों में भारी बिकवाली ने भी बाजार पर दबाव बढ़ाया।
ब्लू-चिप शेयरों में गिरावट
सेंसेक्स के 30 में से अधिकांश ब्लू-चिप कंपनियों के शेयरों में गिरावट देखी गई। इनमें रिलायंस इंडस्ट्रीज, भारती एयरटेल, नेस्ले, लार्सन एंड टुब्रो, बजाज फिनसर्व, एचडीएफसी बैंक और जेएसडब्ल्यू स्टील शामिल हैं।
हालांकि, कुछ कंपनियां ऐसी भी रहीं जो गिरावट के बावजूद मुनाफे में रहीं। टाटा मोटर्स, अदाणी पोर्ट्स, टेक महिंद्रा और हिंदुस्तान यूनिलीवर के शेयरों ने निवेशकों को राहत दी।
वैश्विक बाजार का प्रभाव
भारतीय बाजार पर वैश्विक रुझानों का बड़ा प्रभाव पड़ा। एशियाई बाजारों में सियोल, शंघाई और हांगकांग में गिरावट दर्ज की गई। वहीं, टोक्यो के बाजार में हल्की तेजी रही। सोमवार को अमेरिकी बाजार वॉल स्ट्रीट पर भी मिलाजुला रुझान देखने को मिला था।
रुपया फिर रिकॉर्ड निचले स्तर पर
विदेशी निवेशकों द्वारा पूंजी की निकासी और बाजार की कमजोरी के बीच रुपया भी कमजोर हुआ। मंगलवार को यह 84.92 प्रति डॉलर के सर्वकालिक निचले स्तर पर पहुंच गया। सोमवार को भी रुपया 11 पैसे गिरकर 84.91 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था।
विशेषज्ञों का कहना है कि यह गिरावट घरेलू आर्थिक हालात और वैश्विक बाजारों में अस्थिरता के कारण है।
जानकारों की राय
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वीके विजयकुमार ने बताया कि बाजार अमेरिकी फेडरल ओपन मार्केट कमेटी (FOMC) के निर्णय का इंतजार कर रहा है। उनका मानना है कि फेडरल रिजर्व की किसी कठोर टिप्पणी से बाजार और गिर सकता है।
विदेशी निवेशकों की भूमिका
सोमवार को विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने 278.70 करोड़ रुपये के शेयर बेचे, जिससे बाजार पर अतिरिक्त दबाव पड़ा। वहीं, घरेलू संस्थागत निवेशकों की ओर से समर्थन सीमित रहा।
कच्चे तेल और अन्य कारक
वैश्विक स्तर पर ब्रेंट क्रूड की कीमतों में गिरावट जारी रही। सोमवार को यह 0.14 प्रतिशत गिरकर 73.81 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया। कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट से कुछ सेक्टरों को राहत मिल सकती है, लेकिन व्यापक अर्थव्यवस्था पर दबाव कायम है।
भविष्य का संकेत
विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले दिनों में बाजार पर अमेरिकी फेड के निर्णय का असर रहेगा। निवेशकों को सतर्क रहने की सलाह दी जा रही है।
प्रमुख बातें:
सेंसेक्स 900 अंक लुढ़का, निफ्टी में 199 अंकों की गिरावट।
रिलायंस और एचडीएफसी जैसे ब्लू-चिप शेयरों में बिकवाली।
रुपया 84.92 प्रति डॉलर के निचले स्तर पर।
विदेशी निवेशकों की भारी बिकवाली से बाजार पर दबाव।
वैश्विक बाजारों में अस्थिरता ने भारतीय बाजार को प्रभावित किया।
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