सारांश : गुरुवार को घरेलू शेयर बाजार में शुरुआती बढ़त के बाद उतार-चढ़ाव देखने को मिला। सेंसेक्स और निफ्टी सपाट स्तर पर बंद हुए, जबकि रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 85.25 के सर्वकालिक निचले स्तर पर पहुंच गया। विदेशी निवेशकों की बिकवाली और वैश्विक बाजारों की कमजोर धारणा के बीच भारतीय अर्थव्यवस्था त्यौहारी मांग और ग्रामीण वृद्धि से सुधार की ओर बढ़ रही है।
शेयर बाजार का हाल: सेंसेक्स और निफ्टी का प्रदर्शन
गुरुवार को घरेलू शेयर बाजार सकारात्मक शुरुआत के बावजूद दिन के अंत में सपाट हो गया। बीएसई सेंसेक्स ने 425.5 अंकों की बढ़त के साथ 78,898.37 पर शुरुआत की, जबकि एनएसई निफ्टी 123.85 अंक चढ़कर 23,851.50 पर खुला। हालांकि, दिन चढ़ने के साथ बाजार में गिरावट दर्ज की गई।
सुबह 11 बजे के करीब सेंसेक्स 8.74 अंक टूटकर 78,465.86 पर पहुंचा और निफ्टी 2.11 अंक गिरकर 23,725.55 पर कारोबार करता दिखा। यह उतार-चढ़ाव निवेशकों की सतर्कता और विदेशी निवेशकों द्वारा बिकवाली का नतीजा रहा।
रुपया: डॉलर के मुकाबले रिकॉर्ड गिरावट
भारतीय रुपया गुरुवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 10 पैसे टूटकर 85.25 के सर्वकालिक निचले स्तर पर पहुंच गया। अंतरबैंक विदेशी मुद्रा बाजार में रुपया 85.23 प्रति डॉलर पर खुला और जल्द ही 85.25 पर आ गया। यह गिरावट विदेशी मुद्रा बाजार में वैश्विक अस्थिरता और अमेरिकी डॉलर की मजबूती के कारण हुई।
पिछले सत्र में रुपया 85.15 पर बंद हुआ था, और क्रिसमस के मौके पर बुधवार को विदेशी मुद्रा बाजार बंद था। रुपया कमजोर होने से आयातकों और आम जनता पर प्रभाव पड़ने की संभावना है।
शेयर बाजार में टॉप गेनर्स और लूजर्स
सेंसेक्स में सूचीबद्ध 30 कंपनियों में से भारतीय स्टेट बैंक, मारुति, एक्सिस बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, महिंद्रा एंड महिंद्रा और पावर ग्रिड के शेयरों में सबसे अधिक बढ़त दर्ज की गई। दूसरी ओर, एशियन पेंट्स, टेक महिंद्रा, नेस्ले और टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज जैसे शेयर नुकसान में रहे।
विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने मंगलवार को भारतीय शेयर बाजार में शुद्ध रूप से 2,454.21 करोड़ रुपये के शेयर बेचे। यह बिकवाली बाजार में गिरावट का एक प्रमुख कारण बनी।
भारतीय अर्थव्यवस्था में सुधार के संकेत
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के ताजा बुलेटिन के अनुसार, त्यौहारी मांग और ग्रामीण क्षेत्रों में वृद्धि के चलते भारतीय अर्थव्यवस्था सितंबर तिमाही में देखी गई मंदी से उबर रही है। यह सुधार अर्थव्यवस्था में स्थिरता के संकेत देता है, हालांकि वैश्विक बाजारों की अस्थिरता अब भी चिंता का विषय है।
वैश्विक तेल और अन्य कारक
ब्रेंट क्रूड की कीमत 0.41% बढ़कर 73.88 डॉलर प्रति बैरल हो गई, जो वैश्विक ऊर्जा बाजार की स्थिरता को दर्शाता है। हालांकि, घरेलू बाजार में यह वृद्धि महंगाई पर असर डाल सकती है।
मंगलवार को 30 शेयरों वाला बीएसई सूचकांक 67.30 अंक या 0.09% गिरकर 78,472.87 अंक पर बंद हुआ था। निफ्टी 25.80 अंक या 0.11% गिरकर 23,727.65 अंक पर रहा।
निवेशकों के लिए सलाह
बाजार में मौजूदा अस्थिरता के कारण निवेशकों को सतर्क रहना चाहिए। दीर्घकालिक निवेश पर ध्यान केंद्रित करते हुए गुणवत्ता वाले स्टॉक्स में निवेश करना उचित रहेगा। इसके अलावा, रुपये में गिरावट से आयात आधारित कंपनियों के शेयरों पर प्रभाव पड़ सकता है।
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