सारांश: मार्च के महीने में गर्मियों की शुरुआत के साथ ही नैनीताल में सैलानियों का भारी जमावड़ा देखने को मिल रहा है। वीकेंड और होली की छुट्टियों के कारण पर्यटकों की संख्या में अप्रत्याशित बढ़ोतरी हुई है, जिससे शहर में भीषण ट्रैफिक जाम लग गया। नैनीताल से बाबा नीम करौली के प्रसिद्ध कैंची धाम तक 11 किलोमीटर लंबा जाम लग गया, जिससे श्रद्धालुओं और पर्यटकों को घंटों फंसे रहना पड़ा। होटल और गेस्ट हाउस फुल होने से ठहरने की समस्या भी बढ़ गई है। स्थानीय प्रशासन को आने वाले दिनों में और बेहतर प्रबंधन की जरूरत होगी।
नैनीताल में उमड़ा सैलानियों का सैलाब
मार्च की शुरुआत होते ही उत्तराखंड के नैनीताल में गर्मियों की आमद दिखने लगी है। वीकेंड और होली की छुट्टियों का आनंद लेने के लिए हजारों की संख्या में पर्यटक इस हिल स्टेशन पर पहुंचे, जिससे शहर की सड़कें और प्रमुख पर्यटन स्थलों पर भीड़ उमड़ पड़ी। नैनीताल की प्रसिद्ध माल रोड, नैना देवी मंदिर, स्नो व्यू पॉइंट और नैनी झील के किनारे पर्यटकों का हुजूम नजर आया।
बढ़ती भीड़ के कारण स्थानीय बाजारों में चहल-पहल बढ़ गई, जिससे व्यापारियों के चेहरे भी खिल उठे। हालांकि, दूसरी ओर, ट्रैफिक जाम और ठहरने की समस्या ने पर्यटकों की परेशानी भी बढ़ा दी।
होटल और गेस्ट हाउस हुए फुल, ठहरने की समस्या बढ़ी
नैनीताल में अचानक बढ़ी भीड़ के चलते होटल, गेस्ट हाउस और होम स्टे की बुकिंग फुल हो गई है। कई पर्यटक जो बिना अग्रिम बुकिंग के पहुंचे, उन्हें ठहरने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी।
नैनीताल होटल एसोसिएशन के सचिव वेद साह के अनुसार, "इस साल फरवरी से ही पर्यटकों की संख्या बढ़ने लगी थी। बाबा नीम करौली महाराज के प्रति श्रद्धालुओं की आस्था बढ़ी है, जिससे नैनीताल और कैंची धाम आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में इजाफा हो रहा है। हमें उम्मीद है कि यह पर्यटन सीजन व्यापार के लिहाज से बेहद अच्छा रहेगा।"
कैंची धाम जाने वालों के लिए मुश्किल सफर, 11 किमी लंबा जाम
रविवार को बाबा नीम करौली के प्रसिद्ध कैंची धाम मंदिर जाने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। नैनीताल से कैंची धाम जाने वाले मार्ग पर 11 किलोमीटर लंबा जाम लग गया, जिससे श्रद्धालुओं का ढाई घंटे का सफर और लंबा हो गया।
कैंची धाम से मेहरागांव तक वाहनों की लंबी कतारें देखने को मिलीं, जिससे न केवल पर्यटकों बल्कि स्थानीय लोगों को भी भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।
पुलिस प्रशासन व्यवस्था सुधारने में नाकाम
भारी भीड़ और लंबी गाड़ियों की कतारों के कारण यातायात व्यवस्था चरमरा गई। स्थानीय लोगों और श्रद्धालुओं ने पुलिस प्रशासन पर सवाल उठाए, क्योंकि ट्रैफिक नियंत्रण के प्रयास नाकाफी साबित हुए। कई श्रद्धालुओं को पैदल ही लंबी दूरी तय करनी पड़ी।
एक श्रद्धालु ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा, "हर साल इस दौरान भीड़ बढ़ती है, लेकिन प्रशासन ने अभी तक कोई ठोस उपाय नहीं किए हैं। हमें घंटों जाम में फंसे रहना पड़ा।"
ट्रैफिक जाम से स्थानीय लोगों की भी परेशानी बढ़ी
भीषण जाम का असर केवल पर्यटकों पर ही नहीं पड़ा, बल्कि स्थानीय लोग भी इससे प्रभावित हुए। नैनीताल और आसपास के क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को अपने रोजमर्रा के काम निपटाने में परेशानी का सामना करना पड़ा। मेहरागांव, भवाली और आसपास के क्षेत्रों में भी गाड़ियों की लंबी कतारें लग गईं।
व्यापारियों ने भी इस भीड़ को लेकर चिंता जताई। एक दुकानदार ने कहा, "पर्यटक आते हैं तो व्यापार अच्छा होता है, लेकिन जब ट्रैफिक पूरी तरह ठप हो जाता है, तो स्थानीय लोगों की दिक्कतें बढ़ जाती हैं। प्रशासन को इसे मैनेज करने के लिए पुख्ता योजना बनानी चाहिए।"
क्या हो सकते हैं समाधान?
हर साल बढ़ती पर्यटकों की संख्या को देखते हुए प्रशासन को स्थायी समाधान निकालने की जरूरत है। कुछ संभावित उपाय इस प्रकार हो सकते हैं:
- पार्किंग व्यवस्था में सुधार – नैनीताल और कैंची धाम में पर्याप्त पार्किंग सुविधा विकसित की जानी चाहिए, ताकि मुख्य सड़कों पर वाहनों का दबाव कम हो।
- ट्रैफिक डायवर्जन प्लान – व्यस्त पर्यटन सीजन में वैकल्पिक मार्गों को खोलना और वाहनों की आवाजाही को नियंत्रित करने के लिए अलग लेन बनाना जरूरी है।
- पब्लिक ट्रांसपोर्ट को बढ़ावा – पर्यटकों के लिए विशेष बस सेवा शुरू की जानी चाहिए, ताकि निजी वाहनों की संख्या कम हो और ट्रैफिक का भार हल्का हो।
- ऑनलाइन बुकिंग अनिवार्य करना – होटलों और गेस्ट हाउस में पहले से बुकिंग अनिवार्य करने से भीड़ नियंत्रण में मदद मिल सकती है।
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