सारांश : बांग्लादेश के अंतरिम प्रधानमंत्री मुहम्मद यूनुस चीन की चार दिवसीय यात्रा पर हैं। यह यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब देश में राजनीतिक अस्थिरता चरम पर है और सेना के साथ सरकार के संबंध तनावपूर्ण हैं। शेख हसीना के तख्तापलट के बाद से बांग्लादेश का झुकाव चीन की ओर बढ़ा है, जिससे भारत के साथ उसके संबंधों में बदलाव देखा जा रहा है। इस बीच, सेना की नाराजगी और संभावित तख्तापलट की अटकलों के बीच यूनुस की यह यात्रा और अधिक महत्वपूर्ण हो जाती है।


Bangladesh में सत्ता संकट : Muhammad Yunus की China यात्रा, सेना की नाराजगी और तख्तापलट की अटकलें


बांग्लादेश में राजनीतिक उथल-पुथल


बांग्लादेश आज अपना 55वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है, लेकिन यह दिन राजनीतिक अस्थिरता और अनिश्चितता के बीच आया है। पिछले वर्ष 5 अगस्त को शेख हसीना सरकार के तख्तापलट के बाद मुहम्मद यूनुस को अंतरिम सरकार का प्रमुख नियुक्त किया गया था। यह सरकार कुछ ही महीनों के लिए बनी थी, लेकिन आठ महीने बीतने के बावजूद चुनाव नहीं कराए गए हैं। इस वजह से जनता और खासकर छात्रों में भारी असंतोष देखने को मिल रहा है। छात्र प्रदर्शन कर रहे हैं और सरकार से जल्द चुनाव कराने की मांग कर रहे हैं।


सेना और सरकार के बीच बढ़ता तनाव


बांग्लादेश की सेना ने कई मौकों पर जल्द से जल्द चुनाव कराने की मांग की है ताकि सैनिक बैरकों में लौट सकें। लेकिन मुहम्मद यूनुस सरकार की ओर से अब तक कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया है। सेना की नाराजगी इस हद तक बढ़ गई है कि राजधानी ढाका में सैनिकों की तैनाती ने तख्तापलट की अटकलों को जन्म दे दिया है। रिपोर्ट्स के अनुसार, सेना की 9वीं डिवीजन की टुकड़ियां राजधानी में प्रवेश कर रही हैं, जिससे राजनीतिक हलचल तेज हो गई है।


यूनुस का राष्ट्र के नाम संदेश


स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर मुहम्मद यूनुस ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा कि बांग्लादेश में अफवाहों और गलत सूचनाओं का दौर चल रहा है, जिससे देश में अस्थिरता पैदा हो रही है। उन्होंने यह भी कहा कि जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आएंगे, ऐसी गलत सूचनाएं और तेजी से फैलेंगी। यूनुस ने संयुक्त राष्ट्र से सहयोग मांगा है ताकि अफवाहों को रोका जा सके। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र महासचिव से भी समर्थन मिलने की बात कही है।


चीन की ओर झुकाव


शेख हसीना के तख्तापलट के बाद से बांग्लादेश का झुकाव चीन की ओर बढ़ गया है। मोहम्मद यूनुस अपनी चार दिवसीय चीन यात्रा के दौरान राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात करेंगे। इस यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने की दिशा में चर्चा होगी। यूनुस पहले बाओ फोरम फॉर एशिया में हिस्सा लेंगे, उसके बाद 28 मार्च को शी जिनपिंग से मुलाकात करेंगे। चीन ने इस यात्रा को ऐतिहासिक बताते हुए कहा है कि यह दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करेगी।


सेना की आपात बैठक और तख्तापलट की अटकलें


राजनीतिक अस्थिरता के बीच, बांग्लादेश की सेना ने एक आपात बैठक बुलाई थी, जिसमें वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया। सूत्रों के मुताबिक, यह बैठक देश की मौजूदा स्थिति पर चर्चा के लिए थी। इससे पहले भी कई रिपोर्ट्स में यह दावा किया गया था कि सेना सरकार को हटाकर खुद सत्ता संभाल सकती है। राजधानी ढाका में सैन्य गतिविधियों में तेजी आने से इस आशंका को और बल मिला है।


सेना के संभावित कदम और भविष्य की स्थिति


बांग्लादेशी सेना के बढ़ते असंतोष और राजनीतिक तनाव के चलते कई विशेषज्ञ मान रहे हैं कि आने वाले दिनों में बड़ा बदलाव हो सकता है। सेना यदि कदम उठाती है तो यह देश में एक नए राजनीतिक परिदृश्य की शुरुआत कर सकता है। वर्तमान में सरकार, सेना और जनता के बीच जो असंतोष है, वह जल्द ही किसी बड़े निर्णय की ओर संकेत कर सकता है।


निष्कर्ष


बांग्लादेश इस समय एक संवेदनशील राजनीतिक दौर से गुजर रहा है। मुहम्मद यूनुस की चीन यात्रा, सेना की नाराजगी और जनता के बढ़ते असंतोष से यह स्पष्ट होता है कि देश में बड़े राजनीतिक बदलाव हो सकते हैं। आने वाले दिनों में यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि क्या सेना वास्तव में कोई बड़ा कदम उठाती है या फिर सरकार किसी ठोस फैसले के साथ स्थिति को संभालने का प्रयास करती है।

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