सारांश : संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में भारत ने पाकिस्तान को साफ संदेश दिया कि उसे अवैध रूप से कब्जाए गए जम्मू-कश्मीर के हिस्से को खाली करना होगा। भारत के स्थायी प्रतिनिधि पार्वथानेनी हरीश ने पाकिस्तान के बयानों को खारिज करते हुए इसे एक भटकाने वाला एजेंडा बताया। भारत ने स्पष्ट किया कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा था, है और रहेगा। अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद से दोनों देशों के रिश्तों में और तनाव बढ़ गया है।


संयुक्त राष्ट्र में India की दो टूक : Pakistan को पीओके खाली करना ही होगा


संयुक्त राष्ट्र में भारत की कड़ी चेतावनी


संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की हालिया बैठक में भारत ने पाकिस्तान को कठोर शब्दों में चेतावनी देते हुए कहा कि उसे अवैध रूप से कब्जाए गए जम्मू-कश्मीर के हिस्से को तुरंत खाली करना होगा। भारत के स्थायी प्रतिनिधि पार्वथानेनी हरीश ने पाकिस्तान की ओर से उठाए गए मुद्दों को भ्रामक और आधारहीन बताते हुए इसे अंतरराष्ट्रीय समुदाय को गुमराह करने की एक और कोशिश करार दिया।

UNSC की यह बैठक संयुक्त राष्ट्र शांति अभियानों में सुधार को लेकर थी, लेकिन पाकिस्तान ने इस मंच का दुरुपयोग करते हुए जम्मू-कश्मीर का मुद्दा उठाने की कोशिश की। हरीश ने पाकिस्तान को करारा जवाब देते हुए कहा, "जम्मू और कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा था, है और रहेगा। पाकिस्तान ने इस क्षेत्र पर अवैध कब्जा कर रखा है, जिसे उसे तुरंत छोड़ना होगा।"


'पाकिस्तान की झूठी बयानबाजी बेअसर'


संयुक्त राष्ट्र में भारत ने स्पष्ट किया कि पाकिस्तान के झूठे और भ्रामक दावों से सच्चाई नहीं बदलने वाली। भारत का रुख हमेशा से स्पष्ट रहा है कि पाकिस्तान की ओर से बार-बार की जाने वाली अनर्गल टिप्पणियों से न तो उसके दावे वैध साबित होंगे, और न ही वह अंतरराष्ट्रीय समुदाय को गुमराह कर पाएगा।

भारत के प्रतिनिधि ने कहा कि पाकिस्तान का मुख्य उद्देश्य वैश्विक मंचों पर ऐसे मुद्दे उठाकर ध्यान भटकाना और अपनी नाकामियों को छिपाना है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत इस तरह के विभाजनकारी एजेंडे का हिस्सा बनने से इनकार करता है और अपने संप्रभुता व क्षेत्रीय अखंडता की सुरक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।


अनुच्छेद 370 के बाद रिश्तों में बढ़ा तनाव


5 अगस्त 2019 को भारत सरकार ने अनुच्छेद 370 को हटाकर जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जे से मुक्त कर दिया और इसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया। इस फैसले के बाद पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ कई अंतरराष्ट्रीय मंचों पर विरोध जताने की कोशिश की, लेकिन उसे कोई समर्थन नहीं मिला।


भारत के इस फैसले से पाकिस्तान भड़का हुआ है, और उसने भारत के साथ व्यापार और राजनयिक संबंधों में कटौती कर दी थी। हालांकि, भारत का रुख स्पष्ट रहा है कि वह पाकिस्तान से केवल आतंकवाद, हिंसा और दुश्मनी से मुक्त माहौल में बातचीत करेगा।


पाकिस्तान को पीओके छोड़ना ही होगा


भारत लगातार इस बात पर जोर देता रहा है कि पाकिस्तान ने पीओके (पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर) पर अवैध कब्जा कर रखा है, और उसे इसे खाली करना ही होगा। UNSC में भारत ने यह भी स्पष्ट किया कि पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद को समर्थन देने की नीति अब अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उजागर हो चुकी है, और दुनिया उसके इरादों को समझ चुकी है।


संयुक्त राष्ट्र में भारत ने फिर से यह दोहराया कि जम्मू-कश्मीर में शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए पाकिस्तान को अपनी नीतियों में बदलाव करना होगा और आतंकवाद को समर्थन देना बंद करना होगा।


भारत के रुख पर अंतरराष्ट्रीय समर्थन


भारत के इस कड़े रुख को कई अंतरराष्ट्रीय मंचों पर समर्थन मिल रहा है। पाकिस्तान की ओर से बार-बार कश्मीर मुद्दे को उठाने की कोशिशों को वैश्विक स्तर पर गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है।

संयुक्त राष्ट्र समेत विभिन्न देशों ने भी भारत के इस रुख का समर्थन किया है कि आतंकवाद को बढ़ावा देने वाली नीतियों के साथ कोई देश अंतरराष्ट्रीय समुदाय का विश्वास नहीं जीत सकता।


निष्कर्ष

भारत ने UNSC में पाकिस्तान को दो टूक शब्दों में चेतावनी दे दी है कि उसे पीओके पर अपना अवैध कब्जा छोड़ना ही होगा। साथ ही, भारत ने स्पष्ट किया कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है और रहेगा। पाकिस्तान की ओर से बार-बार किए जा रहे झूठे दावे और बेबुनियाद बयानबाजी उसकी सच्चाई नहीं बदल सकते। अनुच्छेद 370 हटाने के बाद से भारत और पाकिस्तान के रिश्तों में और तनाव बढ़ गया है, लेकिन भारत का रुख साफ है कि आतंकवाद और हिंसा से मुक्त माहौल में ही किसी भी तरह की बातचीत संभव है।

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