सारांश : महाराष्ट्र में दिशा सालियन की मौत का मामला एक बार फिर सुर्खियों में है। शिवसेना नेता संजय निरुपम ने इस मामले में पूर्व मंत्री आदित्य ठाकरे पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने मांग की है कि निष्पक्ष जांच के लिए आदित्य ठाकरे को अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए। इस मामले में दिशा सालियन के पिता की याचिका के बाद आरोपों का नया दौर शुरू हो गया है।


Disha Salian मामले में नया मोड़ : Sanjay Nirupam ने Aaditya Thackeray पर लगाए गंभीर आरोप, इस्तीफे की मांग तेज.


मामले ने फिर पकड़ा तूल


सुशांत सिंह राजपूत की पूर्व मैनेजर दिशा सालियन की मौत का मामला एक बार फिर चर्चा में आ गया है। महाराष्ट्र में हाल ही में हुई राजनीतिक हलचलों के बीच इस केस को लेकर नई बहस छिड़ गई है। शिवसेना नेता संजय निरुपम ने इस मामले में आदित्य ठाकरे पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि सच्चाई सामने आनी चाहिए। उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर क्यों इस मामले की निष्पक्ष जांच नहीं करवाई गई?


संजय निरुपम के आरोप


संजय निरुपम ने आरोप लगाया कि दिशा सालियन की मौत के पीछे कई रहस्य छुपे हुए हैं, जिन्हें सामने लाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जिन लोगों की छवि मासूम और बेदाग है, वे भी पर्दे के पीछे कई गलत कामों में लिप्त हो सकते हैं। इस मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए ताकि सच सामने आ सके। निरुपम ने यह भी कहा कि अगर नैतिकता के आधार पर धनंजय मुंडे इस्तीफा दे सकते हैं, तो आदित्य ठाकरे को भी अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए।


ड्रग मामले से भी जुड़े आरोप


निरुपम ने दावा किया कि एक ड्रग सप्लायर ने आदित्य ठाकरे के बारे में महत्वपूर्ण खुलासा किया है। उन्होंने कहा कि ठाकरे को विशेष प्रकार का नशीला पदार्थ लेने की आदत थी, और इस एंगल से भी जांच की जानी चाहिए।


पुलिस और न्यायालय में मामला


दिशा सालियन के पिता ने इस मामले में मुंबई हाईकोर्ट में याचिका दायर की है और मुंबई पुलिस को एक शिकायत भी दी है। शिकायत में उन सभी लोगों के नाम शामिल हैं जिन्होंने इस मामले को दबाने की कोशिश की।


संजय निरुपम ने कहा कि इस मामले में दोषियों को न्याय के दायरे में लाने का समय आ गया है। उन्होंने कहा कि दिशा सालियन के पिता ने मुंबई पुलिस कमिश्नर से मुलाकात कर मांग की है कि आदित्य ठाकरे को आरोपी बनाया जाए। उनका आरोप है कि यह मामला जानबूझकर दबाने की कोशिश की जा रही है।


मीडिया और सोशल मीडिया पर बहस


इस मुद्दे को लेकर सोशल मीडिया पर भी जोरदार बहस छिड़ गई है। कुछ लोगों का मानना है कि इस मामले की दोबारा जांच होनी चाहिए, जबकि कुछ इसे राजनीतिक षड्यंत्र करार दे रहे हैं।


क्या निष्पक्ष जांच होगी?


अब देखने वाली बात यह होगी कि महाराष्ट्र सरकार और पुलिस इस मामले में क्या कार्रवाई करती है। क्या इस केस को दोबारा खोला जाएगा या यह सिर्फ एक राजनीतिक बयानबाजी बनकर रह जाएगा? यह सवाल हर किसी के मन में उठ रहा है।

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