सारांश : भारतीय शेयर बाजार शुक्रवार को गिरावट के साथ खुले, जिसमें सेंसेक्स 144.66 अंक गिरकर 77,461.77 पर और निफ्टी 38.7 अंक गिरकर 23,553.25 पर पहुंच गया। इस गिरावट का मुख्य कारण अमेरिकी टैरिफ को लेकर वैश्विक अनिश्चितता है, जिससे एशियाई बाजारों में भी कमजोरी देखी गई। हालांकि, कुछ चुनिंदा कंपनियों के शेयर बढ़त में रहे।
शेयर बाजार की मौजूदा स्थिति
भारतीय शेयर बाजार हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन नकारात्मक रुझान के साथ खुले। शुक्रवार सुबह बीएसई सेंसेक्स 144.66 अंक की गिरावट के साथ 77,461.77 पर कारोबार कर रहा था, जबकि एनएसई निफ्टी 38.7 अंक गिरकर 23,553.25 पर पहुंच गया। इससे पहले, गुरुवार को सेंसेक्स 317.93 अंक या 0.41% की तेजी के साथ 77,606.43 पर बंद हुआ था, जबकि निफ्टी 105.10 अंक या 0.45% बढ़कर 23,591.95 पर बंद हुआ था।
इस गिरावट का मुख्य कारण वैश्विक बाजारों में कमजोर संकेत हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा घोषित टैरिफ नीतियों ने निवेशकों की चिंता बढ़ा दी है, जिससे बाजार में अस्थिरता बनी हुई है।
वैश्विक बाजारों का असर
अमेरिकी टैरिफ की आशंका के चलते वैश्विक बाजारों में गिरावट का असर भारतीय शेयर बाजार पर भी पड़ा। टोक्यो, हांगकांग, शंघाई और सियोल के बाजारों में भी नकारात्मक रुझान देखने को मिला। गुरुवार को अमेरिकी शेयर बाजार भी गिरावट के साथ बंद हुआ, जिससे अंतरराष्ट्रीय निवेशकों की धारणा प्रभावित हुई है।
विशेषज्ञों का मानना है कि जब तक अमेरिका और चीन के बीच व्यापार नीतियों को लेकर स्पष्टता नहीं आती, तब तक बाजार में अस्थिरता बनी रह सकती है।
किन कंपनियों को नुकसान और फायदा?
सेंसेक्स में शामिल कई कंपनियों के शेयरों में गिरावट दर्ज की गई। सबसे अधिक गिरावट इन कंपनियों में देखी गई:
महिंद्रा एंड महिंद्रा
इंफोसिस
पावर ग्रिड
सन फार्मा
एचसीएल टेक
बजाज फाइनेंस
इंडसइंड बैंक
एक्सिस बैंक
दूसरी ओर, कुछ कंपनियों के शेयरों में बढ़त भी देखी गई, जिनमें मुख्य रूप से शामिल हैं:
नेस्ले इंडिया
हिंदुस्तान यूनिलीवर
आईटीसी
कोटक महिंद्रा बैंक
विदेशी निवेशकों की स्थिति
एक्सचेंज के आंकड़ों के अनुसार, गुरुवार को विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने भारतीय शेयर बाजार में 11,111.25 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे। हालांकि, बाजार में जारी अस्थिरता के चलते निवेशकों की सतर्कता बढ़ गई है।
बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि भारतीय शेयर बाजार विदेशी निवेशकों के भरोसे बना हुआ है, लेकिन वैश्विक अनिश्चितताओं के कारण निवेश प्रवाह में उतार-चढ़ाव संभव है।
रुपये की मजबूती
शुक्रवार को शुरुआती कारोबार में भारतीय रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 18 पैसे मजबूत हुआ। डॉलर के मुकाबले रुपया 85.64 पर खुला और फिर 85.56 पर पहुंच गया, जो पिछले बंद से 18 पैसे ऊपर था।
गुरुवार को रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 5 पैसे कमजोर होकर 85.74 पर बंद हुआ था। विदेशी फंडों की निरंतर आवक से रुपये को मजबूती मिली, हालांकि वैश्विक स्तर पर जारी आर्थिक अनिश्चितताओं के कारण इसमें उतार-चढ़ाव बना रह सकता है।
शेयर बाजार पर संभावित असर
अमेरिकी टैरिफ नीति पर स्पष्टता न होने के कारण बाजार में अस्थिरता बनी रह सकती है।
आईटी और ऑटोमोबाइल सेक्टर पर इसका अधिक प्रभाव पड़ सकता है।
निवेशकों को सतर्क रहने और लंबी अवधि के दृष्टिकोण से निवेश करने की सलाह दी जाती है।
विदेशी निवेशक भारतीय बाजार में रुचि बनाए हुए हैं, जिससे गिरावट सीमित रह सकती है।
निष्कर्ष
भारतीय शेयर बाजार में शुक्रवार को देखी गई गिरावट मुख्यतः वैश्विक कारणों से आई है, खासकर अमेरिकी टैरिफ को लेकर बनी अनिश्चितता के कारण। हालांकि, घरेलू निवेशकों और विदेशी फंडों के समर्थन से बाजार में स्थिरता आने की उम्मीद है। निवेशकों को सतर्कता बरतनी चाहिए और बाजार की आगामी गतिविधियों पर नजर बनाए रखनी चाहिए।
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