अक्षय तृतीया हिन्दू धर्म का एक महत्वपूर्ण पर्व है जो भारत और नेपाल में मनाया जाता है। यह पर्व वार्षिक रूप से हिन्दू पंचांग के चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया को मनाया जाता है। अक्षय तृतीया का अर्थ होता है 'अक्षय फलदायी तृतीया' जिसका मतलब है 'अविनाशी फल देने वाली तृतीया'।
महत्व
अक्षय तृतीया का दिन धन, समृद्धि, और सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है। इस दिन लोग धन, स्वास्थ्य, और सुख की प्राप्ति के लिए व्रत रखते हैं और दान-धर्म का पालन करते हैं।
धार्मिक महत्व
अक्षय तृतीया को भगवान विष्णु की पूजा के रूप में मनाने का विशेष महत्व होता है। यह पर्व उनके अवतार, परशुराम जयंती के रूप में भी मनाया जाता है।
रितुअल्स
अक्षय तृतीया के दिन लोग घरों को सजाते हैं, मंदिर जाते हैं और विशेष पूजा-अर्चना करते हैं। विभिन्न प्रकार के दान करने का भी परंपरागत रूप से अवसर मिलता है।
उत्सव और मेले
अक्षय तृतीया के दिन अनेक स्थानों पर उत्सव और मेले आयोजित किए जाते हैं। यहाँ लोग खुशियों के साथ भगवान की पूजा-अर्चना करते हैं और धार्मिक संगीत, नृत्य, और कार्यक्रमों का आनंद लेते हैं।
इतिहास
अक्षय तृतीया का महत्व पुरातन समय से ही है। इसका उल्लेख महाभारत, पुराण, और अन्य प्राचीन ग्रंथों में मिलता है। यह पर्व भारतीय समाज में धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है।