कृत्रिम बुद्धिमत्ता (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस- Artificial Intelligence) AI

कृत्रिम बुद्धिमत्ता (Artificial Intelligence, AI) कंप्यूटर विज्ञान की एक शाखा है, जिसमें मशीनों और कंप्यूटर सिस्टमों को बुद्धिमान व्यवहार, ज्ञान, और निर्णय लेने की क्षमता प्रदान करने की कोशिश की जाती है। कृत्रिम बुद्धिमत्ता का उद्देश्य उन कार्यों को स्वचालित करना है, जिनमें आमतौर पर मानव बुद्धि की आवश्यकता होती है, जैसे कि सीखना, तर्क करना, समस्या समाधान करना, धारणा और भाषा समझना।


कृत्रिम बुद्धिमत्ता (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस- Artificial Intelligence) AI

इतिहास

कृत्रिम बुद्धिमत्ता की शुरुआत 1950 के दशक में हुई, जब एलन ट्यूरिंग ने "क्या मशीनें सोच सकती हैं?" विषय पर एक पेपर लिखा। 1956 में डार्टमाउथ सम्मेलन में, जॉन मैकार्थी, मार्विन मिंस्की, नाथनिएल रोचेस्टर और क्लाउड शैनन ने एआई को एक औपचारिक क्षेत्र के रूप में प्रस्तुत किया।


प्रकार

कृत्रिम बुद्धिमत्ता को मुख्य रूप से तीन प्रकारों में विभाजित किया जा सकता है:


संकीर्ण एआई (Narrow AI)

संकीर्ण एआई, जिसे कमजोर एआई भी कहा जाता है, विशेष कार्यों के लिए डिज़ाइन की गई होती है। यह केवल एक ही काम में विशेषज्ञता रखती है, जैसे कि वॉयस असिस्टेंट, स्पैम फ़िल्टर, या सिफारिश प्रणाली।


सामान्य एआई (General AI)

सामान्य एआई, जिसे मजबूत एआई भी कहा जाता है, मानव बुद्धि की तरह हर कार्य को करने की क्षमता रखती है। यह तर्क, समस्या-समाधान, और सीखने में सक्षम होती है।


सुपर एआई (Super AI)

सुपर एआई वह है, जो मानव बुद्धि से भी आगे बढ़कर, सभी कार्यों में श्रेष्ठ हो। यह एक सैद्धांतिक अवधारणा है और अभी तक वास्तविकता में मौजूद नहीं है।


अनुप्रयोग

कृत्रिम बुद्धिमत्ता के विभिन्न क्षेत्रों में व्यापक अनुप्रयोग हैं:


स्वास्थ्य सेवा

एआई का उपयोग चिकित्सा निदान, उपचार योजना, और दवा विकास में किया जाता है।


शिक्षा

एआई-आधारित ट्यूटरिंग सिस्टम और अनुकूलित शिक्षा प्लेटफार्म छात्रों को व्यक्तिगत शिक्षण अनुभव प्रदान करते हैं।


परिवहन

स्व-चालित वाहनों, यातायात प्रबंधन प्रणाली, और भविष्यवाणी मॉडल में एआई का उपयोग किया जा रहा है।


वित्त

जोखिम प्रबंधन, धोखाधड़ी पहचान, और स्वचालित ट्रेडिंग सिस्टम में एआई तकनीकें उपयोग की जाती हैं।


ग्राहक सेवा

चैटबॉट और वर्चुअल असिस्टेंट का उपयोग ग्राहकों के सवालों का उत्तर देने और समस्याओं का समाधान करने में किया जाता है।


चुनौतियाँ और चिंताएँ

कृत्रिम बुद्धिमत्ता के विकास के साथ कई चुनौतियाँ और चिंताएँ भी उत्पन्न होती हैं:


नैतिकता

एआई के उपयोग में नैतिक और सामाजिक दायित्वों का पालन आवश्यक है, जैसे कि भेदभाव रहित एल्गोरिदम और पारदर्शिता।


रोजगार

स्वचालन के कारण कई उद्योगों में रोजगार के अवसरों में कमी आ सकती है, जिससे बेरोजगारी की समस्या उत्पन्न हो सकती है।


सुरक्षा

एआई प्रणाली की सुरक्षा और गोपनीयता सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है, खासकर जब यह संवेदनशील डेटा के साथ काम करती है।