पैन भारतीय राजस्व विभाग द्वारा जारी किया गया एक प्रमाणित निर्दिष्ट संख्या है, जो भारतीय नागरिकों और अन्य व्यक्तियों के लिए जरूरी होता है। पैन को भारतीय राजस्व विभाग द्वारा प्रदान किया जाता है और यह व्यक्ति के आर्थिक गतिविधियों को पहचानने में मदद करता है।
प्रारंभिक स्थापना
पैन की स्थापना १९७२ में की गई थी, जब इसे भारतीय राजस्व विभाग द्वारा शुरू किया गया। इसका प्राथमिक उद्देश्य आयकर की निगरानी में सुधार करना था, लेकिन विस्तार में, पैन अब विभिन्न आर्थिक गतिविधियों में पहचान का एक महत्वपूर्ण साधन बन गया है।
प्रयोग
पैन अब भारतीय नागरिकों और व्यक्तियों के लिए अनिवार्य है, जिसमें नाम, पिता का नाम, जन्मतिथि और अन्य आवश्यक विवरण शामिल होते हैं। पैन आर्थिक संबंधित लेन-देन, टैक्स प्रारंभिकी, बैंक खातों का खोलना, लोन प्राप्ति, और अन्य आर्थिक गतिविधियों के लिए आवश्यक होता है।
प्रयोजन
पैन का मुख्य प्रयोजन यह है कि यह व्यक्ति की आर्थिक गतिविधियों को पहचानने में सहायक होता है और आयकर विभाग को संबंधित जानकारी प्रदान करता है। इसके अलावा, पैन विभिन्न आर्थिक और वित्तीय संस्थाओं के साथ सम्बंध बनाने में भी सहायक होता है।
संदर्भ
पैन भारत में वित्तीय और आर्थिक प्रणाली का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और यह व्यक्तियों को उनकी आर्थिक पहचान की सुरक्षितता और सरलता प्रदान करता है।