दिल्ली-एनसीआर (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र) भारत की राजधानी दिल्ली और उसके आसपास के शहरी तथा उपनगरीय क्षेत्रों को मिलाकर बना एक क्षेत्र है। यह क्षेत्र भारत के सबसे विकसित और महत्वपूर्ण आर्थिक, राजनीतिक, तथा सांस्कृतिक केंद्रों में से एक है। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) का निर्माण भारत सरकार द्वारा वर्ष 1985 में एनसीआर योजना बोर्ड अधिनियम के तहत किया गया था। इसका उद्देश्य दिल्ली के बढ़ते शहरीकरण और जनसंख्या दबाव को नियंत्रित करना तथा आसपास के क्षेत्रों के संतुलित विकास को प्रोत्साहित करना था।
भौगोलिक सीमा
दिल्ली-एनसीआर में दिल्ली के अलावा हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के कई जिले शामिल हैं। इनमें प्रमुख रूप से निम्नलिखित क्षेत्र आते हैं:
दिल्ली – राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र का केंद्र
हरियाणा – गुरुग्राम, फरीदाबाद, सोनीपत, पानीपत, झज्जर, पलवल, महेंद्रगढ़, रेवाड़ी
उत्तर प्रदेश – गौतम बुद्ध नगर (नोएडा, ग्रेटर नोएडा), गाजियाबाद, मेरठ, बागपत, बुलंदशहर, हापुड़
राजस्थान – अलवर और भरतपुर
एनसीआर की सीमाओं में समय-समय पर बदलाव होते रहे हैं और नए जिले भी जोड़े जाते रहे हैं।
जनसंख्या एवं शहरीकरण
दिल्ली-एनसीआर भारत का सबसे अधिक जनसंख्या घनत्व वाला क्षेत्र है। 2021 की अनुमानित जनसंख्या के अनुसार, इस क्षेत्र में 4.6 करोड़ से अधिक लोग निवास करते हैं। तेजी से होते औद्योगिकीकरण, रोजगार के अवसरों और बेहतर बुनियादी ढांचे के कारण यह क्षेत्र ग्रामीण से शहरी क्षेत्रों की ओर होने वाले पलायन का प्रमुख केंद्र बना हुआ है।
आर्थिक विकास
दिल्ली-एनसीआर भारत का आर्थिक केंद्र भी माना जाता है। इस क्षेत्र में अनेक बहुराष्ट्रीय कंपनियों के मुख्यालय स्थित हैं। विशेष रूप से गुरुग्राम और नोएडा भारत के प्रमुख आईटी और स्टार्टअप हब के रूप में विकसित हुए हैं।
गुरुग्राम – भारत की वित्तीय और टेक्नोलॉजी कंपनियों का केंद्र।
नोएडा और ग्रेटर नोएडा – आईटी कंपनियों, मैन्युफैक्चरिंग और मीडिया हब।
फरीदाबाद – औद्योगिक केंद्र के रूप में प्रसिद्ध।
गाजियाबाद – निर्माण और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में महत्वपूर्ण भूमिका।
परिवहन और कनेक्टिविटी
दिल्ली-एनसीआर का परिवहन नेटवर्क भारत में सबसे विकसित और उन्नत माना जाता है। इस क्षेत्र में सड़क, रेल और हवाई परिवहन की बेहतरीन सुविधाएँ उपलब्ध हैं।
मेट्रो नेटवर्क – दिल्ली मेट्रो पूरे एनसीआर को जोड़ने वाला महत्वपूर्ण परिवहन साधन है। यह दुनिया के सबसे बड़े मेट्रो नेटवर्क में से एक है।
राष्ट्रीय राजमार्ग – एनएच-44, एनएच-48, एनएच-9 और एनएच-19 जैसे कई महत्वपूर्ण राष्ट्रीय राजमार्ग इस क्षेत्र को देश के अन्य हिस्सों से जोड़ते हैं।
इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा – भारत का सबसे व्यस्त हवाई अड्डा जो घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों का प्रमुख केंद्र है।
रेलवे नेटवर्क – दिल्ली और एनसीआर के अन्य हिस्सों के बीच कई इंटरसिटी और लोकल ट्रेनें चलती हैं।
शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाएँ
दिल्ली-एनसीआर भारत का प्रमुख शैक्षणिक और स्वास्थ्य केंद्र भी है।
शैक्षिक संस्थान – दिल्ली विश्वविद्यालय, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, एम्स, आईआईटी दिल्ली, एमिटी विश्वविद्यालय, अशोका विश्वविद्यालय जैसी प्रमुख संस्थाएँ यहाँ स्थित हैं।
स्वास्थ्य सुविधाएँ – एम्स, मैक्स हॉस्पिटल, फोर्टिस हॉस्पिटल, अपोलो हॉस्पिटल जैसे अनेक विश्वस्तरीय स्वास्थ्य संस्थान यहाँ स्थित हैं।
पर्यावरण और चुनौतियाँ
दिल्ली-एनसीआर को कई पर्यावरणीय चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। इनमें वायु प्रदूषण, जल संकट, ट्रैफिक जाम और अवैध निर्माण शामिल हैं। वायु प्रदूषण विशेष रूप से सर्दियों के महीनों में गंभीर समस्या बन जाता है। प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए सरकार द्वारा ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) लागू किया गया है।
निष्कर्ष
दिल्ली-एनसीआर भारत का सबसे गतिशील और तेजी से विकसित होने वाला क्षेत्र है। यह न केवल आर्थिक रूप से बल्कि सांस्कृतिक और सामाजिक रूप से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। हालाँकि, इस क्षेत्र को शहरीकरण से उत्पन्न चुनौतियों से निपटने के लिए ठोस योजनाओं की आवश्यकता है, जिससे यह संतुलित और सतत विकास की दिशा में आगे बढ़ सके।
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