हमास (Hamas)

हमास (Hamas) एक फिलिस्तीनी इस्लामिक संगठन और राजनीतिक समूह है, जिसकी स्थापना 1987 में पहली इंतिफ़ादा (फिलिस्तीनी विद्रोह) के दौरान हुई थी। यह समूह फिलिस्तीन में इजरायल के खिलाफ सशस्त्र संघर्ष में शामिल रहा है और इसका प्रमुख उद्देश्य फिलिस्तीन की स्वतंत्रता और एक इस्लामिक राष्ट्र की स्थापना करना है। हमास का पूरा नाम "हरकत अल-मुकावामा अल-इस्लामिया" (حركة المقاومة الإسلامية) है, जिसका अर्थ है "इस्लामिक प्रतिरोध आंदोलन"।


हमास (Hamas)


इतिहास और स्थापना


हमास की स्थापना 1987 में मुस्लिम ब्रदरहुड की फिलिस्तीनी शाखा के रूप में शेख अहमद यासीन, अब्देल अजीज अल-रांतीसी और अन्य नेताओं द्वारा की गई थी। यह संगठन मुख्य रूप से गाजा पट्टी और पश्चिमी तट में सक्रिय है। इसकी विचारधारा इस्लामिक राष्ट्रवाद और जिहादी प्रतिरोध पर आधारित है।


संगठन की संरचना


हमास एक व्यापक संगठन है, जिसमें तीन प्रमुख शाखाएँ हैं:

राजनीतिक शाखा – यह फिलिस्तीनी प्रशासन और सामाजिक कार्यों को संचालित करती है।

सैन्य शाखा (इज्ज अल-दीन अल-क़सम ब्रिगेड्स) – यह समूह इजरायल के खिलाफ सैन्य हमलों और रॉकेट हमलों के लिए जिम्मेदार है।

सामाजिक सेवा शाखा – यह शिक्षा, स्वास्थ्य और राहत कार्यों में संलग्न रहती है।


राजनीतिक स्थिति और चुनाव


2006 में हुए फिलिस्तीनी संसदीय चुनावों में हमास ने जीत हासिल की और फिलिस्तीनी प्राधिकरण में सरकार बनाई। हालांकि, इसके बाद हमास और फतह (एक अन्य फिलिस्तीनी संगठन) के बीच संघर्ष हुआ, जिसके परिणामस्वरूप 2007 में हमास ने गाजा पट्टी पर पूर्ण नियंत्रण स्थापित कर लिया।


हमास और अंतरराष्ट्रीय दृष्टिकोण


हमास को संयुक्त राज्य अमेरिका, यूरोपीय संघ, इजरायल, कनाडा, जापान, ऑस्ट्रेलिया और यूनाइटेड किंगडम सहित कई देशों ने एक आतंकवादी संगठन के रूप में सूचीबद्ध किया है। हालांकि, रूस, चीन, ईरान, तुर्की और कुछ अन्य देशों ने इसे आतंकवादी संगठन नहीं माना है।


इजरायल के साथ संघर्ष


हमास और इजरायल के बीच कई बार युद्ध हो चुके हैं, जिनमें प्रमुख संघर्ष 2008, 2012, 2014 और 2021 में हुए। हमास अक्सर इजरायल पर रॉकेट हमले करता है, जबकि इजरायल हमास के ठिकानों पर हवाई और जमीनी हमले करता है।


निष्कर्ष


हमास एक प्रमुख फिलिस्तीनी संगठन है, जो राजनीतिक और सैन्य गतिविधियों में संलग्न है। इसे फिलिस्तीन के कुछ हिस्सों में लोकप्रिय समर्थन प्राप्त है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसे एक विवादास्पद संगठन माना जाता है।