इंफोसिस (Infosys)

इंफोसिस लिमिटेड एक भारतीय बहुराष्ट्रीय निगम है जो व्यापार परामर्श, सूचना प्रौद्योगिकी और आउटसोर्सिंग सेवाएं प्रदान करता है। 1981 में एन.आर. नारायण मूर्ति और कुछ इंजीनियरों द्वारा पुणे, भारत में स्थापित, इंफोसिस आज विश्व की सबसे बड़ी आईटी कंपनियों में से एक है। इसका मुख्यालय बेंगलुरु, कर्नाटक, भारत में स्थित है। 2024 तक, इंफोसिस बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE), नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) और न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज (NYSE) में सूचीबद्ध है।

इंफोसिस (Infosys)


इतिहास:

इंफोसिस की स्थापना 2 जुलाई 1981 को एन.आर. नारायण मूर्ति और छह अन्य इंजीनियरों द्वारा $250 की प्रारंभिक पूंजी के साथ की गई थी। कंपनी का मूल नाम इंफोसिस कंसल्टेंट्स प्राइवेट लिमिटेड था। 1992 में इसे एक सार्वजनिक लिमिटेड कंपनी के रूप में इंफोसिस टेक्नोलॉजीज लिमिटेड नाम दिया गया और 2011 में इसका नाम बदलकर इंफोसिस लिमिटेड कर दिया गया।


1990 और 2000 के दशक में इंफोसिस तेजी से बढ़ी, वैश्विक आउटसोर्सिंग लहर और इंटरनेट के उदय का लाभ उठाते हुए। 1993 में कंपनी का आईपीओ एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर था, जिसने उल्लेखनीय वृद्धि और अंतर्राष्ट्रीय विस्तार का मार्ग प्रशस्त किया। इंफोसिस ने 1987 में कैलिफ़ोर्निया के फ़्रेमोंट में अपना पहला अमेरिकी कार्यालय स्थापित किया।


संचालन:

इंफोसिस सॉफ़्टवेयर विकास, रखरखाव और स्वतंत्र सत्यापन सेवाओं सहित विभिन्न सेवाएँ प्रदान करती है, जो बैंकिंग, बीमा, विनिर्माण और अन्य क्षेत्रों की कंपनियों को लक्षित करती हैं। इसका संचालन 50 से अधिक देशों में है, जिसमें उत्तर अमेरिका, यूरोप और एशिया-प्रशांत क्षेत्रों में महत्वपूर्ण उपस्थिति है।


मुख्य उत्पाद और सेवाएं:


इंफोसिस निया: एक एआई प्लेटफ़ॉर्म जो व्यवसायों को डेटा का लाभ उठाने में सक्षम बनाता है।

फिनाकल: एक सार्वभौमिक बैंकिंग समाधान जो बैंकों को उनके मुख्य बैंकिंग कार्यों को बढ़ाने में मदद करता है।

एजवर्व सिस्टम्स: एक पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी जो व्यवसायों के लिए सॉफ्टवेयर उत्पाद और प्लेटफॉर्म विकसित करती है।

परामर्श सेवाएं: व्यवसायों को उनके व्यापार मॉडल को बदलने और दक्षता सुधारने में सहायता।

डिजिटल परिवर्तन: एआई, बिग डेटा और आईओटी जैसी डिजिटल तकनीकों का लाभ उठाने में ग्राहकों की मदद करने वाली सेवाएं।


वित्तीय प्रदर्शन:

इंफोसिस भारत की सबसे मूल्यवान कंपनियों में से एक है, जिसका बाजार पूंजीकरण 2024 तक $75 बिलियन से अधिक है। कंपनी का वित्तीय प्रदर्शन हमेशा मजबूत रहा है, जो व्यापक सेवा पोर्टफोलियो और वैश्विक ग्राहक आधार द्वारा संचालित है। 2023-24 वित्तीय वर्ष के लिए कंपनी का राजस्व $16.3 बिलियन था।


नेतृत्व:

कंपनी की वृद्धि में इसके नेतृत्व ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। एन.आर. नारायण मूर्ति ने 1981 से 2002 तक सीईओ के रूप में कार्य किया और फिर 2011 तक अध्यक्ष रहे। एस. डी. शिबूलाल, विशाल सिक्का, और सलिल पारेख जैसे व्यक्तियों ने भी सीईओ का पद संभाला। जनवरी 2018 से सलिल पारेख सीईओ और प्रबंध निदेशक हैं।


कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी:

इंफोसिस कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी (CSR) पर जोर देने के लिए जानी जाती है। 1996 में स्थापित इंफोसिस फाउंडेशन शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा, ग्रामीण विकास और कला सहित विभिन्न परोपकारी गतिविधियों पर केंद्रित है। कंपनी स्थिरता पर भी जोर देती है और 2025 तक कार्बन न्यूट्रल बनने का लक्ष्य रखती है।


पुरस्कार और मान्यताएँ:

इंफोसिस को वर्षों से कई पुरस्कार और मान्यताएँ प्राप्त हुई हैं। इसे फोर्ब्स के "ग्लोबल 2000" में सूचीबद्ध किया गया है और फोर्ब्स और अन्य प्रमुख प्रकाशनों द्वारा विश्व की सबसे नवीन कंपनियों में शामिल किया गया है। कंपनी को अपने कॉर्पोरेट प्रशासन और स्थिरता पहलों के लिए भी कई प्रशंसा प्राप्त हुई है।


विवाद:

कई बड़ी कंपनियों की तरह, इंफोसिस ने भी अपने हिस्से के विवादों का सामना किया है। इनमें से उल्लेखनीय है 2013 में संयुक्त राज्य अमेरिका में वीजा के दुरुपयोग के आरोप, जिसने एक समझौते के रूप में समाप्त हुआ। आंतरिक कॉर्पोरेट प्रशासन के मुद्दे और नेतृत्व में बदलाव ने भी कभी-कभी निवेशकों और मीडिया की चिंताओं को जन्म दिया।


भविष्य की दिशा:

इंफोसिस नवाचार और डिजिटल परिवर्तन पर ध्यान केंद्रित करना जारी रखती है ताकि भविष्य में भी वृद्धि हो सके। प्रतिस्पर्धी आईटी सेवाओं के उद्योग में आगे रहने के लिए कंपनी अनुसंधान और विकास में काफी निवेश करती है। एआई, मशीन लर्निंग और उभरती तकनीकों पर जोर देकर, इंफोसिस वैश्विक आईटी परिदृश्य में एक अग्रणी कंपनी बनी रहने का लक्ष्य रखती है।


बाहरी लिंक:


इंफोसिस आधिकारिक वेबसाइट

इंफोसिस फाउंडेशन


संदर्भ:

इंफोसिस वार्षिक रिपोर्ट 2023-24

बिजनेस टुडे, "इंफोसिस: भारत की आईटी दिग्गज का सफर", 2024

फोर्ब्स, "ग्लोबल 2000: विश्व की सबसे बड़ी सार्वजनिक कंपनियाँ", 2024