अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) International Space Station

अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (International Space Station - ISS) पृथ्वी की निचली कक्षा में स्थित एक बहुराष्ट्रीय सहयोग से निर्मित अंतरिक्ष स्टेशन है। यह वैज्ञानिक अनुसंधान, प्रौद्योगिकी परीक्षण और दीर्घकालिक अंतरिक्ष अभियानों के लिए उपयोग किया जाने वाला सबसे बड़ा मानवयुक्त अंतरिक्ष केंद्र है।


अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) International Space Station


परिचय

आईएसएस एक मॉड्यूलर अंतरिक्ष स्टेशन है, जिसे विभिन्न देशों के अंतरिक्ष संगठनों द्वारा संयुक्त रूप से विकसित किया गया है। यह अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA), रूसी रोस्कोस्मोस (Roscosmos), जापानी जाक्सा (JAXA), यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी ईएसए (ESA) और कनाडाई अंतरिक्ष एजेंसी सीएसए (CSA) के सहयोग से संचालित किया जाता है। इसे 20 नवंबर 1998 को लॉन्च किया गया था और तब से लगातार इसमें वैज्ञानिक और अंतरिक्ष यात्री कार्यरत हैं।


संरचना और डिज़ाइन

आईएसएस विभिन्न मॉड्यूलों से मिलकर बना है, जिसमें प्रयोगशालाएँ, आवासीय क्षेत्र, सौर पैनल और डॉकिंग स्टेशन शामिल हैं। इसका कुल वजन लगभग 420,000 किलोग्राम है और यह 109 मीटर × 73 मीटर × 20 मीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है।


मुख्य मॉड्यूल:

ज़ार्या (Zarya): पहला मॉड्यूल, जो रूसी रोस्कोस्मोस द्वारा विकसित किया गया।

यूनिटी (Unity): नासा द्वारा निर्मित, यह अमेरिकी और रूसी मॉड्यूलों को जोड़ता है।

डेस्टिनी (Destiny): अमेरिकी विज्ञान प्रयोगशाला।

कोलंबस (Columbus): यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी का प्रयोगशाला मॉड्यूल।

किबो (Kibo): जापान का सबसे बड़ा मॉड्यूल, जो जैविक और तकनीकी अनुसंधान के लिए प्रयोग किया जाता है।

ज़्वेज़्दा (Zvezda): रूसी मॉड्यूल, जो मुख्यतः आवासीय उपयोग के लिए है।


कक्षा और गति

आईएसएस पृथ्वी से लगभग 408 किलोमीटर की ऊँचाई पर स्थित है और 7.66 किमी/सेकंड की गति से परिक्रमा करता है। यह पृथ्वी का एक पूरा चक्कर 90 मिनट में पूरा करता है, जिससे अंतरिक्ष यात्रियों को प्रतिदिन 16 सूर्योदय और सूर्यास्त देखने को मिलते हैं।


आईएसएस पर अनुसंधान कार्य

आईएसएस पर कई वैज्ञानिक प्रयोग किए जाते हैं, जिनमें शामिल हैं:

जीव विज्ञान: शून्य गुरुत्वाकर्षण का जीवों पर प्रभाव।

मानव शरीर विज्ञान: लम्बे समय तक अंतरिक्ष में रहने से शरीर पर पड़ने वाले प्रभाव।

भौतिकी: अंतरिक्ष में नए पदार्थों और द्रव गतिशीलता का अध्ययन।

मौसम विज्ञान: पृथ्वी के जलवायु परिवर्तन और अंतरिक्ष के मौसम पर शोध।

अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी: नए रोबोटिक्स और कृत्रिम बुद्धिमत्ता तकनीकों का परीक्षण।


आईएसएस पर अंतरिक्ष यात्री

आईएसएस पर विभिन्न देशों के अंतरिक्ष यात्री रहते हैं। यह मिशन आमतौर पर छह महीने के होते हैं, लेकिन कुछ अंतरिक्ष यात्री एक वर्ष तक भी वहां रहे हैं। भारत की ओर से राकेश शर्मा (1984 में) और भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स एवं कल्पना चावला जैसे नाम इससे जुड़े रहे हैं।


भविष्य और संभावनाएँ

आईएसएस को 2030 तक सक्रिय रखने की योजना है। इसके बाद इसे चरणबद्ध तरीके से निष्क्रिय किया जा सकता है या इसे निजी कंपनियों द्वारा चलाया जा सकता है। चीन, रूस और अमेरिका अपने स्वयं के स्पेस स्टेशन विकसित करने की योजना बना रहे हैं।


निष्कर्ष

अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन मानवता की वैज्ञानिक और तकनीकी उपलब्धियों का एक अद्वितीय उदाहरण है। यह पृथ्वी से बाहर मानव अस्तित्व की संभावनाओं को तलाशने में मदद कर रहा है और भविष्य के अंतरिक्ष अभियानों, जैसे मंगल और चंद्रमा मिशन, के लिए एक आधारशिला के रूप में कार्य कर रहा है।


मुख्य तथ्य (संक्षेप में)

स्थापना: 20 नवंबर 1998

उच्चता: ~408 किमी

गति: 7.66 किमी/सेकंड

मालिकाना: NASA, Roscosmos, JAXA, ESA, CSA

वजन: ~420,000 किलोग्राम

मानव मिशन अवधि: 6 महीने से 1 वर्ष

संभावित सेवा समाप्ति: 2030


संबंधित कड़ियाँ

नासा आधिकारिक वेबसाइट

रोस्कोस्मोस आधिकारिक वेबसाइट

यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी

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