कर्नाटक हाईकोर्ट (Karnataka High Court)

कर्नाटक उच्च न्यायालय भारत के कर्नाटक राज्य का उच्च न्यायालय है। यह राज्य का सर्वोच्च न्यायालय है और इसका मुख्यालय बेंगलुरु (बंगलौर) में स्थित है। कर्नाटक हाईकोर्ट का अधिकार क्षेत्र कर्नाटक राज्य के सभी जिलों तक फैला हुआ है। यह न्यायालय संविधान के अनुच्छेद 214 के तहत स्थापित किया गया है और इसके द्वारा दिए गए निर्णयों को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी जा सकती है।


कर्नाटक हाईकोर्ट (Karnataka High Court)


इतिहास

कर्नाटक उच्च न्यायालय की स्थापना 1884 में 'मुख्य न्यायालय' (Chief Court) के रूप में हुई थी। 1973 में इसे उच्च न्यायालय का दर्जा मिला और इसका नाम बदलकर कर्नाटक उच्च न्यायालय कर दिया गया। 1956 में राज्यों के पुनर्गठन के बाद इसे वर्तमान नाम मिला और इसके अधिकार क्षेत्र में वृद्धि हुई।


न्यायालय भवन

कर्नाटक हाईकोर्ट का मुख्य भवन बेंगलुरु में स्थित है, जिसे "अत्तारा कचहरी" के नाम से जाना जाता है। यह इमारत लाल रंग की है और इसमें ग्रीक-रोमन वास्तुकला की झलक देखने को मिलती है। यह भवन बेंगलुरु के सीविक सेंटर के पास कर्नाटक राज्य सचिवालय के सामने स्थित है।


संगठन

कर्नाटक उच्च न्यायालय में एक मुख्य न्यायाधीश और कई अन्य न्यायाधीश होते हैं, जिन्हें भारत के राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त किया जाता है। न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए केंद्र सरकार, राज्य सरकार और उच्चतम न्यायालय के कॉलेजियम की सिफारिशों का पालन किया जाता है। न्यायालय में कुल स्वीकृत पदों की संख्या 62 है, जिसमें स्थायी और अतिरिक्त न्यायाधीश शामिल हैं।


अधिकार क्षेत्र

कर्नाटक उच्च न्यायालय का अधिकार क्षेत्र कर्नाटक राज्य के सभी जिलों में फैला हुआ है। यह न्यायालय सिविल, आपराधिक, संवैधानिक, वाणिज्यिक और प्रशासनिक मामलों की सुनवाई करता है। यह न्यायालय संविधान के अनुच्छेद 226 और 227 के तहत मूल अधिकारों के उल्लंघन के मामलों में भी सुनवाई करता है।


महत्वपूर्ण निर्णय

कर्नाटक उच्च न्यायालय ने समय-समय पर कई महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक निर्णय दिए हैं। इनमें से कुछ प्रमुख निर्णयों में शिक्षा के अधिकार, भूमि सुधार, सरकारी नीतियों की वैधता, और विभिन्न सामाजिक मुद्दों से संबंधित निर्णय शामिल हैं।


शाखाएँ

कर्नाटक उच्च न्यायालय की मुख्य बेंच बेंगलुरु में स्थित है, और इसकी दो स्थायी बेंच धारवाड़ और गुलबर्गा में हैं। इन बेंचों की स्थापना क्षेत्रीय मामलों की सुनवाई के लिए की गई है ताकि जनता को न्याय प्राप्ति में सुविधा हो सके।


मुख्य न्यायाधीश

कर्नाटक उच्च न्यायालय के वर्तमान मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा हैं। उन्होंने 2023 में इस पद को ग्रहण किया और तब से न्यायालय के कार्यों का संचालन कर रहे हैं।


कर्नाटक उच्च न्यायालय का उद्देश्य न्यायपालिका की स्वतंत्रता, न्यायिक प्रक्रियाओं की पारदर्शिता और त्वरित न्याय की प्राप्ति सुनिश्चित करना है। इस न्यायालय ने न्याय की अवधारणा को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और राज्य में कानून के शासन को मजबूत किया है।