उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (NATO) एक अंतरसरकारी सैन्य गठबंधन है, जिसकी स्थापना 4 अप्रैल 1949 को की गई थी। इसका मुख्यालय ब्रुसेल्स, बेल्जियम में स्थित है। नाटो का उद्देश्य अपने सदस्य देशों की सामूहिक सुरक्षा सुनिश्चित करना और राजनीतिक तथा सैन्य सहयोग को बढ़ावा देना है।
इतिहास
नाटो की स्थापना दूसरे विश्व युद्ध के बाद की गई थी, जब पश्चिमी यूरोप और उत्तरी अमेरिका के देशों ने सोवियत संघ के बढ़ते प्रभाव और विस्तार के खिलाफ एक संयुक्त सुरक्षा प्रणाली की आवश्यकता महसूस की। वॉशिंगटन डीसी में 4 अप्रैल 1949 को 12 देशों ने उत्तर अटलांटिक संधि पर हस्ताक्षर किए, जिससे नाटो का गठन हुआ।
सदस्यता
शुरुआत में नाटो के 12 सदस्य देश थे: बेल्जियम, कनाडा, डेनमार्क, फ्रांस, आइसलैंड, इटली, लक्ज़मबर्ग, नीदरलैंड्स, नॉर्वे, पुर्तगाल, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका। अब, नाटो के सदस्य देशों की संख्या बढ़कर 31 हो चुकी है, और इसमें यूरोप, उत्तरी अमेरिका और हाल ही में शामिल हुए पूर्वी यूरोप के देश भी शामिल हैं।
संरचना और संचालन
नाटो का सर्वोच्च निर्णय लेने वाला निकाय उत्तर अटलांटिक परिषद है, जिसमें सभी सदस्य देशों के प्रतिनिधि शामिल होते हैं। परिषद का नेतृत्व नाटो महासचिव करते हैं। इसके अलावा, नाटो में एक सैन्य समिति और एक अंतरराष्ट्रीय कर्मचारी दल भी शामिल हैं, जो गठबंधन की विभिन्न गतिविधियों और अभियानों का समन्वय और क्रियान्वयन करते हैं।
मुख्य मिशन और गतिविधियाँ
नाटो का प्राथमिक मिशन अपने सदस्य देशों की सामूहिक सुरक्षा सुनिश्चित करना है। इसके तहत, नाटो ने विभिन्न सैन्य अभियानों और शांति स्थापना मिशनों में भाग लिया है, जिनमें बाल्कन संघर्ष, अफगानिस्तान में युद्ध, लीबिया में हस्तक्षेप और हाल ही में रूस-यूक्रेन संघर्ष शामिल हैं।
नाटो ने साइबर सुरक्षा, आतंकवाद विरोधी प्रयासों और नई सैन्य प्रौद्योगिकियों के विकास में भी महत्वपूर्ण पहलें की हैं।
अनुच्छेद 5
नाटो के संस्थापक संधि का अनुच्छेद 5 सामूहिक रक्षा का सिद्धांत स्थापित करता है। इसके तहत, किसी भी सदस्य देश पर हमला सभी सदस्य देशों पर हमला माना जाएगा। इस सिद्धांत का उपयोग पहली बार 11 सितंबर 2001 को अमेरिका पर हुए आतंकी हमलों के बाद किया गया था।
विस्तार और भागीदारी
नाटो ने समय-समय पर अपने सदस्यता का विस्तार किया है और इसमें नए सदस्य देशों को शामिल किया है। इसके अलावा, नाटो ने विभिन्न गैर-सदस्य देशों के साथ साझेदारी और सहयोग के कार्यक्रम भी शुरू किए हैं, जैसे कि साझेदारी फॉर पीस (PfP), भूमध्यसागरीय संवाद और इस्तांबुल सहयोग पहल।
वर्तमान स्थिति
नाटो वर्तमान में वैश्विक सुरक्षा वातावरण के बदलते परिदृश्यों के बीच अपनी रणनीतियों और नीतियों को अद्यतन कर रहा है। इसमें रूस के साथ तनाव, चीन की बढ़ती सैन्य शक्ति, और साइबर खतरों से निपटने के उपाय शामिल हैं।