राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (स्नातक) (NEET-UG) भारत में चिकित्सा शिक्षा के लिए आयोजित एक राष्ट्रीय स्तर की प्रवेश परीक्षा है। यह परीक्षा मेडिकल, डेंटल और आयुष (आयुर्वेद, यूनानी, सिद्ध और होम्योपैथी) पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए आवश्यक होती है। NEET-UG परीक्षा का आयोजन राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) द्वारा किया जाता है।
इतिहास
NEET-UG परीक्षा की शुरुआत 2013 में हुई थी। इस परीक्षा का मुख्य उद्देश्य विभिन्न मेडिकल प्रवेश परीक्षाओं को एकीकृत करना और एक समान प्रवेश प्रक्रिया सुनिश्चित करना था। इससे पहले विभिन्न राज्यों और निजी संस्थानों द्वारा अलग-अलग परीक्षाएं आयोजित की जाती थीं।
परीक्षा संरचना
NEET-UG परीक्षा बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQ) प्रारूप में होती है। इसमें तीन मुख्य विषय होते हैं:
- भौतिकी (Physics)
- रसायन विज्ञान (Chemistry)
- जीवविज्ञान (Biology - इसमें वनस्पति विज्ञान (Botany) और प्राणिविज्ञान (Zoology) शामिल हैं)
प्रत्येक विषय में 45 प्रश्न होते हैं, इस प्रकार कुल 180 प्रश्न होते हैं। प्रत्येक सही उत्तर के लिए 4 अंक दिए जाते हैं और गलत उत्तर के लिए 1 अंक काटा जाता है।
योग्यता मानदंड
NEET-UG के लिए पात्रता मानदंड निम्नलिखित हैं:
- उम्मीदवार को 10+2 या समकक्ष परीक्षा भौतिकी, रसायन विज्ञान, जीवविज्ञान/बायोटेक्नोलॉजी और अंग्रेजी विषयों के साथ उत्तीर्ण करनी चाहिए।
- सामान्य श्रेणी के उम्मीदवारों को न्यूनतम 50% अंक, OBC/SC/ST श्रेणी के उम्मीदवारों को 40% अंक और PWD उम्मीदवारों को 45% अंक प्राप्त करने चाहिए।
- परीक्षा के लिए न्यूनतम आयु सीमा 17 वर्ष है, और अधिकतम आयु सीमा 25 वर्ष (आरक्षित श्रेणियों के लिए 30 वर्ष) है।
परीक्षा का महत्व
NEET-UG परीक्षा भारत के सभी सरकारी और निजी मेडिकल कॉलेजों में MBBS, BDS और आयुष पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए आवश्यक है। इसके माध्यम से राष्ट्रीय स्तर पर एक समान और पारदर्शी चयन प्रक्रिया सुनिश्चित होती है।
परीक्षा प्रक्रिया
NEET-UG परीक्षा आमतौर पर मई माह में आयोजित की जाती है। उम्मीदवारों को ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया के माध्यम से पंजीकरण करना होता है। परीक्षा का आयोजन देश भर में विभिन्न केंद्रों पर किया जाता है और परीक्षा परिणाम जुलाई माह में घोषित किए जाते हैं।
हालिया विवाद और सुधार
NEET-UG परीक्षा को लेकर समय-समय पर विवाद भी होते रहे हैं, जैसे प्रश्न पत्र लीक, भाषा विवाद, और आरक्षण नीति में बदलाव आदि। हाल ही में, कई सुधार किए गए हैं, जैसे परीक्षा केंद्रों की संख्या बढ़ाना, विभिन्न भाषाओं में परीक्षा का आयोजन, और परीक्षा प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी बनाना।
भविष्य की दिशा
NEET-UG परीक्षा भारतीय चिकित्सा शिक्षा प्रणाली में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। इसके माध्यम से उच्च गुणवत्ता वाले मेडिकल पेशेवरों का चयन और प्रशिक्षण संभव हो पाया है। भविष्य में भी यह परीक्षा भारतीय चिकित्सा शिक्षा में सुधार और विकास के लिए महत्वपूर्ण बनी रहेगी।