राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर (NEFT)

राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर (NEFT) भारत में उपयोग की जाने वाली एक इलेक्ट्रॉनिक भुगतान प्रणाली है, जिसे भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा संचालित और विनियमित किया जाता है। यह प्रणाली बैंकों के बीच धनराशि के स्थानांतरण को सुविधाजनक बनाती है। एनईएफटी को खासतौर पर सुरक्षित, तेज़ और सुगम बैंकिंग समाधान प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।


राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर (NEFT)


इतिहास

एनईएफटी प्रणाली को 2005 में पेश किया गया था। यह भारतीय वित्तीय प्रणाली का एक अभिन्न हिस्सा है और इसे समय के साथ तकनीकी उन्नति के साथ अपडेट किया गया है। इसका उद्देश्य बैंकिंग लेन-देन को कागज़-मुक्त और डिजिटल रूप में बदलना था।


कार्य प्रणाली

एनईएफटी के माध्यम से धन हस्तांतरण बैचों में किया जाता है। यह प्रणाली प्रत्येक बैच में जमा किए गए लेन-देन को संसाधित करती है।


लेन-देन प्रक्रिया:

  • धनराशि भेजने वाला व्यक्ति अपने बैंक खाते से एनईएफटी अनुरोध करता है।
  • अनुरोध को संबंधित बैंक की शाखा द्वारा एनईएफटी नेटवर्क को भेजा जाता है।
  • धनराशि प्राप्त करने वाले बैंक की शाखा इसे ग्राहक के खाते में क्रेडिट करती है।


समयसीमा:


पहले एनईएफटी केवल बैंकिंग घंटों के दौरान उपलब्ध था, लेकिन दिसंबर 2019 से यह सेवा 24x7 उपलब्ध हो गई है।


विशेषताएँ

लचीलापन:

एनईएफटी का उपयोग व्यक्तिगत खातों, व्यापारिक उद्देश्यों और संस्थागत भुगतानों के लिए किया जा सकता है।


शुल्क:

एनईएफटी ट्रांजेक्शन के लिए मामूली शुल्क लिया जाता था, लेकिन हाल के वर्षों में इसे अधिकांश बैंकों द्वारा निशुल्क कर दिया गया है।


सीमा:

एनईएफटी में धन हस्तांतरण के लिए न्यूनतम राशि की कोई सीमा नहीं है। हालांकि, बैंक अधिकतम सीमा निर्धारित कर सकते हैं।


लाभ

  • सुरक्षा: एनईएफटी लेन-देन सुरक्षित और भरोसेमंद होते हैं।
  • व्यापक पहुंच: यह प्रणाली पूरे भारत में बैंक शाखाओं में उपलब्ध है।
  • कागज़-मुक्त प्रक्रिया: लेन-देन को पूरी तरह से डिजिटल और पर्यावरण के अनुकूल बनाती है।


सीमाएँ

  • गति: एनईएफटी का कार्य बैच प्रक्रिया पर आधारित है, जिससे यह UPI और IMPS की तुलना में धीमा हो सकता है।
  • तकनीकी निर्भरता: एनईएफटी सेवा का उपयोग करने के लिए इंटरनेट कनेक्टिविटी और तकनीकी जानकारी आवश्यक है।