ओमप्रकाश चौटाला (1 जनवरी 1935 – 20 दिसंबर 2024) एक प्रमुख भारतीय राजनीतिज्ञ और हरियाणा राज्य के पाँच बार मुख्यमंत्री रहे। वे इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) के प्रमुख नेता थे और हरियाणा की राजनीति में अपने योगदान के लिए प्रसिद्ध थे। ओमप्रकाश चौटाला ने समाजवादी विचारधारा का समर्थन किया और अपने जीवनकाल में राज्य के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
प्रारंभिक जीवन
ओमप्रकाश चौटाला का जन्म 1 जनवरी 1935 को हरियाणा के सिरसा जिले के चौटाला गांव में हुआ। वे चौधरी देवी लाल के पुत्र थे, जो स्वयं हरियाणा के मुख्यमंत्री और भारत के उपप्रधानमंत्री रह चुके थे। चौटाला ने प्रारंभिक शिक्षा पूरी करने के बाद कृषि और राजनीति में रुचि ली।
राजनीतिक करियर
ओमप्रकाश चौटाला ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत अपने पिता चौधरी देवी लाल के मार्गदर्शन में की। वे पहली बार 1989 में हरियाणा के मुख्यमंत्री बने। इसके बाद वे 1990, 1991, 1999, और 2000 में फिर से मुख्यमंत्री बने।
- पहला कार्यकाल (1989-1990): उन्होंने कृषि और ग्रामीण विकास के लिए कई नीतियां लागू कीं।
- दूसरा कार्यकाल (1990): यह कार्यकाल केवल पाँच दिन का था।
- तीसरा कार्यकाल (1991): यह कार्यकाल भी अल्पकालिक था।
- चौथा और पाँचवां कार्यकाल (1999-2005): उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य, और बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए कई योजनाएं चलाईं।
उनकी पार्टी, इंडियन नेशनल लोकदल (INLD), हरियाणा में एक प्रभावशाली राजनीतिक ताकत थी, जिसने जाट समुदाय और ग्रामीण क्षेत्रों में मजबूत आधार बनाया।
विवाद और सजा
ओमप्रकाश चौटाला का राजनीतिक करियर विवादों से भी घिरा रहा। जूनियर बेसिक ट्रेनिंग (JBT) शिक्षक भर्ती घोटाला में दोषी पाए जाने के बाद उन्हें 2013 में 10 साल की सजा सुनाई गई। हालांकि, उनके समर्थकों ने इसे राजनीतिक साजिश करार दिया।
परिवार और व्यक्तिगत जीवन
चौटाला परिवार हरियाणा की राजनीति में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है।
- पिता: चौधरी देवी लाल, हरियाणा के मुख्यमंत्री और भारत के उपप्रधानमंत्री।
- पुत्र: अजय चौटाला और अभय चौटाला।
- अजय चौटाला ने जननायक जनता पार्टी (JJP) की स्थापना की।
- अभय चौटाला INLD के साथ रहे।
उनकी तीसरी पीढ़ी, जिसमें अर्जुन चौटाला और दुष्यंत चौटाला शामिल हैं, भी सक्रिय राजनीति में है।
निधन
ओमप्रकाश चौटाला का 20 दिसंबर 2024 को गुरुग्राम स्थित उनके आवास पर दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। वे 89 वर्ष के थे। उनके निधन पर हरियाणा और देशभर के नेताओं ने शोक व्यक्त किया।
विरासत
ओमप्रकाश चौटाला ने हरियाणा की राजनीति में एक अमिट छाप छोड़ी। उनके समर्थकों ने उन्हें किसानों और ग्रामीणों के अधिकारों के लिए लड़ने वाले नेता के रूप में याद किया। उन्होंने समाज के कमजोर वर्गों के कल्याण के लिए कई योजनाओं की शुरुआत की। उनके कार्यों और नेतृत्व ने हरियाणा के राजनीतिक और सामाजिक ढांचे को नया रूप दिया।
स्मृति
ओमप्रकाश चौटाला का नाम हरियाणा के सबसे प्रभावशाली नेताओं में गिना जाता है। उनका राजनीतिक करियर एक उदाहरण है कि कैसे संघर्ष, विवाद और प्रतिबद्धता के माध्यम से नेतृत्व की भूमिका निभाई जा सकती है।