रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट (RTGS)

रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट (RTGS) एक डिजिटल भुगतान प्रणाली है जो बैंक खातों के बीच तुरंत और सुरक्षित रूप से धनराशि के स्थानांतरण को सक्षम बनाती है। यह प्रणाली भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा संचालित और विनियमित की जाती है। आरटीजीएस का उपयोग मुख्य रूप से बड़ी धनराशि के त्वरित और सुरक्षित हस्तांतरण के लिए किया जाता है।


रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट (RTGS)


इतिहास

आरटीजीएस प्रणाली को भारत में 2004 में शुरू किया गया था। इसे बड़ी रकम के तत्काल भुगतान के लिए डिज़ाइन किया गया था और समय के साथ इसे अधिक सुरक्षित और तकनीकी रूप से उन्नत बनाया गया है।


कार्य प्रणाली

आरटीजीएस प्रणाली "रियल टाइम" और "ग्रॉस" आधार पर काम करती है:


रियल टाइम:

लेन-देन को तुरंत संसाधित किया जाता है। इसमें कोई प्रतीक्षा या बैच प्रक्रिया नहीं होती है।

ग्रॉस सेटलमेंट:

धन हस्तांतरण प्रत्येक लेन-देन के आधार पर व्यक्तिगत रूप से किया जाता है, और इसे अन्य लेन-देन से नहीं जोड़ा जाता।

सेटलमेंट:

सेटलमेंट अंतिम और अपरिवर्तनीय होता है।


विशेषताएँ

तेज़ और तत्काल:

आरटीजीएस लेन-देन वास्तविक समय में पूरा होता है।

बड़ी धनराशि:

न्यूनतम ₹2 लाख और अधिकतम राशि की कोई सीमा नहीं होती है।

सुरक्षा:

आरटीजीएस प्रणाली पूरी तरह से सुरक्षित और आरबीआई द्वारा विनियमित है।


कार्य समय:

आरटीजीएस सेवा 24x7 उपलब्ध है, जिसमें सप्ताहांत और छुट्टियाँ भी शामिल हैं।


लाभ

  • तत्काल सेटलमेंट: बड़े भुगतान के लिए समय की बचत।
  • सुरक्षा: लेन-देन का उच्चतम सुरक्षा मानक।
  • बिना सीमा: बड़ी रकम के लिए उपयुक्त।


सीमाएँ

  • छोटी रकम के लिए अनुपयुक्त: न्यूनतम ₹2 लाख की सीमा इसे छोटे लेन-देन के लिए अनुपयुक्त बनाती है।
  • शुल्क: आरटीजीएस लेन-देन पर बैंकों द्वारा सेवा शुल्क लिया जा सकता है।
  • तकनीकी निर्भरता: इंटरनेट और बैंकिंग नेटवर्क की आवश्यकता।