ISRO Mission Gaganyaan LIVE : गगनयान मिशन का लक्ष्य 2025 में तीन दिवसीय मिशन के तहत मनुष्यों को 400 किलोमीटर की ऊंचाई पर पृथ्वी की निचली कक्षा में भेजना और उन्हें सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर वापस लाना है. इस क्रू मॉड्यूल के साथ परीक्षण यान मिशन पूरे गगनयान कार्यक्रम के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है.

ISRO ने गगनयान मिशन के तहत पहले मानव रहित उड़ान परीक्षण में आई खामी को दुरुस्त करते हुए सुबह 10 बजे इसे सफलतापूर्वक लॉन्च किया.
नई दिल्ली. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के महत्वकांक्षी गगनयान मिशन (Gagnayaan Mission) के तहत पहले मानव रहित उड़ान परीक्षण में आई तकनीकी खामी को दुरुस्त करते हुए 10 बजे इसे सफलतापूर्वक लॉन्च कर दिया गया.

इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने इस सफल लॉन्चिंग की जानकारी देते हुए कहा, ‘मुझे टीवी-डी1 मिशन की सफल उपलब्धि की घोषणा करते हुए बहुत खुशी हो रही है. इस मिशन का उद्देश्य एक परीक्षण वाहन के माध्यम से गगनयान कार्यक्रम के लिए चालक दल को ले जाने की प्रणाली का प्रदर्शन करना था.’

इसके साथ ही उन्होंने बताया कि यह क्रू मॉड्यूल एक मैक तक चला गया, जो ध्वनि की गति से थोड़ा ऊपर है और क्रू एस्केप सिस्टम के कार्य करने के लिए एक निरस्त स्थिति की शुरुआत की. क्रू एस्केप सिस्टम ने क्रू मॉड्यूल को वाहन से दूर ले लिया और बाद में टच-डाउन सहित संचालन किया. इसके बाद इसने समुद्र में बहुत अच्छी तरह से काम पूरा किया और हमारे पास इस सबकी पुष्टि के लिए डेटा है…’

तकनीकी खामी के चलते टालनी पड़ी थी लॉन्चिंग

इससे पहले इसरो ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट में बताया, ‘गगनयान के टीवी-डी1 लॉन्च को रोकने के कारण की पहचान करके उसे ठीक कर लिया गया. प्रक्षेपण सुबह 10 बजे करने की योजना है.’

वहीं इसरो चीफ एस सोमनाथ ने गगनयान की पहली उड़ान परीक्षण को टालने की जानकारी देते हुए कहा था कि परीक्षण यान का प्रक्षेपण आज नहीं हो सकेगा. उन्होंने कहा, ‘इंजन प्रणोदन सामान्य तरह से नहीं हो पाया है. हमें पता लगाना होगा कि क्या गलती हुई है, यान सुरक्षित है. जल्द ही विश्लेषण के बाद बताया जाएगा कि किस कारण स्वचालित प्रक्षेपण में बाधा आई.’

बता दें कि इसरो शनिवार सुबह 8 बजे ‘क्रू मॉड्यूल’ (जिसमें अंतरिक्ष यात्री सवार होंगे) और चालक बचाव प्रणाली से लैस रॉकेट को श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष केंद्र के पहले प्रक्षेपण तल से रवाना करने वाला था. हालांकि फिर परीक्षण यान डी1 मिशन के तहत लॉन्च पैड से प्रक्षेपण के समय में बदलाव कर इसे सुबह साढ़े आठ बजे कर दिया गया. समय में बदलाव किए जाने का कारण के बारे आधिकारिक रूप से तो कोई जानकारी नहीं दी गई, लेकिन सूत्रों ने बताया कि बारिश और बादल छाए रहने के कारण ऐसा किया गया होगा.

इस घोषणा के तुरंत बाद सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के मॉनिटर पर प्रदर्शित उल्टी गिनती कर रही घड़ी को हटा दिया गया. शुक्रवार शाम सात बजे से 13 घंटे की उल्टी गिनती शुरू की गई थी. परीक्षण यान मिशन का मकसद गगनयान मिशन के तहत भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को पृथ्वी पर वापस लाने के लिए क्रू मॉड्यूल और चालक बचाव प्रणाली के सुरक्षा मानकों का अध्ययन करना है.

गगनयान मिशन का लक्ष्य 2025 में तीन दिवसीय मिशन के तहत मनुष्यों को 400 किलोमीटर की ऊंचाई पर पृथ्वी की निचली कक्षा में भेजना और उन्हें सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर वापस लाना है. इस क्रू मॉड्यूल के साथ परीक्षण यान मिशन पूरे गगनयान कार्यक्रम के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है.

‘क्रू मॉड्यूल’ रॉकेट में पेलोड है, और यह अंतरिक्ष यात्रियों के लिए अंतरिक्ष में पृथ्वी जैसे वातावरण के साथ रहने योग्य जगह है. इसमें एक दबावयुक्त धात्विक ‘आंतरिक संरचना’ और ‘थर्मल सुरक्षा प्रणालियों’ के साथ एक बिना दबाव वाली ‘बाहरी संरचना’ शामिल है.

इस पहली परीक्षण उड़ान के दौरान ‘क्रू मॉड्यूल’ में लगी विभिन्न प्रणालियों के प्रदर्शन का आकलन करने के लिए डेटा प्राप्त किया जाएगा, जिससे वैज्ञानिकों को यान के प्रदर्शन की जानकारी प्राप्त करने में मदद मिलेगी.

यह पहला संपूर्ण परीक्षण उड़ान कार्यक्रम संक्षिप्त रहने की उम्मीद है, क्योंकि ‘टेस्ट व्हीकल एबॉर्ट मिशन’ (टीवी-डी1) क्रू एस्केप सिस्टम (चालक बचाव प्रणाली) और क्रू मॉड्यूल को 17 किमी की ऊंचाई पर प्रक्षेपित करेगा, जिसके श्रीहरिकोटा से लगभग 10 किमी दूर समुद्र में सुरक्षित उतरने की उम्मीद है. बाद में बंगाल की खाड़ी से नौसेना द्वारा इन्हें खोज कर निकाला जाएगा. 

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