सारांश: कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश की अमेठी और रायबरेली सीटों पर चुनावी रणनीति में बदलाव किया है, जिससे राहुल गांधी अमेठी के बजाए रायबरेली से चुनाव लड़ सकते हैं।


कांग्रेस ने बदले पत्ते: राहुल गांधी की चुनावी रणनीति

कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश के चुनावी सीटों पर ध्यान देते हुए अपनी चुनावी रणनीति में बदलाव किया है। इस बार कांग्रेस की शिरोमणि परिवार के सदस्य राहुल गांधी की चुनावी स्ट्रैटेजी पर नई नजर है। उनके पिछले चुनावों की तुलना में, जहां उन्होंने अमेठी से चुनाव लड़ा था, इस बार वे रायबरेली से चुनावी मैदान में उतर सकते हैं।

चुनावी रणनीति का बदलाव:

अमेठी और रायबरेली को लेकर कांग्रेस ने अपनी चुनावी रणनीति में संशोधन किया है। इस बार कांग्रेस के प्रमुख राहुल गांधी ने अपने चुनावी क्षेत्र को बदलकर रायबरेली का चयन किया है। यह रणनीतिक बदलाव पार्टी के राजनीतिक दृष्टिकोण में भी एक परिवर्तन का प्रतीक है।

उम्मीदवारों की घोषणा:

कांग्रेस ने यूपी की दोनों सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा करने की तैयारी कर ली है। गुरुवार को पार्टी अपने उम्मीदवारों का ऐलान कर सकती है। इस बार कांग्रेस की चुनावी रणनीति में प्रियंका गांधी की भूमिका पर भी ध्यान होगा।

प्रियंका गांधी की भूमिका:

प्रियंका गांधी के बारे में सरकार के कई विवादों में कयास लगाए जा रहे थे, लेकिन उनके चुनावी सीट से अस्तित्व को लेकर अभी तक कोई आधिकारिक जानकारी नहीं है। प्रियंका गांधी को रायबरेली से चुनाव लड़ने की उम्मीद थी, लेकिन इस बार कांग्रेस ने अपनी चुनावी रणनीति में बदलाव किया है।

चुनाव की तारीख:

अमेठी और रायबरेली में वोटिंग की तारीख 20 मई है। दोनों सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा 3 मई तक होगी। बीजेपी की उम्मीदवार स्मृति ईरानी ने अमेठी से चुनाव लड़ने की घोषणा की है।

सामाजिक गठबंधन:

इस बार के चुनाव में सामाजिक गठबंधन 'इंडिया' में शामिल समाजवादी पार्टी भी कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव लड़ रही है। इस गठबंधन के तहत कांग्रेस को यूपी की 80 सीटों में से 17 सीटें मिली हैं। इसमें अमेठी और रायबरेली भी शामिल हैं।

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