सारांश : टैक्सपेयर्स टैक्स बचाने के उपाय तलाश रहे हैं। इसके लिए, वे इनकम टैक्स एक्ट 1961 की विभिन्न धाराओं का उपयोग कर सकते हैं। विशेष रूप से सीनियर सिटीजन को टैक्स में कई तरह की छूट मिलती है। आइए जानते हैं टैक्स बचाने के नियमों के बारे में।
इनकम टैक्स बचत के नियम: सीनियर सिटीजन के लिए विशेष छूट
वित्तीय वर्ष 2024 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) दाखिल करने का समय आ गया है, जिसकी अंतिम तिथि 31 मई है। टैक्सपेयर्स के पास टैक्स बचाने के कई उपाय तलाशने का पर्याप्त समय है। इनकम टैक्स एक्ट 1961 के तहत कई धाराओं की मदद से टैक्सपेयर्स अपनी टैक्स देनदारी को कम कर सकते हैं। खासतौर पर सीनियर सिटीजन को इन धाराओं के तहत कई विशेष छूट मिलती हैं। आइए, इन नियमों को विस्तार से समझते हैं।
सीनियर सिटीजन को मिलने वाले लाभ
इनकम टैक्स FAQ के मुताबिक, वरिष्ठ नागरिकों को बैंकों, पोस्ट ऑफिस, और सहकारी बैंक में जमा रकम पर ब्याज में विशेष लाभ मिलता है। इसके अलावा, इन खातों में मिलने वाले ब्याज पर इनकम टैक्स में छूट मिलती है। इनकम टैक्स की धारा 80TTB के तहत, वरिष्ठ नागरिकों को ब्याज में मिलने वाली 50,000 रुपये तक की रकम पर टैक्स में छूट मिलती है। इसमें सेविंग अकाउंट और सावधि जमा खाता (RD) पर मिलने वाले ब्याज पर कटौती की जाती है।
धारा 194A के तहत छूट
इनकम टैक्स की धारा 194A के तहत, किसी भी सीनियर सिटीजन को बैंक, पोस्ट ऑफिस और सहकारी बैंक से 50,000 रुपये तक के ब्याज पर कोई टैक्स नहीं लगता है। यह छूट विशेष रूप से सीनियर सिटीजन के लिए है ताकि उन्हें अपने ब्याज आय पर टैक्स का भुगतान नहीं करना पड़े। इस धारा का लाभ उठाने के लिए, सीनियर सिटीजन को अपने बैंक और वित्तीय संस्थान को अपनी उम्र का प्रमाण देना होता है, ताकि उन्हें यह छूट मिल सके।
धारा 80DDB के तहत इलाज के खर्च पर छूट
वरिष्ठ नागरिकों के इलाज पर खर्च की गई रकम पर भी इनकम टैक्स में छूट मिलती है। इनकम टैक्स की धारा 80DDB के तहत, किसी विशिष्ट बीमारी के इलाज पर हुए खर्च के लिए टैक्स छूट का दावा किया जा सकता है। इस धारा के तहत, सीनियर सिटीजन को बीमारी के इलाज पर हुए खर्च पर टैक्स में कटौती मिलती है, जिससे उनकी वित्तीय बोझ कम होता है।
धारा 80DDB के तहत छूट प्राप्त करने के लिए, सीनियर सिटीजन को अपने डॉक्टर से प्रमाणपत्र लेना होता है जिसमें बीमारी और उसके इलाज का उल्लेख होता है। इसके आधार पर, वे अपने इलाज के खर्च को इनकम टैक्स रिटर्न में दर्शा सकते हैं और छूट प्राप्त कर सकते हैं।
धारा 80C और अन्य महत्वपूर्ण धाराएँ
टैक्सपेयर्स इनकम टैक्स एक्ट 1961 की अन्य धाराओं का भी लाभ उठा सकते हैं। जैसे कि धारा 80C के तहत, टैक्सपेयर्स 1.5 लाख रुपये तक की छूट प्राप्त कर सकते हैं, यदि वे कुछ विशेष निवेश योजनाओं में निवेश करते हैं, जैसे पीपीएफ, ईएलएसएस, और एनएससी। इसके अलावा, धारा 80D के तहत, स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर भी टैक्स छूट मिलती है।
धारा 24(b) के तहत, होम लोन के ब्याज पर भी टैक्स छूट प्राप्त की जा सकती है। टैक्सपेयर्स अपने होम लोन के ब्याज के भुगतान पर 2 लाख रुपये तक की छूट प्राप्त कर सकते हैं। यह विशेष रूप से उन लोगों के लिए फायदेमंद है जो होम लोन ले चुके हैं और अपने घर की ईएमआई चुका रहे हैं।
टैक्स बचाने के अन्य तरीके
टैक्सपेयर्स को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वे सभी उपलब्ध धाराओं और छूटों का पूरा लाभ उठाएं। इसके लिए, उन्हें अपने निवेश और खर्चों की योजना पहले से ही बनानी चाहिए। टैक्स बचाने के लिए निम्नलिखित सुझावों पर ध्यान दें:
निवेश योजनाएँ: धारा 80C, 80D, और 24(b) जैसी धाराओं के तहत निवेश करें और टैक्स छूट का लाभ उठाएं।
स्वास्थ्य बीमा: स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर छूट प्राप्त करें।
होम लोन: होम लोन के ब्याज पर छूट का लाभ उठाएं।
वरिष्ठ नागरिक खाता: सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम में निवेश करें।
टैक्स बचाने के इन उपायों को अपनाकर, टैक्सपेयर्स अपनी टैक्स देनदारी को कम कर सकते हैं और अपने वित्तीय भविष्य को सुरक्षित कर सकते हैं।
इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने से पहले, टैक्सपेयर्स को इन महत्वपूर्ण धाराओं और छूटों के बारे में जानना चाहिए। इससे वे अपनी टैक्स देनदारी को कम कर सकते हैं और अधिकतम लाभ उठा सकते हैं। खासतौर पर सीनियर सिटीजन के लिए उपलब्ध विशेष छूटों का लाभ उठाकर, वे अपने वित्तीय जीवन को सरल और सुरक्षित बना सकते हैं।
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