सारांश : दिल्ली में बारिश ने गर्मी से राहत दी लेकिन कई इलाकों में जलभराव और नाले ओवरफ्लो होने से आफत मच गई। मुख्य सड़कों पर घुटनों तक पानी भर गया, जिससे यातायात बाधित हुआ और कई गाड़ियां फंस गईं। निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को विशेष रूप से कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में भी ऐसे ही हालात बने रहने की संभावना जताई है।
दिल्ली में मानसून की पहली बारिश ने जहां गर्मी से राहत दी, वहीं कई इलाकों में जलभराव और नालों के ओवरफ्लो होने से समस्याएं खड़ी कर दी हैं। भारी बारिश के बाद शहर की व्यवस्था पर सवाल खड़े हो गए हैं। कई मुख्य सड़कों पर पानी भर जाने से यातायात बाधित हो गया है, और सड़कों पर गाड़ियों के फंसने की घटनाएं आम हो गई हैं।
शहर के विभिन्न हिस्सों में पानी भरने की घटनाएं सामने आई हैं, जिससे लोगों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। मंडावली इलाके में एक यात्री बस सड़क पर भरे पानी में फंस गई, जिससे यात्रियों को काफी परेशानी हुई। वहीं, एनसीआर और आईटीओ जैसे क्षेत्रों में मुख्य सड़कों पर घुटनों तक पानी भर गया है, जिससे यातायात पूरी तरह से ठप हो गया है।
निचले इलाकों में रहने वाले लोग सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं। कई मोहल्लों में नाले ओवरफ्लो हो गए हैं, जिससे गंदा पानी घरों में घुस गया है। इससे ग्राउंड फ्लोर पर रहने वाले लोग विशेष रूप से प्रभावित हुए हैं, जिन्हें अपने घरों में ही रहना पड़ रहा है।
मौसम विभाग के अनुसार, आने वाले दिनों में भी भारी बारिश की संभावना है। 27 जून की रात 8 बजे से 28 जून की सुबह 5 बजे तक के रिकॉर्ड में दिल्ली में 19 एमएम बारिश दर्ज की गई है। सफदरजंग इलाके में 154 एमएम और पालम में 93 एमएम बारिश रिकॉर्ड की गई है।
दिल्ली सरकार की तैयारियों पर भी सवाल उठ रहे हैं। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के जेल में होने की अफवाहों के बीच, प्रशासनिक तंत्र की कमजोरी साफ दिखाई दे रही है। सड़कों पर जलभराव की समस्या से निपटने में सरकार असमर्थ दिख रही है, जिससे लोगों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
बारिश के कारण यातायात व्यवस्था भी पूरी तरह से बिगड़ गई है। सड़कों पर पानी भर जाने से कई स्कूलों में भी जलभराव की स्थिति बनी हुई है। इस कारण स्कूल प्रशासन को भी बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंता हो रही है।
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