सारांश : नीट 2024 पेपर लीक मामले में पुलिस के हाथ बड़ी सफलता लगी है। आरोपियों ने अपने कबूलनामे में पेपर लीक की बात स्वीकार की है और बताया है कि परीक्षा से पहले ही प्रश्नपत्र और उत्तर अभ्यर्थियों को रटवाए गए थे। पुलिस ने इस पेपर लीक कांड में शामिल सभी प्रमुख आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और उनसे महत्वपूर्ण जानकारी हासिल की है।

नीट 2024 पेपर लीक मामले ने पूरे देश को हिला कर रख दिया है। पेपर लीक के पुख्ता सबूत सामने आने के बाद, आरोपियों ने अपनी संलिप्तता स्वीकार कर ली है। आइए, इस पूरे मामले की तह तक जाते हैं और देखते हैं कि कैसे एक संगठित गैंग ने नीट परीक्षा के प्रश्नपत्र को लीक कर अभ्यर्थियों को परीक्षा में पास कराने का घिनौना काम किया।
मुख्य आरोपी अनुराग यादव का बयान
अनुराग यादव, उम्र 22 वर्ष, ने अपने कबूलनामे में कहा, "मैं कोटा में एलेन कोचिंग सेंटर से नीट की तैयारी कर रहा था। मेरे फुफा, जो नगर परिषद दानापुर में जूनियर इंजिनियर के पद पर कार्यरत हैं, ने मुझे परीक्षा से एक दिन पहले बुलाया। उन्होंने कहा कि परीक्षा का सेटिंग हो चुका है। 4 मई की रात मुझे अमित आनंद और नीतीश कुमार के पास ले जाया गया, जहां नीट के प्रश्नपत्र और उत्तर रटवाए गए। परीक्षा में वही प्रश्न सही साबित हुए और पुलिस ने मुझे गिरफ्तार कर लिया।"
नीतीश कुमार का कबूलनामा
नीतीश कुमार, उम्र 32 वर्ष, ने भी अपने बयान में बताया कि वह सिकंदर प्र० यादवेन्दु से नगर परिषद दानापुर के कार्यालय में मिला था। वहीं पर उसे बताया गया कि किसी भी प्रतियोगी परीक्षा का प्रश्नपत्र लीक कर बच्चों को पास कराया जाता है। सिकंदर ने नीट परीक्षा के लिए 30-32 लाख रुपये की मांग की और कहा कि चार अभ्यर्थियों को पास कराना है। परीक्षा से एक दिन पहले, 4 मई की रात को प्रश्नपत्र और उत्तर रटवाए गए। पुलिस ने सिकंदर की निशानदेही पर हमें भी गिरफ्तार कर लिया।
अमित आनंद का बयान
अमित आनंद, उम्र 29 वर्ष, ने भी स्वीकार किया कि वह सिकंदर प्र० यादवेन्दु और नीतीश कुमार के साथ मिलकर इस घोटाले में शामिल था। उसने बताया कि वह किसी भी प्रतियोगी परीक्षा का प्रश्नपत्र लीक कर बच्चों को पास कराता था। नीट परीक्षा के लिए उसने भी 30-32 लाख रुपये की मांग की थी। 4 मई की रात को अभ्यर्थियों को प्रश्नपत्र और उत्तर रटवाए गए। पुलिस ने उसे भी गिरफ्तार कर लिया और उसके फ्लैट से प्रश्नपत्र और अन्य सबूत बरामद किए।
सिकंदर प्र० यादवेन्दु का कबूलनामा
सिकंदर प्र० यादवेन्दु, उम्र 56 वर्ष, ने भी अपने बयान में स्वीकार किया कि उसने अमित आनंद और नीतीश कुमार के साथ मिलकर नीट पेपर लीक किया था। उसने बताया कि वह चार अभ्यर्थियों को परीक्षा में पास कराने के लिए 30-32 लाख रुपये ले रहा था। 4 और 5 मई की रात को उसने अभ्यर्थियों को प्रश्नपत्र और उत्तर रटवाए। पुलिस ने वाहन चेकिंग के दौरान उसे गिरफ्तार कर लिया और उससे महत्वपूर्ण सबूत बरामद किए।
निष्कर्ष
इस पूरे पेपर लीक कांड ने शिक्षा व्यवस्था में घोर अनियमितताओं को उजागर किया है। यह स्पष्ट है कि इस घोटाले में कई उच्च पदों पर बैठे लोग शामिल थे। अब पुलिस ने सभी प्रमुख आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और उनसे महत्वपूर्ण जानकारी हासिल की है। यह आवश्यक है कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जाएं और दोषियों को सख्त सजा दी जाए।
इस पूरी घटना ने नीट परीक्षा की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। अब देखना यह है कि न्यायपालिका और प्रशासन इस मामले में कैसे कार्रवाई करते हैं और दोषियों को सजा दिलाते हैं।
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