संक्षेप : सूरज रेवन्ना, जेडीएस के विधान परिषद सदस्य और एचडी रेवन्ना के बेटे, को पार्टी के एक युवा कार्यकर्ता के यौन उत्पीड़न के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। इस घटना ने देवगौड़ा परिवार के लिए एक और विवाद खड़ा कर दिया है।

Suraj Revanna : Sexual harassment के आरोप में Deve Gowda परिवार का एक और सदस्य विवादों में फंसा


पार्टी के एक युवा कार्यकर्ता के कथित यौन उत्पीड़न के आरोप में जेडीएस के विधान परिषद सदस्य सूरज रेवन्ना को रविवार को गिरफ्तार किया गया और उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा गया है। इस मामले की जांच आपराधिक जांच विभाग (CID) को सौंप दी गई थी, जिसके बाद सूरज को हासन से बेंगलुरु ट्रांसफर कर दिया गया। सूरज पर हासन जिले के होलेनरसिपुरा ग्रामीण पुलिस स्टेशन में 22 जून को यौन शोषण का मामला दर्ज किया गया था।


सूरज रेवन्ना कौन हैं?

सूरज रेवन्ना जेडी(एस) विधायक एचडी रेवन्ना के बेटे और केंद्रीय मंत्री एवं कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी के भतीजे हैं। पेशे से डॉक्टर सूरज, पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा के परिवार के सातवें सदस्य हैं जो कर्नाटक में संवैधानिक पद पर चुने गए हैं। उन्होंने जनवरी 2022 में विधान परिषद के लिए हासन स्थानीय प्राधिकरण निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की।


विवादों से घिरा रेवन्ना परिवार

रेवन्ना परिवार हाल के महीनों में कई विवादों में उलझा रहा है। सबसे ताजा मामला सूरज रेवन्ना का है, जिनकी गिरफ्तारी के साथ ही एचडी रेवन्ना के दोनों बेटे अब जेल में हैं। सूरज के छोटे भाई प्रज्वल रेवन्ना, जो पहले से ही जेल में हैं, पर भी बलात्कार के आरोप लगे हैं और उन्हें 31 मई को गिरफ्तार किया गया था।


प्रज्वल रेवन्ना पर कई महिलाओं से यौन उत्पीड़न के आरोप हैं और उनके खिलाफ बलात्कार, छेड़छाड़, ब्लैकमेलिंग और धमकी देने के आरोपों से संबंधित तीन एफआईआर दर्ज की गई हैं। सूरज और प्रज्वल के पिता एचडी रेवन्ना और उनकी मां भवानी रेवन्ना भी एक अपहरण के मामले में जमानत पर हैं। यह अपहरण का आरोप प्रज्वल के कथित यौन उत्पीड़न पीड़ितों में से एक ने लगाया था।


सूरज रेवन्ना के खिलाफ धाराएं

एक 27 साल के युवक ने पुलिस में शिकायत की थी कि सूरज रेवन्ना ने 16 जून को घन्नीकाडा स्थित अपने फार्महाउस में उसका यौन शोषण किया। इस शिकायत के आधार पर होलेनरसीपुर पुलिस ने सूरज के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 377 (अप्राकृतिक सेक्स), 342 (बंधक बनाना) और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत मामला दर्ज किया।


सूरज रेवन्ना ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया है और आरोप लगाया है कि उस व्यक्ति ने उनसे 5 करोड़ रुपये ऐंठने के लिए 'झूठी शिकायत' दर्ज कराई थी। सूरज का कहना है कि वह निर्दोष हैं और यह साजिश उनके राजनीतिक करियर को नुकसान पहुंचाने के लिए रची गई है।


जांच और न्यायिक प्रक्रिया

मामले की गंभीरता को देखते हुए CID ने इसकी जांच अपने हाथ में ली है। सूरज को बेंगलुरु में स्थानांतरित कर दिया गया है जहां उनसे पूछताछ जारी है। जांच के तहत कई गवाहों से भी पूछताछ की जा रही है और सबूतों को इकट्ठा किया जा रहा है। सूरज की न्यायिक हिरासत के दौरान उनकी जमानत याचिका पर भी विचार किया जाएगा।


परिवार पर प्रभाव

इस मामले ने रेवन्ना परिवार की प्रतिष्ठा पर गंभीर धब्बा लगा दिया है। देवगौड़ा परिवार, जो कर्नाटक की राजनीति में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है, अब लगातार विवादों में फंसता जा रहा है। परिवार के सदस्यों पर लगे ये आरोप उनके राजनीतिक करियर के लिए गंभीर चुनौती साबित हो सकते हैं।


सूरज रेवन्ना का यह मामला एक बार फिर से इस बात को उजागर करता है कि राजनीति में नैतिकता और सद्गुणों का पालन कितना महत्वपूर्ण है। इस विवाद के बीच, देवगौड़ा परिवार को अब अपनी साख को बचाने और कानूनी लड़ाई का सामना करने के लिए तैयार रहना होगा।

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