सारांश: भारत के सात राज्यों में 13 विधानसभा सीटों के लिए उपचुनाव हो रहे हैं। वोटिंग शुरू हो चुकी है और नतीजे 13 जुलाई को आएंगे। पश्चिम बंगाल, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार, मध्य प्रदेश, पंजाब और तमिलनाडु में इन चुनावों के लिए तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुखू की पत्नी कमलेश ठाकुर सहित कई प्रमुख उम्मीदवार मैदान में हैं।
आज भारत के सात राज्यों में 13 विधानसभा सीटों के लिए उपचुनाव हो रहे हैं। इन राज्यों में पश्चिम बंगाल, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार, मध्य प्रदेश, पंजाब और तमिलनाडु शामिल हैं। इन चुनावों का परिणाम 13 जुलाई को घोषित किया जाएगा। चुनाव आयोग ने 14 जून को इन उपचुनावों के लिए नोटिफिकेशन जारी किया था और 21 जून तक नामांकन दाखिल किए गए थे। मतदान 10 जुलाई को शुरू हो गया है और 13 जुलाई को मतगणना की जाएगी।
विभिन्न राज्यों में चुनावी तैयारी और प्रतिस्पर्धा:
पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और भाजपा के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिल रही है। पिछले लोकसभा चुनावों में टीएमसी ने 42 में से 29 सीटों पर जीत दर्ज की थी, जबकि भाजपा को भारी नुकसान उठाना पड़ा था। इस उपचुनाव में भी दोनों पार्टियों के बीच मुकाबला कड़ा होने की उम्मीद है।
हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुखू की पत्नी कमलेश ठाकुर ने चुनावी मैदान में अपनी किस्मत आजमाई है। हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार निष्कासन के प्रयासों से बच गई थी और पिछले उपचुनाव में चार विधानसभा सीटों पर जीत हासिल की थी। इस बार भी चुनावी माहौल गर्म है और सत्ताधारी पार्टी कांग्रेस के लिए चुनौती बड़ी है।
उत्तराखंड में दो विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं। यहां भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधी टक्कर है। भाजपा ने पिछले चुनावों में राज्य में अच्छा प्रदर्शन किया था, लेकिन इस बार कांग्रेस ने अपनी ताकत बढ़ाने की कोशिश की है।
मुख्य उम्मीदवार और उनके रणनीतिकार:
हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुखू की पत्नी कमलेश ठाकुर ने चुनावी मैदान में अपनी किस्मत आजमाई है। कमलेश ठाकुर के चुनावी रणनीतिकारों ने बड़े स्तर पर प्रचार किया है और मतदाताओं को अपने पक्ष में करने की कोशिश की है।
पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस और भाजपा के बीच सीधा मुकाबला है। भाजपा ने अपने प्रमुख नेताओं को मैदान में उतारा है और पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने भी प्रचार में हिस्सा लिया है।
चुनावी माहौल और प्रशासन की तैयारी:
चुनाव आयोग और प्रशासन ने इन उपचुनावों के लिए पूरी तैयारी कर ली है। चुनावी प्रक्रिया को निष्पक्ष और शांतिपूर्ण बनाने के लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। सभी मतदान केंद्रों पर पर्याप्त संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है और मतदाताओं की सुविधा के लिए सभी आवश्यक इंतजाम किए गए हैं।
हिमाचल प्रदेश में सुक्खू सरकार निष्कासन के प्रयासों से बच गई थी और लोकसभा चुनाव के साथ हुए छह विधानसभा सीटों में से चार पर उपचुनाव जीत गई। राज्यसभा चुनाव में छह कांग्रेस विधायकों और तीन निर्दलीय विधायकों ने भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में क्रॉस वोटिंग कर दी थी।
भाजपा और विपक्ष की स्थिति:
इस उपचुनाव में भाजपा बहुमत से पीछे रह गई और विपक्ष मजबूत दिखा। भाजपा ने इस बार 240 सीटें जीतीं और भारत गठबंधन ने 232 सीटें हासिल कीं। कांग्रेस को कुल 99 सीटों पर कब्जा जमाया।
परिणाम की प्रतीक्षा और संभावनाएं:
उपचुनाव के परिणाम 13 जुलाई को घोषित किए जाएंगे। इन चुनावों के परिणाम विभिन्न राज्यों में राजनीतिक समीकरणों को प्रभावित कर सकते हैं और आगामी चुनावों के लिए संकेत दे सकते हैं। सभी दल और उम्मीदवार परिणाम की प्रतीक्षा कर रहे हैं और उन्हें उम्मीद है कि वे मतदाताओं का विश्वास जीतने में सफल होंगे।
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