सारांश : दिल्ली हाईकोर्ट में अरविंद केजरीवाल की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान, वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने सीबीआई की गिरफ्तारी पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि केजरीवाल एक चुने हुए मुख्यमंत्री हैं, न कि कोई आतंकी, और उनकी गिरफ्तारी संविधान के मूल अधिकारों का हनन है।

Singhvi ने High Court में CBI की गिरफ्तारी पर सवाल उठाया, Kejriwal चुने हुए CM, कोई आतंकी नहीं

दिल्ली हाईकोर्ट में केजरीवाल की जमानत याचिका पर सुनवाई

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की सीबीआई द्वारा गिरफ्तारी को लेकर उनकी जमानत याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कोर्ट में सीबीआई की कार्रवाई पर गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि सीबीआई ने पिछले दो साल में केजरीवाल को गिरफ्तार नहीं किया, लेकिन जब ईडी मामले में उन्हें राहत मिलने वाली थी, तब उन्हें अचानक गिरफ्तार कर लिया गया।


सिंघवी का तर्क

सिंघवी ने कोर्ट के सामने तीन महत्वपूर्ण आदेश प्रस्तुत किए, जिसमें निचली अदालत द्वारा दी गई अंतरिम जमानत, सुप्रीम कोर्ट द्वारा चुनाव प्रचार के लिए मिली अंतरिम जमानत, और हाल ही में ईडी के मामले में दी गई अंतरिम जमानत शामिल है। उन्होंने तर्क दिया कि सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल को जमानत देते समय संतुष्ट था कि वे सबूतों के साथ छेड़छाड़ या गवाहों को प्रभावित नहीं करेंगे।


सीबीआई की कार्रवाई पर सवाल

सिंघवी ने कोर्ट में कहा कि सीबीआई ने 2022 में दर्ज एफआईआर में केजरीवाल को आरोपी नहीं बनाया था। अप्रैल 2023 में उन्हें गवाह के तौर पर बयान देने के लिए बुलाया गया था, जिसमें उन्होंने सहयोग किया। सिंघवी ने इमरान खान के मामले का हवाला देते हुए कहा कि इस प्रकार की गिरफ्तारी हमारे देश में नहीं होनी चाहिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि केजरीवाल की गिरफ्तारी संविधान के आर्टिकल 14, 21, और 22 के तहत मिले मूल अधिकारों का उल्लंघन है।


गिरफ्तारी का आधार

सिंघवी ने कहा कि सीबीआई ने ट्रायल कोर्ट को बताया कि केजरीवाल उनके सवालों के संतोषजनक जवाब नहीं दे रहे थे, इसलिए उनकी गिरफ्तारी जरूरी है। उन्होंने कोर्ट से पूछा कि क्या जांच एजेंसी के मनमाफिक जवाब न देने के लिए किसी को गिरफ्तार किया जा सकता है? उन्होंने कहा कि सिर्फ पूछताछ ही गिरफ्तारी का आधार नहीं हो सकती और यह गिरफ्तारी के लिए पर्याप्त आधार नहीं है।


जस्टिस संजीव खन्ना का आदेश

सिंघवी ने जस्टिस संजीव खन्ना के एक आदेश का हवाला देते हुए कहा कि केवल पूछताछ के आधार पर गिरफ्तारी नहीं हो सकती। उन्होंने कहा कि केजरीवाल की गिरफ्तारी का आदेश ट्रायल कोर्ट का गलत था और इसे रद्द किया जाना चाहिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि केजरीवाल एक चुने हुए मुख्यमंत्री हैं, न कि कोई आतंकी, और उनकी गिरफ्तारी संविधान के मूल अधिकारों का हनन है।

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