सारांश : शुक्रवार को दुनियाभर में इंटरनेट उपयोगकर्ताओं को भारी समस्याओं का सामना करना पड़ा, जिससे अफवाहें और कयासों का बाजार गर्म हो गया। किसी ने इसे तीसरे विश्व युद्ध की दस्तक बताया तो किसी ने साइबर अटैक। परंतु यह सिर्फ तकनीकी गड़बड़ी थी, जिसने एयरलाइंस, बैंक, टीवी चैनल और वित्तीय संस्थानों में उथल-पुथल मचा दी।

Cyberattack या साजिश? Internet ठप और Social media पर अफवाहों की बाढ़


इंटरनेट ठप होने का कारण और प्रतिक्रिया:

शुक्रवार को इंटरनेट उपयोगकर्ताओं ने अचानक ग्लोबल लेवल पर बड़ी रुकावट का सामना किया। इस घटना ने सभी को हैरान कर दिया। माइक्रोसॉफ्ट के उपयोगकर्ता विशेष रूप से प्रभावित हुए। यह समस्या सोशल मीडिया पर गर्म चर्चा का विषय बन गई। किसी ने इसे तीसरे विश्व युद्ध की शुरुआत कहा, तो किसी ने साइबर अटैक का नाम दिया। हालांकि, यह सिर्फ एक तकनीकी गड़बड़ी थी, जिसने इंटरनेट सेवाओं में अवरोध पैदा किया।


क्राउडस्ट्राइक का बयान:

साइबर सुरक्षा कंपनी क्राउडस्ट्राइक के अनुसार, यह समस्या किसी साइबर हमले का परिणाम नहीं थी। इंटरनेट में आई गड़बड़ी की वजह से एयरलाइंस, बैंक, टीवी चैनल और वित्तीय संस्थान प्रभावित हुए। हाल के वर्षों में यह माइक्रोसॉफ्ट विंडोज पर चलने वाले एंटीवायरस प्रोग्राम के खराब सॉफ़्टवेयर अपडेट का परिणाम था।


मिसइंफॉर्मेशन का प्रसार:

सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर इस घटना को लेकर कई प्रकार की गलत सूचनाएं फैलने लगीं। इन अफवाहों से बचने के लिए कई मीडिया प्लेटफार्मों ने ऐसी खबरों को न प्रकाशित करने का निर्णय लिया। यह घटना मिसइंफॉर्मेशन के तेजी से फैलने के खतरों को उजागर करती है। यदि ऐसी सूचनाओं को समय पर नहीं रोका जाए, तो इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं।


सोशल मीडिया पर अफवाहों की बाढ़:

इंटरनेट में आई दिक्कतों के बाद, एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लोग अपने विचार रखने लगे, जिनमें से कई का कोई आधार नहीं था। किसी ने इसे एक नापाक ताकत का हमला बताया, तो किसी ने इसे तीसरे विश्व युद्ध के साइबर युद्ध की शुरुआत करार दिया।


विश्व आर्थिक मंच (WEF) की भूमिका:

कुछ पोस्टों में यह दावा किया गया कि WEF ने एक वैश्विक साइबर हमले की साजिश रची थी। इस सिद्धांत को सत्यापित करने के लिए, कई पोस्टों में एक पुराने WEF वीडियो को जोड़ा गया, जिसमें "कोविड जैसे हालात वाले साइबर हमले" की संभावना के बारे में चेतावनी दी गई थी। WEF की वेबसाइट पर उपलब्ध वीडियो में यह चेतावनी दी गई थी कि साइबर खतरे के तेजी से प्रसार को रोकने का एकमात्र तरीका लाखों कमजोर उपकरणों को एक-दूसरे और इंटरनेट से डिस्कनेक्ट करना होगा।


विश्वभर में प्रभाव:

भारत समेत दुनियाभर में माइक्रोसॉफ्ट के उपयोगकर्ताओं को भारी समस्याओं का सामना करना पड़ा। इंटरनेट व्यवधान पर नजर रखने वाली वेबसाइट डाउनडिटेक्टर पर दुनियाभर के उपयोगकर्ताओं ने इस संबंध में सूचना दी। अमेरिका से लेकर ऑस्ट्रेलिया तक इंटरनेट में रुकावट होने से एयरलाइंस, बैंक, मीडिया और कार्यालयों का कामकाज प्रभावित हुआ।

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