सारांश : हाथरस में हुए भगदड़ कांड में अब तक 121 लोगों की जान जा चुकी है। इस हादसे के मुख्य आरोपी भोले बाबा उर्फ सूरजपाल अभी भी फरार हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ घटनास्थल पर पहुँचकर घायलों से मिले और हालात का जायजा लिया। पूरा जिला शोक में डूबा हुआ है।
उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में मंगलवार को सत्संग के दौरान मची भगदड़ में अब तक 121 लोगों की मौत हो चुकी है। यह हादसा उस वक्त हुआ जब भोले बाबा उर्फ सूरजपाल का सत्संग चल रहा था। भगदड़ में मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है और अब भी 19 शवों की पहचान नहीं हो पाई है। इस हादसे ने पूरे जिले को गहरे शोक में डाल दिया है। अस्पतालों में अपने अपनों की तलाश में पहुंचे परिजन रोते-बिलखते नजर आ रहे हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हादसे के तुरंत बाद हाथरस का दौरा किया। उन्होंने अस्पताल में घायलों से मुलाकात की और उनकी स्थिति का जायजा लिया। इसके बाद वे मृतकों के परिजनों से भी मिले और उनके दुख को साझा किया। इस मामले में पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है, लेकिन इसमें मुख्य आरोपी भोले बाबा का नाम नहीं है। पुलिस का कहना है कि सत्संग की मंजूरी लेने वालों में सेवादारों के नाम थे, इसलिए भोले बाबा का नाम एफआईआर में शामिल नहीं किया गया।
इस सत्संग का आयोजन मानव मंगल मिलन सद्भावना समागम समिति द्वारा किया गया था। आयोजन के प्रभारी देव प्रकाश मधुकर थे, जबकि अन्य प्रमुख सदस्यों में महेश चंद्र, अनार सिंह, संजू यादव, चंद्रदेव और रामप्रकाश शामिल थे। पुलिस भोले बाबा की तलाश में कई जगहों पर छापेमारी कर रही है, जिनमें बदायूं, फर्रुखाबाद, हाथरस, अलीगढ़, कासगंज और एटा शामिल हैं। उम्मीद है कि जल्द ही भोले बाबा पुलिस की गिरफ्त में होंगे।
घटना के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने भी इस मामले पर संज्ञान लिया है। उन्होंने यूपी कांग्रेस चीफ अजय राय को हाथरस भेजा है। हादसे की गंभीरता को देखते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में भी याचिकाएं दायर की गई हैं, जिसमें न्यायिक जांच की मांग की गई है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मामले की जांच के लिए 24 घंटे के भीतर रिपोर्ट तलब की है। अस्पताल और पोस्टमॉर्टम घरों के बाहर परिजन अपने प्रियजनों की तलाश में रोते-बिलखते देखे जा सकते हैं। एटा, आगरा, हाथरस और अलीगढ़ से लोग बड़ी संख्या में पोस्टमॉर्टम ऑफिस पहुंचे हैं।
एफआईआर में ‘मुख्य सेवादार’ देवप्रकाश मधुकर और अन्य सेवादारों के नाम शामिल हैं, लेकिन भोले बाबा का नाम नहीं है। पुलिस का कहना है कि सत्संग की मंजूरी लेने वालों में सेवादारों के नाम थे और परमिशन लेटर में भोले बाबा का नाम नहीं था।
भोले बाबा की तलाश के लिए पुलिस ने मैनपुरी के आश्रम में भी छापेमारी की, लेकिन वह वहां से फरार हो गया। सूत्रों का मानना है कि वह अभी मैनपुरी में ही कहीं छिपा हुआ है। पुलिस उसे पकड़ने के लिए जाल बिछा चुकी है और जल्द ही गिरफ्तार करने की उम्मीद है।
हाथरस भगदड़ में 121 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें 114 महिलाएं और 7 पुरुष शामिल हैं। इस घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है और न्याय की मांग तेज हो गई
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